पवन जब गुनगुनाती है, तुम्हारी याद आती है
घटा घनघोर छाती है, तुम्हारी याद आती है
बर्क़ जब कड़कडाती हैं, तुम्हारी याद आती है
कि जब बरसात आती है, तुम्हारी याद आती है
तुम्हारी याद आती है, तो लाखों दीप जलते हैं
मेरी चाहत के मधुबन में हज़ारों फूल खिलते हैं
इन आँखों में कई सपने, कई अरमां मचलते हैं
तुम्हारी याद आती है तो तन के तार हिलते हैं
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
4 comments:
बहुत ही खूबसूरती से लिखी गई सुन्दर रचना है, बहुत-बहुत बधाई! अल्बेलाजी, आज आप हमारे ब्लोगर पहचान blog पर नहीं आये??????
बहुत ही खूबसूरती से लिखी गई सुन्दर रचना है, । बधाई
बहुत ही खूबसूरत रचना !!
albela ji , bahut hi sundar kavita ,, sawwn ki boondo ki tarah hai .. man ko choo gayi .. aapko bahut badhai
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