Albelakhatri.com

Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

चूसता ही जा रहा दहेज मेरे देश में..........



शादी
की तारीख पक्की

करने से पहले ही

पक्का किया जाता है लगेज मेरे देश में



तब कहीं होती है नसीब

यहाँ बेटियों को

ससुराल की सुहाग सेज मेरे देश में



गरीबों की बेटियों का

ब्याह हो गया है आज

काम बड़ा मुश्किल अंगेज मेरे देश में



रोज़-रोज़ दस-बीस

मासूमों का खून देखो

चूसता ही जा रहा दहेज मेरे देश में



6 comments:

Randhir Singh Suman December 8, 2009 at 8:59 AM  

nice

Unknown December 8, 2009 at 9:29 AM  

पता नहीं दहेज की यह कुप्रथा कभी खत्म होगी भी कि नहीं। दहेज देने का समय आता है तो सभी दहेज विरोधी बन जाते हैं किन्तु लेने के समय किसी को भी दहेज के विरोध का ध्यान नहीं आता।

निर्मला कपिला December 8, 2009 at 10:43 AM  

सच से रूबरु करवाती रचना बधाई

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' December 8, 2009 at 1:38 PM  

आपने तो बहुत ही बढ़िया लिखा है जी!
आपकी आज्ञा हो तो
हम भी इस विषय पर कुछ तुकबन्दी करें।।

अवधिया चाचा December 8, 2009 at 3:00 PM  

बहुत अच्‍छा लिखा आपने हम लोग तो मजे कर चुके, मेरा तीसरा मतलब है कि हमारे दिन तो बीत चुके हमें क्‍या समझना, अब अगलों को समझाऐं क्‍यँकि हम बेटी वाले हैं न

बहुत बढिया लिखा, इसलिए भी और हमारे सहजात को आपको चटका देने की आदत है इसलिए भी चटका न. 4
और अधिक चाहिए तो बताऐं माशाअल्‍लाह हम अवध से 4 चटके ला सकते हैं

shama December 8, 2009 at 3:34 PM  

Jabtak dahez lenewale hain, denewale hongehee honge!
"Gazab Qanoon" pe comment ke liye shukriya! Is qanoon ke bareme jagrukta behad zarooree hai...warna aatankwaad hat nahee sakta!

Post a Comment

My Blog List

myfreecopyright.com registered & protected
CG Blog
www.hamarivani.com
Blog Widget by LinkWithin

Emil Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Followers

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Archive