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Albela Khatri

पूनम पाण्डेय और सनी लियोन में इन्हें भारतीय नारी ही नहीं दिखती,जबकि दोनों ही भारत की पैदावार हैं .


http://rosydaruwala.blogspot.in/


ये ब्लोगरी भी अजीब चुतियापा है .

यहाँ हर कोई  अपनी दिखा कर कहता है मेरी वाली ज्यादा लाल है हा हा हा .......

लेकिन  अपनी को लाल  बताते हुए वह भूल जाता  है  कि औरों की भी  उतनी 


काली नहीं,  जित्ती दिखाई दे रही है . अब  आपकी आँखों  पर काला चश्मा चढ़ा 

है द्वेष  का  इसलिए अगर काली दिखती है तो कोई क्या करे ? केदारनाथ चला 

जाये मरने के लिए ?  


rosy daruwala  नाम  की एक विधवा महिला ने आज एक ब्लॉग बनाया  जिसका 


नाम है  i am the great indian hot women  और  उसने टैग लाइन पर लिखा कि 

ये उसकी आध्यात्मिक कविताओं का ब्लॉग है .  नि:संदेह  उनकी कविता भी hot 

और गहरी हैं जो शायद  आम दुनियादार  पूरी तरह समझ भी न सकें . लेकिन 

उसको लेकर भी बखेड़ा हो गया . ब्लॉग के नाम को ले कर लफड़ा हो गया .


शिखा कौशिक नूतन ( इन्होंने कमेन्ट तो इंग्लिश में किया लेकिन इंग्लिश  इतनी 


भी नहीं  कि ब्लोगर का नाम ही सही लिख सके  - rosy  को  rosi  लिखा ) ने 

भारतीय नारी ब्लॉग पर लिखा -


  हिंदी   ब्लॉग जगत में ऐसे नाम के ब्लॉग को कभी कोई 


स्थान नहीं दिया  जा  सकता  है  . भारतीय नारी श्रद्धा  का 

पात्र है बाजार की वस्तु नहीं .वो आदरणीय है ...मौल में बिकता 

सामान नहीं ....वो लक्ष्मी स्वरूपा है सन्नी लियोन नहीं -रोज़ी  

जी  आप  ये  नाम बदल  दें  !


_______हा हा हा ..इनको हर भारतीय नारी लक्ष्मी ही दिखती है,  


रम्भा, उर्वशी,मेनका  इन्हें परायी लगती हैं व  पूनम पाण्डेय और 

सनी लियोन  में इन्हें भारतीयता ही नहीं दिखती,जबकि दोनों ही 

भारत की पैदावार हैं .


 हे भगवान अच्छा किया जो आपने मेरी रचना करते समय मुझे 


महिला नहीं बनाया वरना मुझे भी ख़ुद की ही रचना लाल दिखती 

....हा हा हा 

 JAI HIND  








4 comments:

Unknown July 2, 2013 at 11:40 PM  

अलबेला खत्री जी, आपकी पोस्ट पढ़ कर बहुत दुःख हुआ . आपको इस सार्वजनिक चौपाल में हम भारतीय महिलाओं के बारे में ऐसा अल्लम्पल्लम अथवा अगड़मबगड़म नहीं लिखना चाहिए . मुझे महिला ब्लोगरों द्वारा की गयी टीका टिप्पणी से कोई फ़र्क नहीं पड़ता . क्योंकि उनसे निपटने के लिए मेरे पास मसाला है . लेकिन कृपया आप बीच में न आयें .

अगर मेरी कविता को समझने के लिए भेजा चाहिए तो मुझसे टकराने के लिए भी शेरनी का कलेजा चाहिए .मुर्गियों पर मुझे क्रोध नहीं, दया आती है , इसलिए मुझे मेरे हाल पर छोड़ दें और आप दुनिया को हंसायें ..इन फ़ालतू टंटों में मत फँसें .

rosy

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' July 3, 2013 at 7:05 AM  

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बुधवार (03-07-2013) को बुधवारीय चर्चा --- १२९५ ....... जीवन के भिन्न भिन्न रूप ..... तुझ पर ही वारेंगे हम ....में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

महेन्द्र श्रीवास्तव July 3, 2013 at 12:08 PM  

मैं नहीं समझ पाया कि आप कहना क्या चाहते हैं, इस पोस्ट को लगाने का मकसद क्या है ?
खैर कोई जरूरी नहीं कि ब्लाग पर जो कुछ लिखा जाए, सब कुछ मेरी समझ मे ही आए ।

Unknown July 3, 2013 at 12:22 PM  

maqsad sirf itna batana hai mahendra shrivastav ji ki keval nari hone se koilakshmi nahin hojati aur keval purush hone se koi ravan nahin ho jata ..........nari agar lakshmi,saraswati, durga swaroop hai to jara,tadka, manthra,kadroo,holika aur pootna bhi hai tatha purush ravan, dushasan, kans ke sath sath ram,krishna,mahavir,nanak,kabir, prahlad, shivaji aur vivekanand bhi hai

purushon ka makhaul uadana band ho, yahbi MAQSAD hai ji

jai hind !

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