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Albela Khatri

अब मैं सूरत की पुलिस को क्या बताऊँ कि मैंने मेरी वेब साईट कहाँ रखी थी और कौन ले गया ?



प्यारे ब्लोगर बन्धुओ !

आप सभी को मेरा विनम्र जय हिन्द !


गुड़गांव के मेदान्ता मेडीसिटी में डॉ नरेश त्रेहान के यहाँ अपने अग्रज

की चिकित्सा के सिलसिले में व्यस्त रहने के कारण कई दिनों से नेट

पर नहीं आ पाया लेकिन आज आना बहुत ज़रूरी हो गया था इसलिए

हाज़िर हो गया हूँ ।


कुछ दिन पहले किसी ने मेरी मुख्य वेब साईट www.albelakhatri.com

हैक कर ली है और सबकुछ यों साफ़ कर डाला जैसे गधे के सिर से सींग

-----अब ये काम किसी आतंकवादी ने किया है, देशद्रोही ने किया है या

मुझे सताने के लिए किसी सम्मानित ब्लोगर या आदरणीय कवि ने किया

है, ये तो मैं नहीं जानता लेकिन जिसने भी किया है, बख़ूबी किया है ।

वेब साईट तो दोबारा बन जाएगी, लेकिन आप मज़ा लीजिये उस वार्ता का

जो आज पुलिस के साथ हुई :


हुआ यों कि चार दिन पहले २७-०८-२०१० को इचलकरंजी कवि सम्मेलन

के लिए रवाना होते समय मैंने वेब साईट हैकिंग की सूचना पुलिस को देने

के लिए एक अर्ज़ी गुड्डू की माँ को लिख कर दी थी जिसे लेकर सूरत के

चौक बाज़ार थाना पुलिस गई तो अर्ज़ी यह कह कर नहीं ली गई कि स्वयं

अलबेला खत्री को ही आना पड़ेगा लिहाज़ा आज मैं स्वयं गया तो हैरान

रह गया पुलिस का रवैया देख कर..................



पूरे पुलिस थाने में किसी एक आदमी को भी ये नहीं पता कि वेब साईट

क्या होती है ? और साइबर क्राइम किसे कहते हैं ?


कम से कम सात घंटे का समय खराब हो गया लेकिन मैं नहीं समझा

पाया कि मेरे साथ आखिर हुआ क्या है ?


मेरे शहर की पुलिस f.i.r. दर्ज़ करने के बजाय मुझसे पूछती है कि मैंने

मेरी वेब साईट कहाँ रखी थी ? कौन ले गया ? घटना कहाँ घटी ? वेब

साईट की कीमत क्या है ? ये होती क्या है और कितने की आती है ? उसका

बिल कहाँ है ? रिपोर्ट लिखने से क्या होगा ? जब उसे किसी ने चुराया तब

तुम कहाँ थे ? वगैरह वगैरह आदि आदि इत्यादि ऐसे सवाल सुन कर मैं

रोया भी और हँसा भी ...........


अब क्या बताऊँ पुलिस को कि मैंने मेरी वेब साईट कहाँ रखी थी




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- अलबेला खत्री

14 comments:

ब्लॉ.ललित शर्मा August 31, 2010 at 12:01 AM  

ये सब तो बताना पड़ेगा जी,
नहीं तो पुलिस ढूंढ कर कहां से लाएगी?
उसकी उम्र, रंग, पहचान चिन्ह आदि सब बताना पड़ेगा।

राजीव तनेजा August 31, 2010 at 12:24 AM  

जो हुआ...जैसा हुआ...सही नहीं हुआ...
आपकी मनोस्तिथि समझ सकता हूँ...

संगीता पुरी August 31, 2010 at 12:30 AM  

वेबसाइट और थाने की बात छोडिए .. भैया स्‍वस्‍थ है ना ??

पी के शर्मा August 31, 2010 at 6:39 AM  

शुक्र है उन्‍होंने तुम्‍हें अंदर नहीं किया। ये भी कह सकते थे कि खुद चुरा कर रिपोर्ट लिखाने आया है।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' August 31, 2010 at 7:17 AM  

हम भी भैइया के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए बेताब हैं!
--
बेब साइट तो दोबारा बन ही जायेगी!

Majaal August 31, 2010 at 8:31 AM  

भाई साहब, internet पे search करिए " where / how to file complaint for cyber crime " या कुछ ऐसा ही. कुछ मदद मिलेगी.

ऐसा कुछ :
http://indiacyberlab.in/cybercrimes/whattodo.htm

शिवम् मिश्रा August 31, 2010 at 10:13 AM  

सब से पहले वापसी पर आपका स्वागत है !
उस दिन आप से बात करी तो पता चला कि भईया अब पहले से स्‍वस्‍थ है ....जान कर सुकून मिला ! डॉ नरेश त्रेहान और उनकी पूरी टीम को बहुत बहुत धन्यवाद !
रही बात आपकी साईट कि तो वह तो खैर दोबारा बन ही जाएगी ! हाँ परेशानी तो आपको हुयी ही !

Unknown August 31, 2010 at 4:38 PM  

भाई मज़ा आ गया @ अलबेला जी ...
ठीक आपके नाम की ही तरह से अलबेली है ये सूरत पुलिस, इतने अज़ब-गज़ब सवाल कि दिमाग को कोई उत्तर ही न सूझे ...
माफ कीजियेगा अलबेला साहब यहाँ आप ही गलत हैं ... आपको उस चोर की तस्वीर उतार कर ले जनी चाहिए थी ... बल्कि ऐसा क्यूँ नहीं करते कि एक और वेबसाईट कारिड कर अपने बैग में भर के पुलिस को क्यूँ नहीं दिखा देते ... साथ ही एक स्केल और तराजू भी दे दीजिए ताकि नाप तौल करके चोरी का कुछ-कुछ सही अंदाज़ा भी लगाया जा सके ...
खत्री जी गलती तो आप खुद करते हैं और इलज़ाम बेचारे मासूम पुलिसवालों पर थोप देते हो ... (गलत बात)...

जोगेन्द्र सिंह ... (मेरी लेखनी..मेरे विचार..)

समयचक्र August 31, 2010 at 8:50 PM  

तनिक पुलिस वालों कोआप ये भी बता देते की वेव साइड चलती कैसे है .... हा हा

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून August 31, 2010 at 8:51 PM  

आपको चाहिये कि कुछ समय के लिए कवि सम्मेलनों में छुट्टी की अर्ज़ी लगाकर, आप सूरत के पुलिसियों के लिए ब्लागिंग के बारे में कार्यशाला लगाएं :-)

गजेन्द्र सिंह August 31, 2010 at 10:48 PM  

क्या बात है .......
अब चोरी हुई है तो जाच पड़ताल तो होगी ही .....अभी तो आपको ये भी बताना पड़ेगा की क्यों बने थी , क्या आप के पास इसका लाईसेन्स था ......
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/

DR.ASHOK KUMAR September 1, 2010 at 11:01 PM  

बेवसाइट बनाके दिखा दो तब वो ढूढके ला देँगेँ। -: VISIT MY BLOG :- गमोँ की झलक से जो डर जाते हैँ।............गजल को पढ़कर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित हैँ आप इस लिँक पर क्लिक कर सकते हैँ।

Shah Nawaz September 2, 2010 at 4:37 PM  

अलबेला जी आपको यह भी बताना पड़ेगा कि उसके संगी साथी कौन-कौन थे, उसका उठाना-बैठना कहाँ-कहाँ था. बुरा मत मानिये, लेकिन उनको तो जाँच करनी पड़ेगी न, यह ना हो कि आपकी वेबसाइट कहीं किसी लोफर के साथ भाग गयी हो? वैसे वोह बालिग़ तो थी न? ;-)

श्री कृष्ण जन्माष्ठमी की सभी साथियों को बहुत-बहुत बधाई, ढेरों शुभकामनाएं!

Anonymous September 3, 2010 at 1:34 PM  

esa kissa mere sath bhuj me hua tha.jab me train se utri colie ne mera CPU uthaya tha.police lene nahi jane deti thi.unhone puchha kya he ye.mene kaha CPU to unhone kaha iska matlab kya hai.aap ise le nahi ja sakte.fir mene unko samjaya ki iska istemal kahan hota he aur kyun karte he.tab ek ladka aya aur bola jane djiye madam ko me inko janta hu.isme koi galat chiz nahi he tab mujhe jane diya.ese to bahut sare kisse he.

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