tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post6767559666036330315..comments2024-03-02T14:16:26.676+05:30Comments on Albelakhatri.com: कहो कुमार विश्वास ! आपका पुंगीवादन समारोह कहाँ से शुरू किया जाये ? जयपुर से या जबलपुर से ?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-77600655117808310712021-01-27T07:44:34.169+05:302021-01-27T07:44:34.169+05:30क्या आप कविता, कहानी, गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, दोहे अथव...क्या आप कविता, कहानी, गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, दोहे अथवा हिंदी भाषा की किसी भी विधा में लेखन करते या लिखने की इच्छा रखते हैं ? क्या आप एक भव्य मंच की तलाश में हैं ? क्या आप अपने कृतित्व को सही आयाम देना चाहते हैं ? यदि हां तो हम आपकी सहायता करेंगे। देशभर के प्रबुद्ध साहित्य सेवियों और सुप्रसिद्ध साहित्यकारों की संस्था से जुड़िए, अखिल भारतीय स्तर की हिन्दी सेवी संस्था अखिल भारतीय साहित्य परिषद की जयपुर शहर की इकाई में।<br />इच्छुक व्यक्ति सम्पर्क करें : सूर्यकान्त कुलश्रेष्ठ, जयपुर सम्पर्क सूत्र 09001290030suryakanthttps://www.blogger.com/profile/05387694849906163731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-15963888354482967212011-04-14T21:47:26.662+05:302011-04-14T21:47:26.662+05:30पुंगी वादन जारी रहे
तब तक जब तक व्यक्तिव में उनके ...पुंगी वादन जारी रहे<br />तब तक जब तक व्यक्तिव में उनके निखार न आ जायेबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-73896215943921852452011-04-11T17:56:38.231+05:302011-04-11T17:56:38.231+05:30@ अन्तर सोहेल जी !
क्या कहें से क्या मतलब है ? वह...@ अन्तर सोहेल जी !<br />क्या कहें से क्या मतलब है ? वही कहो जो जानते हो ..आप तो होशियार आदमी हो बन्धु, सब को भली-भान्ति पहचानते हो<br /><br />@ राजेन्द्र स्वर्णकारजी !<br />किसी की रचना को चुराना उसकी औलाद चुराने से कम नहीं है भाईजी ! ऐसे लोगों का विरोध तो होना ही चाहिए........<br /><br />@ शिवम् मिश्रा जी !<br />बस यही शुभकामनायें बहुत हैं मित्र ! बाकी तो मैं हूँ न !<br /><br />आपका आभारAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-9957131697856369762011-04-11T14:17:33.802+05:302011-04-11T14:17:33.802+05:30अलबेला जी
प्रणाम !
मैं मेरे पास आई निम्नलिखित मेल ...अलबेला जी<br />प्रणाम !<br />मैं मेरे पास आई निम्नलिखित मेल से ही रोमांचित हूं … और आपके यहां तो फुलझड़ी की जगह एटमबम फोड़े जा रहे हैं … :) अगली कड़ियों का इंतज़ार रहेगा बस … <br /><br />************************************************<br /><br />मेरे पास आई एक मेल :-<br /><br />एक चोरी के मामले की सूचना :- दीप्ति नवाल जैसी उम्दा अदाकारा और रचनाकार की अनेको कविताएं कुछ बेहया और बेशर्म लोगों ने खुले आम चोरी की हैं। इनमे एक महाकवि चोर शिरोमणी हैं शेखर सुमन । दीप्ति नवाल की <b><a href="http://www.deeptinaval.com/lamha-gulzars_chalo_dur_tak.html" rel="nofollow"> यह कविता यहां उनके ब्लाग पर </a></b> देखिये <br />और इसी कविता को महाकवि चोर शिरोमणी शेखर सुमन ने अपनी बताते हुये<b><a href="http://urvija.parikalpnaa.com/2010/11/blog-post_17.html" rel="nofollow">वटवृक्ष ब्लाग पर हुबहू छपवाया</a></b> है और बेशर्मी की हद देखिये कि वहीं पर चोर शिरोमणी शेखर सुमन ने टिप्पणी करके पाठकों और वटवृक्ष ब्लाग मालिकों का आभार माना है. इसी कविता के साथ कवि के रूप में उनका परिचय भी छपा है. इस तरह दूसरों की रचनाओं को उठाकर अपने नाम से छपवाना क्या मानसिक दिवालिये पन और दूसरों को बेवकूफ़ समझने के अलावा क्या है? सजग पाठक जानता है कि किसकी क्या औकात है और रचना कहां से मारी गई है? क्या इस महा चोर कवि की लानत मलामत ब्लाग जगत करेगा? या यूं ही वाहवाही करके और चोरीयां करवाने के लिये उत्साहित करेगा?Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-23749122811448068492011-04-11T10:59:09.923+05:302011-04-11T10:59:09.923+05:30अलबेला भाई ... सिर्फ़ इतना ही कह सकता हूँ ... सत्य...अलबेला भाई ... सिर्फ़ इतना ही कह सकता हूँ ... सत्यमेव जयते ... सदा सदा जयते ...!! मेरी हार्दिक शुभकामनाएं आपके साथ थी, है और रहेंगी !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-43050339225512219642011-04-11T10:37:34.397+05:302011-04-11T10:37:34.397+05:30@ दीपक मशालजी !
आपका कहना सही है, मेरा पूरा प्रय...@ दीपक मशालजी !<br />आपका कहना सही है, मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि इस भ्रष्ट आचरण को सबके सामने ला सकूँ<br /><br />@किलर झपाटाजी !<br />अब पुंगी तो बज कर ही रहेगी<br /><br />@ललित शर्माजी !<br />भाला बो दिया गया है भाईजी............<br /><br />आप सब का धन्यवादAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-11338875073025153542011-04-11T10:29:22.511+05:302011-04-11T10:29:22.511+05:30क्या कहें?
प्रणामक्या कहें?<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-87568300001288998542011-04-11T10:00:31.566+05:302011-04-11T10:00:31.566+05:30इसकी तो सच्ची में पुंगी बजा दो दादा। बताओ आपसे इतन...इसकी तो सच्ची में पुंगी बजा दो दादा। बताओ आपसे इतना छोटा होकर आपको खड़े नाम से पुकारता है कमअकल। दादा मैने न आज यूट्यूब पर भी इस कुम्मू की क्लिपिंग देखी। उसमें भी एक जगह आपको यह खड़े नाम से पुकार रहा था। ये हाँगकाँग आयेगा ना तो इसे एक धोबी पछाड़ जरूर मारूँगा ही ही।किलर झपाटाhttps://www.blogger.com/profile/07325715774314153336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-12010984336121469132011-04-11T08:40:39.421+05:302011-04-11T08:40:39.421+05:30जो तोको कांटा बुवे, ताहि बोव तू भालाजो तोको कांटा बुवे, ताहि बोव तू भालाब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-60338076185744941862011-04-11T05:22:15.989+05:302011-04-11T05:22:15.989+05:30Bhrasht aachran kaheen bhi, kisi bhi tarah ka ho a...Bhrasht aachran kaheen bhi, kisi bhi tarah ka ho aur chaahe kisi ke bhee dwara kiya gaya ho, use logon ke saamne lana hi chahiye..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.com