वतन की राह में बलिदान करने चल दिए
हम अपने आपको क़ुरबान करने चल दिए
वतन की राह में...
ख़ुदारा अब हमारे दुश्मनों की ख़ैर हो
नहीं मुमकिन हमारी सरज़मीं पे ग़ैर हो
हम उनकी मौत का सामान करने चल दिए
हम अपने आपको क़ुरबान करने चल दिए
वतन की राह में...
किसी में दम हो तो आकर हमें अब रोक ले
पीया हो दूध मॉं का तो हमें अब टोक ले
कि वन्दे मातरम् का गान करने चल दिए
हम अपने आपको क़ुरबान करने चल दिए
वतन की राह में...
जो अब टकराएगा हमसे वो मारा जाएगा
कि सीधा मौत के रस्ते उतारा जाएगा
जहां में आज ये ऐलान करने चल दिए
हम अपने आप को क़ुरबान करने चल दिए
वतन की राह में...
बड़ा अरमान था जिसका ये दिल वो पा गया
लो अब फ़ौजी को सरहद से बुलावा आ गया
फ़तेह अब हम विजय अभियान करने चल दिए
हम अपने आप को क़ुरबान करने चल दिए
वतन की राह में...
* यह गीत उन जांबाज़ सैनिकों की ओर से है जिन्हें सरहद से बुलावा आया है
और वे घर से निकल कर पूरे उत्साहके साथ सीमा की ओर जा रहे हैं अपनी
मातृभूमि की रक्षा के लिए तैनात होने को............
* फ़िल्म 'मोहब्बतें' में "चलते-चलते यूँ ही रुक जाता हूँ मैं " को अपना स्वर
देने वाले पार्श्व गायक उद्भव ओझाने इस गीत को गाया था और उनका पहला
रिलीज़ एल्बम भी यही था "तेरी जय हो वीर जवान" जिसके लिए गीत लेखन
व निर्माण किया था अलबेला खत्री ने और कारगिल शहीदों के सम्मान में
रिलीज़ किया था H.M.V.ने ...........ख़ास बात तो यह है कि इसी गीत को सुन कर
श्री यश चोपड़ा ने उद्भव ओझा को मोहब्बतें में गायन कामौका दिया था..............
* सचमुच शब्दों में बहुत शक्ति होती है.........बस ग्रहण करने वाला चाहिए...........
-अलबेला खत्री
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
4 comments:
bahut badhiya geet hai . abhaar
बधाई हो सुन्दर रचना के लिये ।
happy friendship day...
* सचमुच शब्दों में बहुत शक्ति होती है.........बस ग्रहण करने वाला चाहिए...........
सही कहा है आपने।
सचमुच शब्दों में बहुत शक्ति होती है.........बस ग्रहण करने वाला चाहिए
सत्य वचन....
देश भक्ति से ओत-प्रोत सुन्दर रचना पढवाने के लिए आभार
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