Albelakhatri.com

Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

आदमी का हर कदम है एक साजिश देखिये....

फ़ित्न-- दौरां में हर लम्हा हवादिस देखिये


अब्र से बरसे है हर दम बर्क़ बारिश देखिये



मुज़्तरिब हो, रो पड़ा है हक़ भी हाल--दहर पर


आदमी का हर कदम है एक साजिश देखिये



इस तरफ़ से उस तरफ़ रक्स--क़यामत हो रहा


उस तरफ़ से इस तरफ़ बिखरी है आतिश देखिये



हर दरो-दीवार पर है दाग़--खून--हुर्रियत


गर्दिश--आलम की ये संगीन क़ाविश देखिये



खौफ़ क्या 'अलबेला' तुमको ख़ंजर--शमशीर का


तेग़--नज़र--बशर की अब क्या है ख्वाहिश देखिये

11 comments:

सदा October 28, 2009 at 10:45 AM  

तेग-ए-नजर-ए-बशर की अब क्‍या है ख्‍वाहिश देखिये,
बहुत ही अच्‍छे भावों के साथ बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

Dr. Shreesh K. Pathak October 28, 2009 at 10:52 AM  

बेहतरीन अलबेला जी बेहतरीन...

Unknown October 28, 2009 at 10:59 AM  

"आदमी का हर कदम है एक साजिश देखिये"

बेहतरीन!

आज के जमाने में साजिश करने वाला आदमी ही तो सुखी रहता है!

पी.सी.गोदियाल "परचेत" October 28, 2009 at 11:10 AM  

लाजबाब शेर !

Murari Pareek October 28, 2009 at 11:22 AM  

waah bahut sundar !!

नीरज गोस्वामी October 28, 2009 at 1:13 PM  

क्या बात है...बहुत खूब...
नीरज

शिवम् मिश्रा October 28, 2009 at 1:20 PM  

बहुत उम्दा नज़्म !

वन्दना अवस्थी दुबे October 28, 2009 at 2:02 PM  

अरे!!!क्या गज़ब-गज़ल लिखी है.

राज भाटिय़ा October 28, 2009 at 2:59 PM  

आप की गजल पढने से पहले मुझे उर्दु फ़ि से सीखनी पडेगी.. अजी जब लिये इतनी गहरी उर्दु लिखो तो साथ साथ मै कठिन शव्दो का मतलब भी साथ मै लिख दिया करे.... चलिये फ़िर से पढते है.
धन्यवाद

Kashif Arif October 28, 2009 at 8:23 PM  

bahut umda.....

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" October 29, 2009 at 1:49 AM  

लाजवाब गजल्!
हर शेर उम्दा !!
वैसे हमें भी भाटिया जी वाली समस्या से दो चार होना पडा :)

Post a Comment

My Blog List

myfreecopyright.com registered & protected
CG Blog
www.hamarivani.com
Blog Widget by LinkWithin

Emil Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Followers

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Archive