tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post1830875203936144868..comments2024-03-02T14:16:26.676+05:30Comments on Albelakhatri.com: जो सुलूक कवि सम्मेलन के आयोजकों ने एक वरिष्ठ शायर के साथ किया क्या वही सुलूक क्रिकेटरों के साथ करने का माद्दा BCCI में है ?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-8125511878694423592010-05-15T21:09:39.146+05:302010-05-15T21:09:39.146+05:30अजी गुलाम सिर्फ़ अपने लोगो को ही हरा सकते है, गोरो...अजी गुलाम सिर्फ़ अपने लोगो को ही हरा सकते है, गोरो का यह खाते है, उन की भाषा बोलते है, उन का स्टाईल अपनाते है तो उन्हे केसे हरा दे.... मालिक के आगे गुलाम केसे चले????राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-73932680558033535102010-05-15T10:27:49.177+05:302010-05-15T10:27:49.177+05:30ताहिर फराज़ साहब के साथ बहुत गलत हुआ लेकिन भारतीय ...ताहिर फराज़ साहब के साथ बहुत गलत हुआ लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के साथ तो इस से भी कड़ा बर्ताव किया जाना चाहिएराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-48734740387510740672010-05-14T20:15:01.409+05:302010-05-14T20:15:01.409+05:30ताहिर फराज़ साहब के हुई घटना दुखी कर गई..उनकी माई ...ताहिर फराज़ साहब के हुई घटना दुखी कर गई..उनकी माई वाली रचना पर तो पूरा भू मंडल द्रवित हो उठे.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-6335952164627430282010-05-14T19:31:14.463+05:302010-05-14T19:31:14.463+05:30ताहिर फ़राज़ साब को पहले से पसंद करता आया हूँ.. उनके...ताहिर फ़राज़ साब को पहले से पसंद करता आया हूँ.. उनके साथ ऐसा होना बहुत दुखद है क्या कहें इस राजनीति और अपने-अपने प्रभुत्व कोदीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-2410104870965694322010-05-14T18:03:22.107+05:302010-05-14T18:03:22.107+05:30sahi khichai ki hai apne ..bdhai .....
मैं तो कहता...sahi khichai ki hai apne ..bdhai .....<br />मैं तो कहता हूँ ये जितने भी विदेशी खिलाड़ी हैं चाहे किसी भी देश के<br /><br />हों, सब के सब नमक हराम हैं ...जिसके यहाँ जाते हैं, जिसका खाते<br /><br />पीते हैं, उसी को हरा के चले आते हैं । अपने भारतीय खिलाड़ी ऐसे<br /><br />नमक हराम नहीं हैं , ये जहाँ जाते हैं, जिसका खाते हैं उसके<br /><br />मान-सम्मान पर चोट नहीं आने देते........ख़ुद की चाहे चड्डी भी फट<br /><br />जाये लेकिन लोगों की पतलून पर बुरी नज़र नहीं डालते..........vikas mehtahttps://www.blogger.com/profile/17315693154331289768noreply@blogger.com