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Albela Khatri

कमाल है ! इत्ते से सवाल का जवाब न मिला ?



कल एक मामूली सा सवाल पूछा था


और लेखक बिरादरी से पूछा था


किसी राह चलते


अजनबी से नहीं........


लेकिन बड़ी निराशा हुई ये देख कर कि


पूरी रात गुज़र गई....


सिर्फ़ इत्ते से सवाल का जवाब मिला


कि गरजने वाले बादल


आख़िर बरसते क्यों नहीं हैं ?



मित्रो !


जहाँ तक मैं जानता हूँ


मैंने कोई अनर्गल सवाल नहीं उठाया है,


ये एक बहुत ही पुरानी कहावत है कि


गरजने वाले बरसते नहीं............



तो क्या हमें ये मालूम नहीं होना चाहिए


कि ऐसा क्यों ?



सही जवाब देने वाले का स्वागत है......


-अलबेला खत्री


7 comments:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" December 18, 2009 at 9:58 AM  

पता नहीं किसने यह मुहावरा किन परिस्थितियों में बनाया हो ! शायद यह किन्ही बडबोले लोगो की हरकतों पर बनाया गया होगा ! लेकिन मेरा यह मानना है कि बादल अगर गरजने लगे है तो समझो कि "अंधड़" आयेगा ! :)

Murari Pareek December 18, 2009 at 10:13 AM  

बादलों का पता नहीं लेकिन आप तो कल नेताओं पर बरसे थे !!! स्टार वन पे जहरीले नेताओ गुण गाथा सुन कर आनंद आ गया !!! सुन्दर कव्वाली नए रूप में देखा कर मजा आ गया !! मुझे भी अपने साथ मिला लीजिये !!!

Unknown December 18, 2009 at 10:21 AM  

अलबेला जी,

"गरजने वाले बादल बरसते नहीं" तो एक कहावत है जिसे कि अपने कथन को प्रभावशाली बनाने के लिये कहा जाता है।

किन्तु वास्तव में ऐसा नहीं है कि गरजने वाले बादल बरसते ही नहीं हैं, बरसते भी हैं। बरसना न बरसना प्राकृतिक वातावरण पर निर्भर करता है।

vandana gupta December 18, 2009 at 11:36 AM  

har garajne wala badal barse ye jaroori nhi hota........han kai baar garjane wale baadal baras bhi jate hain aur jab wo baraste hain to jam kar hi baraste hain.

अवधिया चाचा December 18, 2009 at 11:50 AM  

गरजने वाले बादल इसलिए नहीं बरसते कि वह जानते हैं जब गरजने से काम चल जाता है तो बरसने की क्‍या आवश्‍यकता है, अगर इस पहेली पर इनाम रखा हो तो कभी अवध आओ तो इस पते पर देजाना नव-वैज्ञानिक खान, हेल्‍मेट बिल्डिंग, निकट सुरक्षित रोड, अवध

अवधिया चाचा
जो कभी अवध न गया

Saleem Khan December 18, 2009 at 8:00 PM  

आपको नए साल (हिजरी 1431) की मुबारकबाद !!!

Rakesh Singh - राकेश सिंह December 19, 2009 at 3:50 AM  

जो बादल अपनी सारी ऊर्जा गरजने मैं ही खर्च देता है, वो कैसे बरसेगा?

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