tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post1741289491464648004..comments2024-03-02T14:16:26.676+05:30Comments on Albelakhatri.com: शक्लें देखो इन युवा मंत्रियों कीAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-84816782357163743892009-05-24T11:57:24.510+05:302009-05-24T11:57:24.510+05:30" चल हवा आने दे......"
Waah waah!!!
Lekin desh ki..." चल हवा आने दे......"<br />Waah waah!!!<br /><br />Lekin desh ki to hawaa band hai..<br />aane kahaan se den??<br /><br />Waise bhi Rahul to parde ke peeche se sabako nachaataa hai..<br />To fir ek maamuli saa mantri ban ke kyaa karane kaa???<br />Bole to, pecche rahane kaa aur shaan se jeene kaa!!!!!!!!!जयंत - समर शेषhttps://www.blogger.com/profile/13334653461188965082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-30285465138640446742009-05-24T01:08:16.554+05:302009-05-24T01:08:16.554+05:30अलबेला भाई नमस्कार. आप जितने खुबसूरत है, ब्लॉग भी ...अलबेला भाई नमस्कार. आप जितने खुबसूरत है, ब्लॉग भी आपने उतना ही खुबसूरत बना रखा है. सामग्री का तो कहना ही क्या! <br />इतनी सरलता से आपने व्यंग लिखा हैं, सबके बस में संभव नहीं है. हमारा समाज लम्बे समय से मानसिक रूप से इस लिए पिछड़ा हुआ रहा कि हमारे राजनीतिज्ञओं की सोची-समझी चाल रही है कि जन साधारण हमेशा पिछड़ा ही रहे, और नारकीय जीवन गुजारे, यह व्यवस्था आदि युग से चली आ रही है. धूर्त लोग इसे राजनीती का हतियार बना डाला. हम प्रगतिशील न बने ऐसी इन्होने व्यवस्था रची. परिणाम स्वरुप दस्यु एवं दस्युसुंदरी का पदार्पण हुआ. और कालांतर में इन्हें भी राजीनति करने दिया गया. फिर हमारी सामाजिक-राजनीती परिवेश ऐसा बदला कि अच्छे -अच्छे लोग समझ नहीं पाए. लम्बे समय से गिद्ध की दृष्टि रखने वाली पार्टी भी जनता को नोच-नोच कर खाने के जुगार में लगी रही. फिर सांप्रदायिक पार्टी भी को मिला. जनता को बेवकूफ बनाने लगी. ऐसी पार्टी के लोग सांप्रदायिक कट्टर नास्तिक हैं. सिर्फ जनता को भएभीत कर फिर उनसे अपना उल्लू सीदा करना ही उनका मकसद रहा है, कहने को तो बहुत कुछ हैं पर---- फिर अलबेला साहब आपको शुक्रिया इस लिए की आपने मेरा ब्लॉग देखा और अपनी प्रतिक्रिया देकर मेरा सम्मान बढाया. <br />अरुण कुमार झा मेरे वेबसाइट और ब्लॉग पर आपका एक बार फिर स्वागत है, www.drishtipat.com & http://drishhtipatpatrika.blogspot.com. http://ranchihalchal.blogspot.comKumar Anuraghttps://www.blogger.com/profile/16516312833064593142noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-34365860862674396392009-05-23T21:35:58.457+05:302009-05-23T21:35:58.457+05:30"राजीव गांधी, वी.पी.सिंह, चंद्रशेखर और डा. मनमोहनस..."राजीव गांधी, वी.पी.सिंह, चंद्रशेखर और डा. मनमोहनसिंह में क्या फ़र्क है- मैंने कहा-राजीव गांधी का प्रधानमंत्री बनना ये दर्शाता है कि कोई भी आदमी, हमारे देश का प्रधानमंत्री बन सकता है, वी.पी. सिंह ने ये साबित किया कि कोई भी आदमी जब प्रधानमंत्री बन जाता है, तो देश की हालत क्या हो जाती है, चंद्रशेखर को देखकर हमें भरोसा हो गया कि इस देश का काम बिना प्रधानमंत्री के भी चल सकता है और डा. मनमोहन सिंह की ऊर्जा बताती है कि कुर्सी मिल जाए तो बुढ़ापे में भी जवानी के वायरस जेनरेट हो जाते हैं"<br /><br />क्या तुलना की है.. बहुत करारा मारा..रंजनhttp://aadityaranjan.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-37029968628054165612009-05-23T16:25:56.504+05:302009-05-23T16:25:56.504+05:30बढ़िया लेख, अभी बहुत साल लगेंगे अपने देश में युवा ...बढ़िया लेख, अभी बहुत साल लगेंगे अपने देश में युवा की परिभाषा बदलने में। अब ७८ साल के प्रधानमंत्री जी के लिये ६० वाले तो युवा ही हुए ना!!नितिन | Nitin Vyashttps://www.blogger.com/profile/14367374192560106388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-78893482387410602662009-05-23T15:06:21.421+05:302009-05-23T15:06:21.421+05:30ठीक, मदारी की तरह नेता करे कमाल।
औसत मंत्री-उम्र ह...ठीक, मदारी की तरह नेता करे कमाल।<br />औसत मंत्री-उम्र है साढ़े बासठ साल।।<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन <br />09955373288 <br />www.manoramsuman.blogspot.com<br />shyamalsuman@gmail.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.com