यही सोच कर रचता हूँ मैं भजन रोज़ हनुमान का
झंडा ऊँचा रहे हमेशा, अपने हिन्दुस्तान का
मैं याचक हूँ, बजरंगी से, केवल इस वरदान का
झंडा ऊँचा रहे हमेशा, अपने हिन्दुस्तान का
भ्रष्टाचारी नेताओं के तन पर भूत चिपट जाये
गद्दारों के गूमड़ फूटे, काला नाग लिपट जाये
बाबा का हो करम तो पल में काम तमाम निपट जाये
सुख की धार बहे भारत में, संकट सारा कट जाये
फिर से डंका बजे विश्व में भारत देश महान का
झंडा ऊँचा रहे हमेशा, अपने हिन्दुस्तान का
मंहगाई के मुँह में मसाला भर जाये बारूद का
नक्कालों की नाक में घोचा फस जाये अमरूद का
दुश्मन देश का रहे न बाकी नामो-निशान वजूद का
गुप्त रोग से मर खप जाये, हर गुर्गा दाऊद का
देशभक्ति का जज़्बा जागे, अब तो हर इन्सान का
झंडा ऊँचा रहे हमेशा, अपने हिन्दुस्तान का
- अलबेला खत्री