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Albela Khatri

परम पवित्र पर्युषण पर्व पर समस्त मानवता के मंगल हेतु महा मंत्र नवकार का व्याख्या गीत

णमो अरिहंताणं

णमो सिद्धाणं

णमो आयरियाणं

णमो उवज्जायाणं

णमो लोए सव्वसाहूणं


एसो पंच णमोक्कारो

सव्व पाव पणाणो

मंगलाणं सव्वेसिम

पढमं हवई मंगलम



अरिहंतों को नमन करें हम, सब सिद्धों को नमन करें हम

आचार्यों को नमन करें हम, उपाध्यायों को नमन करें हम

साधुजनों को नमन करें हम

णमो णमो अरिहंताणं .............................



नमन दूर है, दुर्लभ है, नमन सरल है, सहज सुलभ है

नमन ज्योति है, नमन शलभ है, नमनमय धरती,नमनमय नभ है

नमन अहर्निश शुभ ही शुभ है


नमन में चित्त लगाएं हम, शुभ ही शुभ फल पायें हम

नमन की ज्योत जलाएं हम, जीवन सफल बनाएं हम

आओ मिल कर गायें हम

बार बार दोहरायें हम

णमो णमो अरिहंताणं .............................



नमन साधुता का शतदल है, नमन की शक्ति अति प्रबल है

नमन सत्य-कर्मों का फल है, नमन की धारा नित अविरल है

नमन करे वह नर निर्मल है

नमन नदी में नहायें हम, सब निर्मल हो जाएँ हम

तम को दूर भगाएं हम, उजियारा फैलाएं हम

आओ मिल कर गायें हम

बार बार दोहरायें हम

णमो णमो अरिहंताणं .............................



नमन से सब दुःख हिल जाते हैं, नमन से संकट टल जाते हैं

नमन से दैविक बल आते हैं, नमन से सब सुख मिल जाते हैं

नमन से मन खिल-खिल जाते हैं


क्यों फिर वक्त गवांयें हम, क्यों पीछे रह जाएँ हम

नमन की नौका बनाएं हम, भवसागर तर जाएँ हम

आओ मिल कर गायें हम

बार बार दोहरायें हम
णमो णमो अरिहंताणं .............................



नमन में मन जब रम जाता है, सब कोलाहल थम जाता है

नमनांकुर जब जम जाता है, काम क्रोध मद शम जाता है

निकट नहीं फ़िर यम आता है


यम से पिण्ड छुडायें हम, प्रभु शरण में जाएँ हम

पग-पग मंगल पायें हम, आनन्द में लहरायें हम

आओ मिल कर गायें हम

बार बार दोहरायें हम

णमो णमो अरिहंताणं .............................












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