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Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

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Albela Khatri

क्योंकि मैंने सुना है............

मार्ग

कोई भी

सरल नहीं है

____________इसलिए

जीवन

शुष्क है

तरल नहीं है



मैं

मरुस्थल में

पाताल की

नमी खींचने का प्रयास कर रहा हूँ


यानी

अपनी

आँखों के जल से

धोरे सींचने का प्रयास कर रहा हूँ


मेरा परिश्रम

बचकाना हो सकता है

परन्तु

व्यर्थ नहीं होगा


क्योंकि मैंने सुना है

बच्चों की पुकार

भगवान जल्दी सुनता है


-अलबेला खत्री



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5 comments:

राजीव तनेजा June 23, 2011 at 6:39 AM  

सत्य वचन

योगेन्द्र मौदगिल June 23, 2011 at 9:53 AM  

kya baat hai......bhavotprerak rachna...sadhuwad..

Urmi June 23, 2011 at 12:22 PM  

वाह! खत्री जी! जीवन क्या है इसके सही मतलब आपने समझा दिया है! अद्भुत सुन्दर पंक्तियाँ!

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " June 24, 2011 at 10:59 AM  

लीक से हटकर ..बहुत सुन्दर,भावपूर्ण रचना अलबेला जी

संगीता स्वरुप ( गीत ) June 24, 2011 at 10:04 PM  

विचारणीय प्रस्तुति ...

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