tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post3986587819703733421..comments2024-03-02T14:16:26.676+05:30Comments on Albelakhatri.com: जब घर से चला जवानAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-632795621537552672009-05-13T20:43:00.000+05:302009-05-13T20:43:00.000+05:30"गर देनी पड़े क़ुरबानी,
मत करना आना-कानी
हॅंसते-हॅ..."गर देनी पड़े क़ुरबानी,<br />मत करना आना-कानी<br />हॅंसते-हॅंसते मिट जाना,<br />गोली सीने पे खाना<br />मेरी मांग की लाज बचाना<br />रण में मत पीठ दिखाना"<br /><br />"तूने मुझसे जनम लिया है<br />और मेरा दूध पीया है<br />तो दूध का कर्ज़ चुकाना,<br />वर्दी का फ़र्ज़ निभाना"<br /><br />रुला दिया आपने.<br />बहुत ही सुन्दर.<br />मेरी आँखें डबडबा गई..."गर देनी पड़े क़ुरबानी,<br />मत करना आना-कानी<br />हॅंसते-हॅंसते मिट जाना,<br />गोली सीने पे खाना<br />मेरी मांग की लाज बचाना<br />रण में मत पीठ दिखाना"<br /><br />"तूने मुझसे जनम लिया है<br />और मेरा दूध पीया है<br />तो दूध का कर्ज़ चुकाना,<br />वर्दी का फ़र्ज़ निभाना"<br /><br />रुला दिया आपने.<br />बहुत ही सुन्दर.<br />मेरी आँखें डबडबा गई...जयंत - समर शेषhttps://www.blogger.com/profile/13334653461188965082noreply@blogger.com