tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post1469092034236223380..comments2024-03-02T14:16:26.676+05:30Comments on Albelakhatri.com: पैदा तो कर दिये मज़े मज़े में लेकिन पाल नहीं पा रहा हूँ, इसलिए तुम्हें मार रहा हूँ मेरे बच्चों ! मुझे माफ़ कर देनाAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-49347889613827101702010-01-26T09:50:09.739+05:302010-01-26T09:50:09.739+05:30किसी अपने को ही धवस्त करना दुखद होता है...शायद मुझ...किसी अपने को ही धवस्त करना दुखद होता है...शायद मुझे भी ऐसा ही ना करना पड़ जाए...राजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-17297260787189291452010-01-24T16:02:35.933+05:302010-01-24T16:02:35.933+05:30अलबेला जी हम तो इतना ही कहेन्गे
नानी ने खसम किया ब...अलबेला जी हम तो इतना ही कहेन्गे<br />नानी ने खसम किया बुरी बात है<br />पर<br />करके छोड दिया तो ये बहुत ही बुरी बात है<br /><br />लोगो के टेस्ट को दोष मत दीजिये.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13199219119636372821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-91542010843937005442010-01-24T14:03:00.622+05:302010-01-24T14:03:00.622+05:30Khed hai..Khed hai..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-7787521034545771092010-01-24T13:47:56.947+05:302010-01-24T13:47:56.947+05:30अरे ऎसा मत कीजिए। माना कि निजी व्यवस्तताओं के चलते...अरे ऎसा मत कीजिए। माना कि निजी व्यवस्तताओं के चलते इतने चिट्ठों को सुचारू रूप से चला पाना एक दुरूह कार्य है...लेकिन आप क्यों बालहत्या का पाप अपने सिर लेते हैं...ये भी पडे रहेंगें किसी कोने में...बस कभी कभार एक आध पोस्ट चेप दिया करें!Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.com