आज सुबह मैंने जो पोस्ट लगाईं, उसे बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला
है । अनेक विद्वान लोगों ने अपने विचार प्रस्तुत किये हैं
मैं हृदय से आभारी हूँ निम्नांकित महानुभावों का -
1 श्री शिवम् मिश्रा
2 श्री अन्तर सोहिल
3 श्री काजल कुमार
4 श्री विजय कुमार सप्पत्ति
५ श्री विनय प्रजापति 'नज़र'
5 श्री शिवलोक
6 श्री आचार्य जी
_________सभी ने उम्दा विचार रखे, परन्तु श्री काजल कुमार
और श्री अन्तर सोहिल व श्री विजय कुमार सप्पत्ति ने ज़्यादा
प्रभावित किया ।
मेरा आपसे, आप सभी से विनम्र निवेदन है कि आइये.........बात
करें देश की, देश को बचाने की । क्योंकि अब हालात असह्य हो गये
हैं । अगर हम अब भी न जागे तो बात हमारे हाथ से निकल जाएगी
.....हम कलमकार हैं हमारे पास , हम सब के पास अपनी एक
वैयक्तिक सोच है जो देश को संकट से उबार कर शीर्ष पर ले जाने में
अपना योग दान दे सकती है ।
हो सकता है आपका मुझसे कोई मतभेद हो, लेकिन यहाँ बात मेरे घर
की नहीं, हम सब के घर की यानी हमारे घर की हो रही है इसलिए
अगर वाकई आप भारतीय हैं और भारत ने जितना आपको दिया
है उसका मोल आप समझते हैं और भारत माता की चूनर को धानी
करके उसे पुनः सर्वशक्तिमान बनाना चाहते हैं तो आपको अपने
विचार यहाँ अवश्य रखने चाहियें ।
http://albelakhari.blogspot.com/2010/06/blog-post_6233.html
जय हिन्दी !
जय हिन्द !
www।albelakhatri.com
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
8 comments:
सच कहा अलबेला जी आपने..वर्तमान परिवेश में हालात बद से बदतर होते जा रहे है स्व के दायरे में कैद आज का मानव मुसीबत में कछुए की तरह अपने को छिपा लेता है...आज देश दो भागों में बंटा नजर आता है एक तरफ महामानव है जिस कोई दु:ख नही तो दूसरी तरफ लघुमानव है जिसकी पीङा का कोई छोर नहीं है....फर्क नहीं पङता मुहावरे को तज यदि हम जागरूक नही हुए तो देश का बेङा तो गर्क होगा ही इतिहास हमें कभी माफ नही करेगा.........जन को चेतन करती लेखनी को मेरा सलाम....शुभकामनाएं।
अच्छा विचार किया है आपने और अच्छी सोच को जगाने का सराहनीय प्रयास है आपका ....
प्रयास सराहनीय है....पर कोई जादू की छड़ी नहीं है....भ्रष्टाचार यदि खत्म हो जाये तो देश स्वयं ही विकास की ऊँचाइयों को छुयेगा
very nice sir,
please read
http://pollutioncontrolsociety.blogspot.com/2010/06/blog-post.html
रोचक पोस्ट, पढ़कर अच्छा लगा
मन-सुमन हों खिले, उर से उर हों मिले,
लहलहाता हुआ वो चमन चाहिए।
ज्ञान-गंगा बहे, शन्ति और सुख रहे-
मुस्कराता हुआ वो वतन चाहिए।।
उतिष्ठकौन्तेय........ब्लागर बिरादरी को ही राष्ट्रीय जागरण की अलख जगानी होगी क्योंकि टी.आर.पी का भूखा मिडिया जगत तो काफी हद तक 'राजतंत्र ' की चाकरी में व्यस्त है।
विचारणीय आलेख
आभार
ब्लाग4 वार्ता प्रिंट मीडिया पर प्रति सोमवार
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