चिपकाए बैठे फेविकोल से ..................
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आपसे पहले भी बड़े बड़े तुर्रमखां इस ज़हर को वितरित कर के गए हैं
सच कहते हो राहुल बाबा
सत्ता इक ज़हर है
लेकिन आपकी मम्मी की आँखों में आंसू क्यों आ गए आपको यह
ज़हर थमाते हुए, यह मेरी समझ में नहीं आया . क्योंकि आपको तो
यह ज़हर सिर्फ बांटना है, पीना और पी कर मरना तो जनता को है .
आपसे पहले भी बड़े बड़े तुर्रमखां इस ज़हर को वितरित कर के गए हैं .
कुछ आपकी पार्टी वाले थे, कुछ उनकी पार्टी वाले थे, जो भी आया,
जनता के लिए ज़हर ही लाया .........अब आपकी मम्मी ने आपको दिया
है तो आप भी यही कीजिये ...लीजिये लीजिये जनता की बची खुची
जान आप भी लीजिये
जय हिन्द !
काव्य-कुम्भ में अनवर फ़ारूकी ने ग़ज़लें और हज़लें सुना कर मंत्रमुग्ध कर दिया
प्यारे मित्रो ! नमस्कार .
ऑडियो एल्बम 'काव्य-कुम्भ' के लिए कल शाम सूरत के शायर अनवर फ़ारूकी की ग़ज़लें स्वरबद्ध की गईं . आज और कल हमारे युवा रिकार्डिस्ट व स्टूडियो संचालक पारस सोनी की वैवाहिक वर्षगाँठ के कारण रिकॉर्डिंग बंद रहेगी . अब शेष रिकॉर्डिंग सोमवार से शुरू होगी . कल अनवर फ़ारूकी ने तीन ग़ज़लें और दो हज़लें सुना कर मंत्र मुग्ध कर दिया . यहाँ मैं बताना ज़रूरी समझता हूँ कि अनवर फ़ारूकी साहेब सूरत और आसपास के मुशायरों में बड़े सम्मान के साथ बुलाये जाते हैं परन्तु प्रतिभा होने के बावजूद कोई बहुत बड़ी उपलब्धि अभी उनके हिस्से में इसलिए नहीं आई है क्योंकि वे एक तो साधन संपन्न नहीं, दूसरे उनका मंच के प्रति कोई विशेष मोह भी नहीं ......केवल अच्छा लिखना और उर्दू साहित्य को समृद्ध करना ही वे अपना लक्ष्य बनाए हुए हैं .
सुबह से शाम तक ऑटो रिक्शा चला कर जीवनयापन करने वाले इस जानदार शायर के सामने मैं उस वक्त मन ही मन नत मस्तक हो गया जब उनके मन में अन्य नवोदित शायरों व कवियों के प्रति स्नेह व सहयोग का जज़्बा पाया .
जय हिन्द
नई प्रतिभाओं के लिए सुनहरा अवसर ..........
नवोदित कवियों / कवयित्रियों को उनकी काव्य-प्रतिभा की चमक दिखाने
का एक बड़ा अवसर देने के लिए एक शानदार ऑडियो एल्बम काव्य-कुम्भ
का निर्माण तीव्र गति से चल रहा है . यों तो सूरत और इसके आसपास रहने
वाले रचनाकारों के लिए प्राधान्यता रहेगी परन्तु अन्य क्षेत्रों के कलमकारों
का भी स्वागत है .
जिन प्रतिभाओं के पास अपनी काव्य कुशलता दिखाने के लिए कोई मंच
नहीं हैं या जो लोग कवि-सम्मेलनीय मंच पर आने के बजाय केवल
साहित्य-सृजन में ही विश्वास रखते हैं . उन्हें इस अनुपम अवसर का लाभ
अवश्य उठाना चाहिए . जल्द ही यह ऑडियो एल्बम अपनी पूरी भव्यता के
साथ तैयार हो कर देश-दुनिया के काव्यरसिकों के लिए उपलब्ध कराया
जाएगा .
यदि आप कुछ ऐसा लिखते हैं जो समाज तक पहुंचना चाहिए तो आज,
अभी मुझ से संपर्क करें .
-अलबेला खत्री
मोबाइल : 92287 56902, 9227156902
Email : albelakhatrisurat@gmail.com
Labels: albela khatri , audio , kavya-kumbh , new , surat , talent
चार दिन खूब मस्ती और मौज में गुज़रे .....कई सुखद अनुभव हुए
प्यारे मित्रो
आप सभी को परम पवित्र मकर संक्रांति एवं हास्य दिवस की
शुभकामनाएं और हार्दिक बधाई
माँ वीणा पाणि की कृपा से सभी कवि सम्मेलन अत्यंत सफल रहे .
10 को औरंगाबाद, 11 को वाशिम और 12 को जालना में ये तीन
आयोजन लायंस इंटर नेशनल क्लब की और से थे व चौथा 13 को
सूरत में संगत की और से था जिसमे अनेक गुजराती हास्यकवियों
के साथ मैं अकेला हिंदी कवि था . कार्यक्रम ज़बरदस्त रहा .
10,11,12 में संयोजन व मंच सञ्चालन दिल्ली के ओजस्वी कवि
कुलदीप ललकार का और मेरे साथ अतुल ज्वाला- इंदौर, प्रेरणा
ठाकरे-नीमच, सबरस हाथरासी -हाथरस, शक्ति सिंह शक्ति-आगरा
थे जबकि 13 को संयोजन व सञ्चालन सूरत के सुरेश विराणी का
था और मेरे साथी कवि थे नयन देसाई, श्यामल मुंशी, रईस मणियार,
गिरगिट अहमदाबादी, किरण चौहान और गौरांग ठाकर . ये चार
दिन खूब मस्ती और मौज में गुज़रे .....कई सुखद अनुभव हुए
जय हिन्द !
आप सभी को परम पवित्र मकर संक्रांति एवं हास्य दिवस की
शुभकामनाएं और हार्दिक बधाई
माँ वीणा पाणि की कृपा से सभी कवि सम्मेलन अत्यंत सफल रहे .
10 को औरंगाबाद, 11 को वाशिम और 12 को जालना में ये तीन
आयोजन लायंस इंटर नेशनल क्लब की और से थे व चौथा 13 को
सूरत में संगत की और से था जिसमे अनेक गुजराती हास्यकवियों
के साथ मैं अकेला हिंदी कवि था . कार्यक्रम ज़बरदस्त रहा .
10,11,12 में संयोजन व मंच सञ्चालन दिल्ली के ओजस्वी कवि
कुलदीप ललकार का और मेरे साथ अतुल ज्वाला- इंदौर, प्रेरणा
ठाकरे-नीमच, सबरस हाथरासी -हाथरस, शक्ति सिंह शक्ति-आगरा
थे जबकि 13 को संयोजन व सञ्चालन सूरत के सुरेश विराणी का
था और मेरे साथी कवि थे नयन देसाई, श्यामल मुंशी, रईस मणियार,
गिरगिट अहमदाबादी, किरण चौहान और गौरांग ठाकर . ये चार
दिन खूब मस्ती और मौज में गुज़रे .....कई सुखद अनुभव हुए
जय हिन्द !
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इस सप्ताह हास्य कवि अलबेला खत्री की काव्य प्रस्तुतियां महाराष्ट्र और गुजरात में
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गुटखा ले लेगा उसकी जान, कर दो सभी को सावधान
गुटखा ये पाउच वाला,
जिसने भी मुँह में डाला
गुटखा ले लेगा उसकी जान, कर दो सभी को सावधान
कितने ही मर गये इससे,
कितने ही मिट गये इससे
बूढ़े, बालक, नौजवान, कर दो सभी को सावधान
संतूर, तुलसी, चुटकी, जे पी, दरबार कोई
मानिकचंद, मूलचंद हों या अनुराग कोई
हो चाहे रजनीगन्धा, पानपराग कोई
सबके सब हैं ज़हरीले, कत्थई, भूरे या पीले
सबके सब हैं एक समान, कर दो सभी को सावधान ......
सड़ियल सुपारी डाली, सस्ता ज़र्दा मिलाया
लौंग, इलायची, ख़ुशबू, ठंडक, किवाम दिखलाया
बाकी बस खड़िया मिट्टी, कोरा चूना लगाया
चमड़ी छिपकलियों वाली, सांपों की हड्डियाँ डालीं
नशा है या मौत का सामान, कर दो सभी को सावधान ........
तिल्ली को खा जाता है, पत्थरी, अल्सर देता है
किडनी का दुश्मन है ये कैन्सर भी कर देता है
खाने वाले का जीवन बर्बाद कर देता है
सबसे गन्दी बीमारी, चालू रहती पिचकारी
दफ़्तर हो, घर हो या दूकान , कर दो सभी को सावधान ..........
-हास्यकवि अलबेला खत्री
श्री मुछाला महावीर जी यात्रा संघ के अंतिम चरण में संघपति श्रीमती मोहिनी बाई देवराजजी खांटेड़ के सान्निध्य में यह गीत तीर्थयात्रियों के लिए घाणेराव में प्रस्तुत किया गया
संघपति श्रीमती मोहिनी बाई देवराजजी खांटेड़ ( जैन ) चेन्नई |
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