Albelakhatri.com

Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

नक़ल हो गई पास यहाँ पर और पढ़ाई फेल हो गई........

आदर्शों को फाँसी हो गई
और नियमों को जेल हो गई


सुख के बादल बिखर चले हैं,

दु:ख की धक्कमपेल हो गई


किन शब्दों में व्यक्त करूं मैं
हैरत, तुम बतलाओ तो


नक़ल हो गई पास यहाँ पर
और पढ़ाई फेल हो गई

9 comments:

Anjelanima_एंजेला एनिमा August 27, 2009 at 12:11 AM  

नकल पास हो गई और पढ़ाई फेल हो गई
बहुत बढ़िया सर जी...

Fauziya Reyaz August 27, 2009 at 3:13 AM  

hmmm...kya baat hai...bahut khoob

अजित वडनेरकर August 27, 2009 at 4:49 AM  

वाह!!!
क्या बात है। सच्ची सच्ची बात बस चंद लाईनों में कह दी!!!
बुद्धिजीवी लोग इस पर बड़े बड़े समिनार किया करते हैं...

Udan Tashtari August 27, 2009 at 6:39 AM  

यथार्थ आज का!

Urmi August 27, 2009 at 7:08 AM  

वाह छोटी सी प्यारी सी सुंदर सी रचना में आपने सच्चाई का बयान किया है ! बिल्कुल सही कहा है आपने हर एक लाइन में जो हमारे ज़िन्दगी से जुड़ी हुई है!

Gyan Darpan August 27, 2009 at 8:02 AM  

बहुत बढ़िया

ताऊ रामपुरिया August 27, 2009 at 10:37 AM  

सटीक कहा.

रामराम.

Unknown August 27, 2009 at 12:33 PM  

सुन्दर प्रस्तुति!

हिन्दी रही कँटीली की पौध
अंग्रेजी चम्पा की बेल हो गई

राजीव तनेजा August 27, 2009 at 11:04 PM  

ये कलयुग है...

इस युग की...

यही है...
यही है रीत

Post a Comment

My Blog List

myfreecopyright.com registered & protected
CG Blog
www.hamarivani.com
Blog Widget by LinkWithin

Emil Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Followers

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Archive