Albelakhatri.com

Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

बीसवीं सदी में जन्मे इक्कीसवीं सदी के लौहपुरूषजी ! क्या हुआ उन पैसों का ...चुनाव जाते ही भूल गए क्या ?





हे बीसवीं सदी में जन्मे इक्कीसवीं सदी के लौहपुरूषजी,

हे निर्णायक सरकार के प्रणेता मजबूत नेताजी,

________________________सादर प्रणाम !

----------------------------------------जय श्रीराम !


मेरी इतनी औक़ात नहीं कि सूचना आयोग की भान्ति मैं आपश्री
को कोई नोटिस भिजवा सकूं अथवा जवाब तलब कर सकूं,

लेकिन अत्यन्त विनम्रता पूर्वक ये जानना अवश्य चाहता हूँ कि
क्या हुआ उन लाखों करोड़ रुपयों का जो आप स्विस बैंकों के
जबड़े से निकाल कर भारत लाना चाहते थे और जिनके दम पर
देश का अभूतपूर्व विकास करना चाहते थे । जिस माल को मुद्दा
बना कर आपने चुनाव लड़ा था और आपके सिपहसालार अर्थात
स्वयम्भू छोटे सरदार अर्थात आपके सबसे उत्साही झंडाबरदार
ने पूरे गुजरात में करोड़ों रूपये खर्च करके लाखों बैनर और होर्डिंग
लगाए थे हमें यह भरोसा दिलाने के लिए कि बस रुपया आ ही
रहा है ...... गिनने की तैयारी करो..................



हे फीलगुड से फुली लोडेड हाई प्रोफाइल देशभक्तजी,

यद्यपि उन रुपयों में न तो मेरा कोई हिस्सा है, न ही मेरे
स्वर्गवासी पूज्य पिताजी का, लेकिन चूँकि आपने कहा था कि
वो पैसा देश का पैसा है और देश के काम में लगायेंगे इसलिए
देश का एक नागरिक और नागरिक से भी पहले एक मतदाता
होने के कारण मुझे ये जानने का अधिकार है कि आपने उस
दिशा में आगे कुछ कार्यवाही की या "अंगूर खट्टे हैं " स्टाइल
में उसे जहाँ का तहाँ छोड़ दिया है ।


हे रामसेतु की रक्षा का रुद्र शंख बजाने वाले नरपुंगव !

वह सारा प्रचार प्रसार , वह सारा ढोल-ढमक्का केवल जनता को
.............बनाने का फार्मूला था या वास्तव में आपका सदप्रयास
था देश का धन देश में लाने का ? ये सवाल इसलिए खड़ा हुआ है
क्योंकि उसका लाभ तो आपने पूरा ले लिया और काम कुछ
किया ही नहीं । उल्टा आपने लोगों को सावधान और कर दिया
ताकि भूले भटके यदि आपकी सरकार बन जाए तो शपध विधि के
पहले पहले ही लोग अपना माल वहां से निकाल लें ................यह

सन्देह इसलिए जन्म लेने पर तुला है क्योंकि यदि आपकी नीयत
साफ़ होती तो आप पहले ढिंढोरा नहीं पीटते बल्कि सत्ता में आने
के बाद कर के दिखाते .......... खैर छोड़ो, अब क्या इरादा है ?


अगर आप समझते हैं कि आपके चुनाव हारने मात्र से देश की
गरीबी मिट गई है तब तो कोई बात नहीं लेकिन यदि ऐसा नहीं है
तो अब उठ जाइए ...................हार का मातम मनाना छोड़िये
और जुट जाइए इस काम में । अब आप इस मामले को उठाएंगे
पूरा देश आपका साथ देगा , सरकार को भी देना पडेगा लेकिन
यदि आपने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया तो ये कहावत एक बार
सिद्ध हो जायेगी कि गरजने वाले बादल बरसते नहीं ..... तो कहो
क्या इरादा है लौहपुरूष ?



वैसे देखा जाए तो मेरा भी कोई खास इन्ट्रेस्ट नहीं है उन रुपयों में
अथवा आप में , मैंने तो यह लेख सिर्फ़ इसलिए लिखा ताकि चार
ढंग के लोगों की टिप्पणियां मिल जायें और मैं उन्हें देख देख कर
फूल सकूं ......हा हा हा हा हा हा हा




.

5 comments:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" December 9, 2009 at 10:07 AM  

हा-हा-हा... यह भी खूब रही खत्री साहब !

Unknown December 9, 2009 at 11:49 AM  

"... हमें यह भरोसा दिलाने के लिये कि बस रुपया आ ही रहा है ... बस गिनने की तैयारी करो ..."

तो हम अभी भी तो आपको भरोसा दिला रहे हैं ना कि बस रुपया आ ही रहा है ... बस गिनने की तैयारी करो ...

"वह सारा ढोल ढमक्का केवल जनता को ......... बनाने का फार्मूला था"

अजब बेवकूफ़ से पाला पड़ा है जो इतना भी समझ नहीं सकता कि जो पहले से ही ......... है उस फिर से ......... बनाने की क्या जरूरत है?

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" December 9, 2009 at 2:12 PM  

अगले चुनावों के समय इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा...तब तक चादर तानकर सोईए ओर राम-राम भजिए :)

राजीव तनेजा December 9, 2009 at 7:39 PM  

बढिया व्यंग्य...आज अपुन ने भी ऐसी ही पोस्ट लगाई है कि ब्लॉगवाणी पर सबसे ऊपर... :-) ... सब पाठकों की मेहरबानी है

शरद कोकास December 10, 2009 at 3:24 PM  

चार लोगों की टिप्पणियाँ मिल चुकी है ... यह पाँचवी है ..।

Post a Comment

My Blog List

myfreecopyright.com registered & protected
CG Blog
www.hamarivani.com
Blog Widget by LinkWithin

Emil Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Followers

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Archive