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Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

अभी चार साल और जीना चाहता हूँ.....

अभी कुछ फ़र्ज़ अदा करने बाकी है

अभी कुछ क़र्ज़ अदा करने बाकी है


अभी माँ की आँखों के आँसू सूखाने हैं

अभी मुर्शिद से किए कौल निभाने है


अभी मन का मैल धोना शुरू नहीं किया

अभी तेरी याद में रोना शुरू नहीं किया


अभी मैं तेरी देहरी के काबिल नहीं हूँ

अभी मैं अलमस्त-ओ-गाफ़िल नहीं हूँ


चार साल और देदे मौला !

चार साल और देदे दाता !


छियालीस साल तो केवल दिन काटे है

जग में फूल कम, कांटे ज़्यादा बाँटे हैं


अब कुछ साल जीना चाहता हूँ

ज़हर ज़माने का पीना चाहता हूँ


डर मुझे मौत का नहीं, अपने आप का है

अपने ही कर्मों का है, अपने ही पाप का है


तेरे दरबार में

शर्मिन्दा नहीं होना चाहता

इसलिए

या मेरे वाहेगुरु !

या मेरे रब !

बस..थोड़ी सी मोहलत और बख्श दे ........

चन्द साँसों की दौलत और बख्श दे


चार साल बाद आज ही के दिन उठा लेना

पचास पूरे होते ही पास अपने बुला लेना


तेरा कृतज्ञ

तेरा एहसानमंद

तेरा कर्ज़दार


-मैं

13 comments:

दिनेशराय द्विवेदी July 23, 2010 at 8:47 AM  

जन्मदिन पर बधाई! और शुभकामनाएँ!
तुम जियो हजारों साल!....

Udan Tashtari July 23, 2010 at 8:51 AM  

अभी तो बरसों बरस जीना है मित्र.

जन्म दिन मुबारक...बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.

honesty project democracy July 23, 2010 at 10:11 AM  

ये कैसी बहकी-बहकी बातें कर रहें हैं आप ,

अरे आपको नहीं अपनी जरूरत ...
लेकिन इस बेदर्द ज़माने में ....
इंसानों को है इंसानों की जरूरत...
समझे मेरे इन्सान भाई ...
जन्म दिन बहुत-बहुत मुबारक हो

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' July 23, 2010 at 10:15 AM  

आप चार सौ साल तक जियें!
जन्मदिन पर बधाई! और शुभकामनाएँ!

dev July 23, 2010 at 11:38 AM  

आपके जन्मदिन पर मिले आपको सभी का प्यार,

प्रति क्षण लाए नया उत्साह, और खुशियों की बाहार,

खिलते फूलों की तरह, मुस्कान रहे आपके चहरे पर,

आज, कल और पल दर पल.....................

dev July 23, 2010 at 11:59 AM  

आपके जन्मदिन पर मिले आपको सभी का प्यार,

प्रति क्षण लाए नया उत्साह, और खुशियों की बाहार,

खिलते फूलों की तरह, मुस्कान रहे आपके चहरे पर,

आज, कल और पल दर पल.....................

Dr. Zakir Ali Rajnish July 23, 2010 at 12:24 PM  

आप चार नहीं अभी चालीस साल सक्रिय रहें, हमारी यह कामना है।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।
--------
सबसे खूबसूरत आँखें।
व्यायाम द्वारा बढ़ाएँ शारीरिक क्षमता।

vijay kumar sappatti July 23, 2010 at 3:17 PM  

albela ji , bahut hi sahi rachna hai .. bahut jyaada ji karke dukh uthane se accha hai ki kuch hi din jiye aur bina kisi par bojh bane yahan se nikal jaaye .. waise sir ji ... ye rona -gana to mera style hai , aapka to hansne hansaane wala hai .. ye katha ulti shuru kaise ho gayi .. any way .. bahut acchi rachna .. philosphical touch hai ...badhayi

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" July 23, 2010 at 4:57 PM  

चार क्यूँ ? अभी और चालीस जीलें ..
जन्मदिन मुबारक हो !

KAVITA July 23, 2010 at 6:39 PM  

जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।

Asad ali July 23, 2010 at 7:26 PM  

जन्मदिन मुबारक हो सर
और कैसे है आप
आपके ब्लॉग पहली बार पढ़े आच्छे लगे .............

दीपक 'मशाल' July 23, 2010 at 9:28 PM  

Happy B'day to you... aise nahin gaake ke bol raha hoon.. baat theek se nahin ho paayi phn pe.. :(

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार July 24, 2010 at 10:25 AM  

सुप्रिय अलबेला जी ,

जन्म दिवस पर बहुत बहुत बहुत शुभकामनाएं !
मंगलकामनाएं!!

विलंब से ही सही … शुभकामनाएं तो शुभकामनाएं हैं ।

आप कहें कुछ भी , चार क्या चौरासी साल तक तो भगवान के पास जाने की डेट भी नहीं आपके पास , इतनी बुकिंग तो धरती वालों के साथ तय है ।
…और दुआओं की दौलत है वो अलग !

एक बार फिर से Happy Birth Day To You !


शस्वरं पर भी आपका हार्दिक स्वागत है , आइए…

- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं

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