tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post8488771633421234122..comments2024-03-02T14:16:26.676+05:30Comments on Albelakhatri.com: संगीता पुरी जी ! "वत्स" जी ! कृपया बताइये.....क्या यह एक संयोगमात्र हैं या कोई दैवीय चमत्कार ....?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-83913977022276902072009-12-12T07:05:53.701+05:302009-12-12T07:05:53.701+05:30अब क्या कहें ... बस इतना ही कह सकता हूँ की .... आ...अब क्या कहें ... बस इतना ही कह सकता हूँ की .... आपकी बुलंदी बनी रहे ..Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-79304160562856324512009-12-11T22:59:27.964+05:302009-12-11T22:59:27.964+05:30धन्य हुए हम यहाँ आकर
जय हो ...जय होधन्य हुए हम यहाँ आकर <br />जय हो ...जय होप्रकाश गोविंदhttps://www.blogger.com/profile/15747919479775057929noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-38163929610648202472009-12-11T21:02:20.504+05:302009-12-11T21:02:20.504+05:30जिज्ञासा शान्त हो जाए तो हमें भी वताना जी!जिज्ञासा शान्त हो जाए तो हमें भी वताना जी!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-61322665899659826672009-12-11T20:07:38.381+05:302009-12-11T20:07:38.381+05:30जो कुछ है अच्छा ही है। आप ने भी चौड़े में सवाल पूछ...जो कुछ है अच्छा ही है। आप ने भी चौड़े में सवाल पूछा है। दस ज्योतिषियों से पूछते तो जवाब दस तरह के मिलते। हर ज्योतिषी अलग ग्रह का हिसाब बता जाता। आप के लिए समय अच्छा है। यह बार बार नहीं आएगा। जो भी कमा सकते हों कमा लीजिए और जमा कीजिए संभावित बुरे वक्त के लिए। वह बिना कहे आता है और उसे कोई ग्रह नहीं रोक पाता।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-25703724546241267552009-12-11T18:03:01.535+05:302009-12-11T18:03:01.535+05:30अल्बेला जी, साधारण शब्दों में तो हम इसे संयोग ही क...अल्बेला जी, साधारण शब्दों में तो हम इसे संयोग ही कह सकते हैं। संयोग जो कि हमारे इस सृष्टि-क्रम का ही एक अनिवार्य भाग है। जिनके घटित होने पर इन्सान की इच्छाओं या विचारों से इनका कोई लेन-देन नहीं होता। हमारे जीवन से जुडे सुख-दु:ख, हानि-लाभ के पीछे इस प्रकार के संयोग भी एक बडा कारण सिद्ध हो जाते है। लेकिन यदि गहराई से देखा जाए तो जीवन मे संयोग नाम की कोई चीज होती ही नहीं। हम अपने जीवन में नित्य प्रति जो कर्म करते हैं, उनमें से ही हमारा कोई कर्म ऎसे संयोगों के पीछे कारक का काम करता हैं। अवसर आने पर जिसका प्रभाव हमें यदाकदा इस प्रकार संयोग के माध्यम से दिखाई देने लगता है।<br />ज्योतिष के दृ्ष्टिकोण से यदि कहूँ तो आप पर इन दिनों वर्तमान में आपकी जन्मकुंडली के पंचमेश(lord of fifth house) का प्रभाव चल रहा हैं (प्रत्यन्तर्दशादि रूप में)। चाहें तो किसी से पता कर लें :)Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-31956672426552234812009-12-11T17:29:58.844+05:302009-12-11T17:29:58.844+05:30हो जाता है ऐसा कभी कभी
बी एस पाबलाहो जाता है ऐसा कभी कभी<br /><br /><a href="http://www.google.com/profiles/bspabla" rel="nofollow"> बी एस पाबला</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-90020501960249735952009-12-11T16:25:50.148+05:302009-12-11T16:25:50.148+05:30Sangeeta ji se sahmat hun...bahut sundar vivechna ...Sangeeta ji se sahmat hun...bahut sundar vivechna kee unhone....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-7335244941159512102009-12-11T15:37:21.095+05:302009-12-11T15:37:21.095+05:30पोस्ट पढके तो लिखना चाह रहा था क्यामत करीब है, प...पोस्ट पढके तो लिखना चाह रहा था क्यामत करीब है, पर अवधिया जी का कमेंटस देख के उनसे सहमत होना पड रहा है, बधाईMohammed Umar Kairanvihttps://www.blogger.com/profile/06899446414856525462noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-44430499485763497032009-12-11T12:50:33.900+05:302009-12-11T12:50:33.900+05:30दृढ़ इच्छाशक्ति और शुभ संयोग के संमिश्रण से हो रहा ...दृढ़ इच्छाशक्ति और शुभ संयोग के संमिश्रण से हो रहा है यह सब।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-36401807892826789122009-12-11T12:45:38.576+05:302009-12-11T12:45:38.576+05:30अलबेला जी .. नमसकार .. सबसे पहले तो आपको बता दूं क...अलबेला जी .. नमसकार .. सबसे पहले तो आपको बता दूं कि इस दुनिया में संयोग और दुर्योग वैज्ञानिकों के शब्द हैं .. वास्तव में जो भी परिस्थितियों हमारे समक्ष उपस्थित होती हैं .. वो प्रकृति की सोंची समझी हुई चाल होती है .. अच्छी परिस्थितियों हो तो समझे आपके ग्रह अच्छे चल रहे हैं .. इसलिए सबकुछ आपके मनोनुकूल हो रहा है .. इसी तरह बुरी परिस्थितियां हों तो समझे आपके ग्रह बुरे चल रहे हैं .. सबों के जीवन में दोनो प्रकार का समय बारी बारी से आता है .. अच्छी परिस्थितियों में भी संयम से रहना और बुरी परिस्थितियों में धैर्य न खोना हमें सच्चा और सफल इंसान बनाता है .. आपके जीवन की 5 दिसम्बर 2009 के पूरे दिनभर की कहानी सुनकर मेरी समझ में तो ये बात आयी कि आसमान में 29 अक्तूबर 2009 से मंगल ग्रह की जो खास स्थिति चल रही है .. वह आपपर शुभ प्रभाव डाल रही है .. और इसी समय के बाद आप बार बार संयोगों का सुखद अहसास कर रहे हैं .. मंगल और चंद्र की युति से इस मंगल का शुभ प्रभाव 5 , 6 और 7 दिसम्बर को और बढ गया था .. जिसके बारे में मैने <a href="http://sangeetapuri.blogspot.com/2009/12/5-6-7-2010.html" rel="nofollow">इस पोस्ट</a>में लिखा भी था .. वैसे तो युवाओं पर इस ग्रह का अधिक प्रभाव पडता है .. पर पेशा के हिसाब से मनोरंजन कार्यों .. जो युवाओं को अधिक रिझाता है .. पर भी इसका अधिक प्रभाव पडता है .. इस हिसाब से वो आपके लिए सुखद हो गया .. पर किसी किसी के लिए वो कष्ट दायक भी होता है .. इसलिए ऐसे खास समयों में ग्रहों के प्रभाव से आवाजाही या अन्य जगहों पर कुछ अनियमितताएं बढ जाती है .. ताकि कुछ इसका आनंद पा सकें .. तो कुछ को इसी देरी या जल्दी की वजह से कष्ट मिल सके .. मेरी बातों को समझने के लिए इतना काफी होना चाहिए !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-30215958130102581682009-12-11T12:11:43.885+05:302009-12-11T12:11:43.885+05:30क्षमा करे, पूछा तो आपने संगीता जी से और वत्स जी से...क्षमा करे, पूछा तो आपने संगीता जी से और वत्स जी से है लेकिन क्या करू टांग बीच में फ़साने की पुराने आदत से मजबूर हूँ और कहूंगा कि आपकी सारी समस्याओं को पढने के बाद निचोड़ यह है निकलता है कि आपके ग्रह अच्छे चल रहे है !:)पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com