tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post4359043819864998944..comments2024-03-02T14:16:26.676+05:30Comments on Albelakhatri.com: आजकल कवितायें नहीं केवल चिन्ता कर रहा हूँAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-75282841565641088112011-03-27T11:22:00.517+05:302011-03-27T11:22:00.517+05:30चिंतन में भी कविता ! बहुत बदमाश हो अलबेला जी .आपकी...चिंतन में भी कविता ! बहुत बदमाश हो अलबेला जी .आपकी बदमाशी बनी रहे,यही दुआ है प्रदीप नील www.neelsahib.blogspot.comप्रदीप नील वसिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/08819729364422837799noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-47675428749170808572011-02-17T16:36:11.503+05:302011-02-17T16:36:11.503+05:30saargarbhit lekhsaargarbhit lekhनिर्झर'नीरhttps://www.blogger.com/profile/16846440327325263080noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-64194808081912952642011-02-17T16:34:31.002+05:302011-02-17T16:34:31.002+05:30डर है
कहीं मिस्र वाला दृश्य भारत में न बन जाये.......डर है<br />कहीं मिस्र वाला दृश्य भारत में न बन जाये...........<br />शोषित जनता की शोषक सत्ता से न ठन जाये<br />यदि ऐसा हुआ तो कवितायें सब धरीं रह जायेंगी<br /><br />haal to albela ji apna bhi kuch kuch aisa hi hai .<br />chinta ke shivaa kuch hota hi nahiनिर्झर'नीरhttps://www.blogger.com/profile/16846440327325263080noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-41319927562537576972011-02-15T18:38:15.122+05:302011-02-15T18:38:15.122+05:30वाह! क्या बात है, आपकी चिंता वाजिब है ज़नाब!वाह! क्या बात है, आपकी चिंता वाजिब है ज़नाब!nilesh mathurhttps://www.blogger.com/profile/15049539649156739254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-36787843040775921582011-02-12T19:22:30.504+05:302011-02-12T19:22:30.504+05:30चिन्तन की गहराई से निकली बात.................अन्तर...चिन्तन की गहराई से निकली बात.................अन्तर्मन को स्पर्श करती है............................समस्त ज्ञान-विज्ञान का उत्स चिन्तन ही है। <br /><br /><br />मैं वृक्ष हूँ। वही वृक्ष, जो मार्ग की शोभा बढ़ाता है, पथिकों को गर्मी से राहत देता है तथा सभी प्राणियों के लिये प्राणवायु का संचार करता है। वर्तमान में हमारे समक्ष अस्तित्व का संकट उपस्थित है। हमारी अनेक प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं तथा अनेक लुप्त होने के कगार पर हैं। दैनंदिन हमारी संख्या घटती जा रही है। हम मानवता के अभिन्न मित्र हैं। मात्र मानव ही नहीं अपितु समस्त पर्यावरण प्रत्यक्षतः अथवा परोक्षतः मुझसे सम्बद्ध है। चूंकि आप मानव हैं, इस धरा पर अवस्थित सबसे बुद्धिमान् प्राणी हैं, अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारी रक्षा के लिये, हमारी प्रजातियों के संवर्द्धन, पुष्पन, पल्लवन एवं संरक्षण के लिये एक कदम बढ़ायें। वृक्षारोपण करें। प्रत्येक मांगलिक अवसर यथा जन्मदिन, विवाह, सन्तानप्राप्ति आदि पर एक वृक्ष अवश्य रोपें तथा उसकी देखभाल करें। एक-एक पग से मार्ग बनता है, एक-एक वृक्ष से वन, एक-एक बिन्दु से सागर, अतः आपका एक कदम हमारे संरक्षण के लिये अति महत्त्वपूर्ण है।वृक्षारोपण : एक कदम प्रकृति की ओरhttps://www.blogger.com/profile/01360818390523348171noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-31834992947013525062011-02-11T18:24:05.377+05:302011-02-11T18:24:05.377+05:30प्रिय अलबेला जी
नमस्कार !
आजकल कवितायें...<b><i>प्रिय अलबेला जी </i></b> <br /><b> </b> नमस्कार !<br /> <br /><b>आजकल कवितायें नहीं केवल चिन्ता कर रहा हूँ </b> <br /><b> </b> <br />अच्छा कर रहे हैं ।<br />कविताएं तो कोई भी कर लेगा <br /> और भी बहुत हैं जी … :)<br /><br /><br /><b> बसंत पंचमी सहित बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !</b> <br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-86690134231306901742011-02-11T13:17:01.420+05:302011-02-11T13:17:01.420+05:30सत्य वचन अलबेला जी !
चिंता का समय है ही ......सत्य वचन अलबेला जी !<br /> चिंता का समय है ही ...सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-90736387731994086872011-02-11T08:21:54.166+05:302011-02-11T08:21:54.166+05:30चिन्तन-मनन भी जरूरी है!
शुभकामनाएँ!चिन्तन-मनन भी जरूरी है!<br />शुभकामनाएँ!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-78551155887538410882011-02-11T01:48:42.142+05:302011-02-11T01:48:42.142+05:30ऎसा होना भी चाहिये , तभी इन कमीने नेताओ को अकल आये...ऎसा होना भी चाहिये , तभी इन कमीने नेताओ को अकल आयेगी, वर्ना हमारी आने वाली नस्ले इन के जुते ही साफ़ करेगी, इन्हे इन की ओकात तो बतानी ही पडेगी...... कहां भाग कर जायेगे यह.बस जनता को जागना चाहिये, अलबेला जी हम भी जनता के साथ ही चलेगे फ़िर चिंता किस बात की जेसे ओर खायेगे वेसे हम भी गुजारा करेगे, अब हमे अपनी नही देश की ओर आने वाली पीढी की फ़िक्र करनी चाहिये ओर इन भेडियो से उन्हे बचाना चाहिये, पेर की जुती पेर मे ही शोभा देती हे, ओर उस जुती को पेर तक ही पहुचाना हे अबराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-86326472702560589402011-02-10T23:17:50.752+05:302011-02-10T23:17:50.752+05:30बात ही ऐसी है कि चिंता करनी पडती है।बात ही ऐसी है कि चिंता करनी पडती है।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.com