Albelakhatri.com

Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

सुणलै मेरे मीत सुणावां आज़ादी दा गीत सुणावां............

सुणलै मेरे मीत सुणावां

आज़ादी दा गीत सुणावां


तैन्कां, तोपां अग्गे खड़के , जलियाँ वाले बाग़ सड़के

शामीं-रात, सवेरे-तड़के, सेहरे वंग कफ़न नूं फड़के

माँ-प्यो-तींवीं-न्याणे छडके ,नाल-हौसले-हिम्मत लड़के

फाँसी दे फन्दे ते चढ़के, कुर्बानी दित्ती वाढ -चढ़के

भिड़े असां तोपां दे मुखालफ़ , करद अते किरपानां फड़के

लोहू बहाया पाणी वंगो

तां सी पाई जीत सुणावां

सुणलै मेरे मीत सुणावां, आज़ादी दा गीत सुणावां ..................


शुरू फेर बर्बादी हो गई

एहोजी आज़ादी हो गई

ला लौ हुण अन्दाज़ा लोको

सवा अरब आबादी हो गई

गल्ल करांगा सीधी सादी, की कुझ करण नूं हन आज़ादी

ढिड भरे ना भरे, हाकम दी जेब भरण नूं हन आज़ादी

जी सद बम- बन्दूक चलाओ, क़त्ल करण नूं हन आज़ादी

नीता-गीता-सीता, सब दा चीरहरण नूं हन आज़ादी

इस हालत विच जी नई सकदे? मरो, मरण नूं हन आज़ादी

जनम-मरण , आमद-खर्चे दा टैक्स भरण नूं हन आज़ादी

तींवीं दाज जे ना ल्यावे तां ...गळ घोंटण नूं हन आज़ादी

रिश्वत-दारू-जुआ-झगड़े

डिस्को दा संगीत सुणावां

सुणलै मेरे मीत सुणावां , आज़ादी दा गीत सुणावां .................

___________________________________
___________________जय हिन्द ________________

1 comments:

राजीव तनेजा August 15, 2009 at 6:26 AM  

बहुत ही ज़बरदस्त....

व्यंग्य की चासनी में लिपटी हुई बेहतरीन रचना

Post a Comment

My Blog List

myfreecopyright.com registered & protected
CG Blog
www.hamarivani.com
Blog Widget by LinkWithin

Emil Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Followers

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Archive