Albelakhatri.com

Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

जो मज़ा संन्यास में है, वो कहाँ सहवास में.....

जो मज़ा ऐश्वर्य में है, वो कहाँ सन्त्रास में

जो मज़ा है तृप्तियों में, वो कहाँ है प्यास में


योगरथ को छोड़ कर क्यों रोगपथ पर मैं चलूँ ?

जो मज़ा संन्यास में है, वो कहाँ सहवास में.....




-अलबेला खत्री 

अलबेला खत्री की कवितायेँ

3 comments:

अविनाश वाचस्पति August 17, 2009 at 9:46 PM  

और जो मजा बकवास में है
वो गंभीर बात में कहां
पर यहां तो गंभीर बात में भी
खूब मजा सजा कर रख दिया है।

राजीव तनेजा August 17, 2009 at 9:57 PM  

बात तो सही है.....
जो मज़ा...ऐश्वर्या...
ऊप्स!...सॉरी ऐश्वर्य में.वो कहाँ सन्यास में?
:)

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद August 18, 2009 at 1:28 AM  

सही है जी, जो गम्रभीरता सहवाग की बल्लेबाज़ी में है वो गम्भीर में नहीं:)

Post a Comment

My Blog List

myfreecopyright.com registered & protected
CG Blog
www.hamarivani.com
Blog Widget by LinkWithin

Emil Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Followers

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Archive