चलो धुंधलका हटा
एक बड़ा काम पटा
असमंजस का कुहासा तंग कर रहा था
वैमनस्यता का सियाह रंग भर रहा था
आज आकाश कुछ और खुल गया है, यों लगता है
सबको अपना इन्साफ़ मिल गया है, यों लगता है
मन मेरा भी ख़ुश है, शुक्रगुज़ार है
फ़ैसले का स्वागत बार - बार है
निर्णय भी हुआ और न्याय भी.............
ये शुभ संकेत हैं
शेष हम सचेत हैं
सम्मान हो इस फ़ैसले का तो हमारी शान है
क्योंकि ये अब एकता का हिन्दोस्तान है
अब ज़रूरत ही नहीं है गाँठ के उलझाव की
हाथ में जब आ गई हैं कुंजियाँ सुलझाव की
अब अमन के देश को सौहार्द्र की शक्ति मिले
अब वतन को मज़हबी षड्यंत्रों से मुक्ति मिले
हैं यही शुभकामनायें
हैं यही शुभकामनायें
हैं यही शुभकामनायें
अब अमन के देश को सौहार्द्र की शक्ति मिले
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झूम झूम उठे नागपुर के काव्यप्रेमी हिन्दी कविताओं पर
गज़ब का माहौल था भाई ..............
गज़ब का हंगामा था.........
अनेक मन्त्री, विधायक और उच्चाधिकारी जन लगातार ठहाके
लगा रहे थे और तालियाँ बजा बजा कर कवियों को दाद दे रहे
कुल मिला कर मज़ा आ गया नागपुर में प्रोग्राम करके । आप
लोग भी जब वहां का वीडियो देखोगे तो झूम उठोगे...........बहुत
जल्दी उपलब्ध करवाऊंगा ।
अरे हाँ !
आप अभी तक यदि विचार ही कर रहे हैं तो मेरा अनुरोध है कि
विचार बाद में कर लेना पहले आपने आप को पंजीकृत करलें
http://www.albelakhatri.com/ पर
आम के आम और गुठलियों के दाम के साथ एक बार फिर सभी ब्लोगर मित्रों से अलबेला खत्री का विनम्र निवेदन
प्यारे ब्लोगर मित्रो !
एक बार फिर सादर नमस्कार !
एक बार फिर इसलिए क्योंकि अब तक के नमस्कार अपेक्षित
परिणाम नहीं दे सके । लिहाज़ा ये मेरा एक और प्रयास है, कदाचित
इस बार सफलता मिलेगी, ऐसा मेरा विश्वास तो है परन्तु उसे
पूर्णरूपेण सफल आप को ही करना है ।
समय-समय पर मैंने अनेक प्रयास किये जिनसे मुझे उम्मीद थी कि
आप लोग उनका लाभ लेकर अपने लेखन से व्यावसायिक स्तर पर
अर्थ और यश, दोनों प्राप्त करेंगे, परन्तु कुछ तो आपकी ओर से
सजगता नहीं मिली, कुछ मैं भी व्यस्तता के कारण लगातार आपके
पीछे पड़ कर काम नहीं करवा सका इसलिए परिणाम केवल उन्हें ही
मिला जिनकी रचनाएँ मैंने वैयक्तिक रूप से श्रम करके विभिन्न
स्थानों तक पहुंचाई । अब आलम ये है कि मेरी व्यस्तता तो आगे
भी यों ही रहेगी, आपको भी फ़ालतू माथा मारने की फ़ुर्सत नहीं है,
लिहाज़ा एक बार फिर नमस्कार कर रहा हूँ एक नये प्रयास के साथ :
मुद्दे की बात ये है कि
आप में से बहुत से लोग फ़िल्म-टी वी इत्यादि माध्यम में लेखन
करने में समर्थ हैं तथा आपकी बहुत ज़रूरत भी है आज फ़िल्म
और टी वी को । मैं इन में कार्यरत विभिन्न लोगों से सीधा जुड़ा हूँ
इसलिए जब भी वे कहते हैं कि कोई लेखक बताओ, गीतकार
बताओ, गायक बताओ, संगीतकार बताओ आदि आदि तो मैं उन्हें
बताता रहता हूँ लेकिन इतना समय तो मेरे पास भी नहीं कि
जिसका नाम मैं बताऊँ, उसका प्रोफाइल भी मैं बनाऊं और उसका
सम्पर्क सूत्र भी मैं बनूँ, साथ ही उसे काम दिला कर, पैमेन्ट करवाने
की ज़िम्मेदारी वहन कर सकूँ..........यदि करूँ भी तो इसमें दो खतरे
हैं - पहला तो ये कि बीच में कमीशन खाने का आरोप लग सकता है,
दूसरा ये कि यदि किसी महिला के लिए कहा तो कहने वाले कुछ
भी कह सकते हैं - लिहाज़ा मैंने एक रास्ता निकाल लिया है और
इतना उम्दा रास्ता निकाल लिया है कि आपको बिना कोई
अतिरिक्त प्रयास किये, घर बैठे यश और पैसा दोनों मिल सकते
हैं . मज़े की बात ये है कि आपको सिर्फ़ अपने आपको प्रमोट
करना है । जितनी मेहनत आप अपने ब्लॉग में पोस्ट लगाने में
करते हैं उससे भी कम मेहनत से आप अपनी लोकप्रियता बढ़ा
सकते हैं और साथ ही पैसा भी कमा सकते हैं । मैंने बड़ी लम्बी
सोच के बाद ये काम हाथ में लिया है यदि आप चाहें तो इसका
भरपूर लाभ ले सकते हैं ।
मेरी वेब साईट www.albelakhatri.com पिछले दिनों हैक हो गई
थी, परन्तु अब दुबारा वह शुरू कर दी गई है भले ही अभी काम पूरा
नहीं हुआ है लेकिन आप वहां विज़िट ज़रूर कर सकते हैं
आपको सिर्फ़ इतना करना है कि जब आपको निमन्त्रण मिले,
इस वेब साईट पर ख़ुद को पंजीकृत करना है और आधी अधूरी
नहीं, बल्कि पूरी प्रोफाइल भरनी है, अपने फोटो, वीडियो,
आलेख, ब्लॉग के लिंक तथा सबसे ज़्यादा ज़रूरी आपको अपनी
केटेगिरी (श्रेणी) ध्यानपूर्वक चुननी है - मसलन कवि, हास्यकवि,
लेखक, स्टेज सिंगर, प्ले बैक सिंगर, संगीतकार, अभिनेता,
डान्सर, कोरियोग्राफर, मॉडल, मिमिक्री या कॉमेडियन,
मंच संचालक इत्यादि में से अपनी श्रेणी पसन्द करके अपना
प्रोफाइल वहां रखना है, एक व्यक्ति कितनी भी श्रेणी रख सकता
है, इस पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है ।
आपका काम, यहाँ पूरा नहीं हुआ बल्कि यहाँ से शुरू होता है । आप
जितनी बार वहां विज़िट करेंगे और अपने आप को अप डेट करेंगे,
चैटिंग करेंगे, अपने लिंक छोड़ेंगे, मित्र समूह बनायेंगे अथवा
फोटो- वीडियो अप लोड करेंगे उतनी बार आपको कुछ पॉइंट मिलेंगे ।
जितनी बार करेंगे उतनी बार आप पॉइंट कमाएंगे । हर महीने सबके
पॉइंट आंके जायेंगे तब जिनके पॉइंट सर्वाधिक होंगे वे
www.albelakhatri.com की ओर से विशेष प्रशंसा के साथ साथ
नकद पुरस्कार के भी अधिकारी होंगे । अब वह नगद राशि कितनी
होगी या होनी चाहिए, ये आप बताएं साथ ही ये भी सुझाएँ कि केवल
एक को पुरस्कृत किया जाये या प्रथम, द्वितीय, तृतीय कुल तीन
जन को........?
मेरा काम यहाँ पूरा हो गया । यदि आपने अपनी समूची प्रतिभा का
परिचय वहां दर्शा दिया और मैंने अपने परिचित प्रोडक्शन हाउसेस
को केवल आपके लिंक तक पहुंचा दिया तो फिर बाकी काम तो ख़ुद
आपको ही करना है क्योंकि वे लोग आपसे सीधा सम्पर्क करेंगे और
आपभी उनसे सीधे ही सब तय करेंगे । हाँ, जहाँ ज़रूरत पड़ी, वहां मैं
भी आपको साथ खड़ा मिलूँगा ।
इस काम में आपको एक नया पैसा भी खर्च नहीं आएगा, बिजनैस मिला
तो एक पैसा भी कोई बीच में नहीं खायेगा और कोई गलत तत्त्व आपको
गोल गोल घुमायेगा भी नहीं ।
जल्द से जल्द याने एक या दो दिनों में ही ये सुविधा आपके लिए
आरम्भ कर रहा हूँ कृपया उसका लाभ ज़रूर लेवें........यदि कोई बड़ा
काम मिल गया तो जय हिन्दी की यदि नहीं भी मिला तब भी आपको
अपने पॉइंट तो प्राप्त होंगे ही और अतिरिक्त प्रचार-प्रसार मिलेगा वो
बोनस ! तो बोलो- जय हिन्द !
कल मेरा नागपुर में कवि सम्मेलन है, वो करके वापिस सूरत लौटूंगा,
तब तक काम पूरा हो चुका होगा, मैं रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर
दूंगा लेकिन तब तक आप अपने फोटो, वीडियो और प्रोफाइल तैयार
रखिये............
यदि आप इस आलेख को सार्थक और मेरे काम को उपयोगी
समझते हों, तो ही टिप्पणी करें केवल मुझे शाबासी अथवा मित्रतावश
वाह वाह स्वीकार्य नहीं होंगी साथ ही ये ज़रूर लिखें कि राशि
कितनी रखनी है मासिक पुरस्कार की और कितने लोगों को
पुरस्कृत किया जाना चाहिए - एक या तीन ?
मेरा इस पूरे झमेले को तैयार करने का एक ही मकसद है कि
आप ज़्यादा से ज़्यादा सक्रिय रहें और अधिकाधिक लोकप्रियता
प्राप्त करें ।
जय हिन्दी
जय हिन्द !
- अलबेला खत्री
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मलिक दिनार का अनमोल वचन
जिन्हें ईश्वर की स्तुति
और ईश्वर का स्मरण करने के बदले
लोगों को शास्त्रों के वचन सुनाना ही अच्छा लगता है,
प्राय: उन सब का ज्ञान ऊपरी है, जीवन सारहीन है
-मलिक दिनार
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किसी एक को श्रेष्ठ बताना मेरे बस की बात नहीं
धर्म के नाम पे रक्त बहाना मेरे बस की बात नहीं
अपने घर में आग लगाना मेरे बस की बात नहीं
पौड़ी-आयत-ऋचा-वर्ड-लोगास-ताओ सब प्रिय मुझको
किसी एक को श्रेष्ठ बताना मेरे बस की बात नहीं
यों तो मैं भी स्वार्थ के वश मैला हो जाया करता हूँ
किन्तु वतन पर दाग़ लगाना मेरे वश की बात नहीं
बेशक मुझको मदिरा पीने में संकोच नहीं लेकिन
पितृपक्ष में पैग लगाना मेरे बस की बात नहीं
कवि-सम्मेलन के मंचों पर गीत सुनाया करता हूँ
सड़े-गले चुटकुले सुनाना मेरे बस की बात नहीं
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शुक्ल पक्ष से भी ज़्यादा धवल ये कृष्णपक्ष है
न सत्तापक्ष है
न प्रतिपक्ष है
अब पन्द्रह दिन तक
केवल
पवित्र पितृपक्ष है
ये वो उज्ज्वल मुहूर्त है
जब हमारे पुरखे हमें उम्मीद से देखते हैं
ये वो पावन पखवाड़ा है
जब हम हमारे मूल को करीब से देखते हैं
इस घड़ी में
सात्विक
और
आध्यात्मिक वातावरण हमारे जीवन में हो
पूर्वजों का श्रद्धा पूर्ण श्राद्ध घर-आँगन में हो
परम्परा ही नहीं
पितृ-तर्पण धर्माधारित फ़र्ज़ भी है अपना
पितृदोष दूर करना
वंशज के नाते बकाया कर्ज़ भी है अपना
हम चुकाएं कर्ज़ अपना
हम निभाएं फ़र्ज़ अपना
शुक्ल पक्ष से भी ज़्यादा धवल
ये कृष्णपक्ष है
ये पितृपक्ष है !
ये पितृपक्ष है !
ये पितृपक्ष है !
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