tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post453676775696792961..comments2024-03-02T14:16:26.676+05:30Comments on Albelakhatri.com: कवियों ! अब तुम कविताओं में सिर्फ़ देश की बात करोAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-16707633007255488422010-06-03T04:52:21.047+05:302010-06-03T04:52:21.047+05:30बहुत ही सुंदर .... एक एक पंक्तियों ने मन को छू लिय...बहुत ही सुंदर .... एक एक पंक्तियों ने मन को छू लिया ...संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-21785702031781578392010-05-26T23:52:49.879+05:302010-05-26T23:52:49.879+05:30बहुत खूब अलबेला जी।बहुत खूब अलबेला जी।हर्षिताhttps://www.blogger.com/profile/04799029469213410208noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-85975665900077558332010-05-26T20:50:40.566+05:302010-05-26T20:50:40.566+05:30बहुत बढ़िया साहिब!
हम तो चले भानजे की शादी में!
3...बहुत बढ़िया साहिब!<br />हम तो चले भानजे की शादी में! <br />3 दिन के बाद भेंट होगी!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-16798472992667384452010-05-26T18:53:00.066+05:302010-05-26T18:53:00.066+05:30मुझे आपके चेहरे पर जो आभा दिखती थी उसे मैं आपके शब...मुझे आपके चेहरे पर जो आभा दिखती थी उसे मैं आपके शब्दों में भी अब महसूस कर रहा हूं ।<br />हम कुछ चाहे न कर सकें लेकिन सही ग़लत की तमीज़ तो अपने बच्चों और आने वाली नस्ल को सही ढंग से सिखानी ही होगी। <br />निठारी कांड पर ‘डी 50‘ के नाम से एक टेली फ़िल्म बनाई गई थी। उसका लेखन मैंने ही किया था, तब मैंने फ़िल्म के नाम पर सबकुछ कर गुज़रने वालों को पहली बार क़रीब से देखा था। आप तो ख़ैर रोज़ देखते हैं । आज की पीढ़ी इसी मृगमरीचिका के पीछे दौड़ रही है। आपका लेखन सशक्त है और बामक़सद भी। मालिक अपने अखण्ड आनन्द के अमर लोक की राह आपको और मुझे दिखाए । आमीन<br />http://blogvani.com/blogs/blog/15882DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-49989431783784072772010-05-26T18:20:06.978+05:302010-05-26T18:20:06.978+05:30"बहुत हो चुका कविताई से व्यभिचार इन मंचों पर
..."बहुत हो चुका कविताई से व्यभिचार इन मंचों पर<br />बहुत हो चुकी सरस्वती माँ शर्मसार इन मंचों पर"<br /><br />हिला दिया जी आपने....<br /><br />कुंवर जी,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-71738320724962815152010-05-26T18:20:06.979+05:302010-05-26T18:20:06.979+05:30बहुत अच्छा विचार....बहुत अच्छा विचार....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-40046886760515879602010-05-26T18:14:46.656+05:302010-05-26T18:14:46.656+05:30अच्छा आह्वाहन अलबेला सर..अच्छा आह्वाहन अलबेला सर..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.com