Albelakhatri.com

Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

हाज़िर है मौत का सामान मेरे देश में............

जाने कब कोई आ के

चूर-चूर कर डाले,

ज़िन्दगी है स्वप्न समान मेरे देश में


देख लो विडम्बना कि

राशन हो न हो किन्तु

हाज़िर है मौत का सामान मेरे देश में


उजड़े सुहाग लाखों,

लाखों ही यतीम हुए,

शहर ही बने शमशान मेरे देश में


कैसे कहूं बन्धु ये

ज़ुबान जली जाती है कि

इन्सां आज हो रहे हैवान मेरे देश में

10 comments:

राजीव तनेजा September 4, 2009 at 8:30 PM  

बहुत ही सही लिखा है आपने

डॉ टी एस दराल September 4, 2009 at 9:09 PM  

सही कहा आपने. आतंकवादी हों या अलगाववादी, दोनों ही इंसानियत के दुश्मन हैं.

Mukesh Khordia September 4, 2009 at 9:14 PM  

बहुत ही अच्छी कविता लिखी अलबेला जी
मेरी शुभकामनाएं

संगीता पुरी September 4, 2009 at 9:35 PM  

बहुत सही !!

pran sharma September 4, 2009 at 9:36 PM  

BHAVABHIVYAKTI MEIN PAKAD HAI.MEREE BADHAAEE.

Anjelanima_एंजेला एनिमा September 4, 2009 at 10:24 PM  

देश की हकीकत एक बार फिर याद दिला दी...

ताऊ रामपुरिया September 4, 2009 at 10:25 PM  

बहुत सटीक शुभकामनाएं.

रामराम.

Chandan Kumar Jha September 4, 2009 at 11:19 PM  

बहुत सही लिखा है आपने…………सुन्दर कविता । आभार

शरद कोकास September 4, 2009 at 11:34 PM  

अब समझ में आ रहा है " अलबेला खत्री को गुस्सा क्यों आता है " -शरद कोकास

Udan Tashtari September 4, 2009 at 11:43 PM  

बहुत सही...बेहतरीन!!

Post a Comment

My Blog List

myfreecopyright.com registered & protected
CG Blog
www.hamarivani.com
Blog Widget by LinkWithin

Emil Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Followers

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Archive