tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post4900392762026887440..comments2024-03-02T14:16:26.676+05:30Comments on Albelakhatri.com: पूज्य सन्त शिरोमणि श्री तरुण सागर जी, गरीब कवि अलबेला खत्री के विनम्र निवेदन पर ध्यान दीजिये प्लीज़Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-68039313721839326912011-04-27T18:13:28.935+05:302011-04-27T18:13:28.935+05:30अलबेला जी ,
आप की चिंता जायज़ है और आक्रोश ...अलबेला जी ,<br /><br /> आप की चिंता जायज़ है और आक्रोश भी उचित |<br /><br />संत श्री तरुण सागर जी को आपकी रचना प्रवचन के दौरान पढ़ते समय ठीक उसी प्रकार आप का नाम लेकर , मूल रचनाकार की प्रशंसा करनी चाहिए थी - जैसी कि मुरारी बापू करते हैं | वे अपने प्रवचन के दौरान बहुत से शेर और कवितायें पढ़ते हैं किन्तु सम्बंधित रचनाकार का नाम कई बार ले ले कर उसकी भी प्रशंसा करते हैं | ऐसे संत महात्मा को इस तरह के कृत्य शोभा नहीं देते |<br /><br /> अच्छा होगा कि संत जी आपकी रचना को आपकी बताकर अपनी मर्यादा को कायम रखें |सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-3877051382980279312011-04-26T14:43:45.881+05:302011-04-26T14:43:45.881+05:30..तरुण सागरजी ने गलत काम किया है....उन्हे तुरन्त आ.....तरुण सागरजी ने गलत काम किया है....उन्हे तुरन्त आपसे माफी मांग लेनी चाहिए!Aruna Kapoorhttps://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-25446062998691132252011-04-26T12:25:05.881+05:302011-04-26T12:25:05.881+05:30अलबेला जी, मुनि ने कविता किसी संग्रह में नहीं छपाई...अलबेला जी, मुनि ने कविता किसी संग्रह में नहीं छपाई, न ही किसी सम्मेलन में पढ़कर सुनाई... आपकी कविता में निहित संदेश को उन्होंने साधारण शब्दों में ढ़ालकर सुनाये... और कोई भी जब प्रवचन करता है तो तमाम जगहों से उद्धरण देता है, ऐसे में हर जगह संदर्भ और प्रसंग तो नहीं दिया जा सकता.. फिर भी आपको मुनि से सीधे ही बात करना चाहिये थी और उसके बाद ही यहां पर..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-51842291027013473662011-04-26T12:05:24.708+05:302011-04-26T12:05:24.708+05:30शायद उनको तो पता भी न होशायद उनको तो पता भी न होभारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-91152840492211981512011-04-23T13:57:05.854+05:302011-04-23T13:57:05.854+05:30अपसे पूरी तरह सहम्त हैं शायद उनको तो पता भी न हो च...अपसे पूरी तरह सहम्त हैं शायद उनको तो पता भी न हो चेले चिमटे ही ऐसे काम करते हैं अगर उन्हें पता है त्5ओ शर्म की बात है।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-33974336673007014202011-04-21T22:42:21.863+05:302011-04-21T22:42:21.863+05:30sachhai chhup nahi sakti banawat ke usoolon se...
...sachhai chhup nahi sakti banawat ke usoolon se...<br /><br />ke khushboo aa nahi sakti kabhi kagaz ke foolon se....<br /><br />(mera nahi hai, bachpan me kisi kulfi ki rehdi par pada tha, is prakaran par yaad aa gaya)<br /><br />chinta na karen JEET AAPKI....<br /><br />sadhuwaad...योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-57077926634986798892011-04-21T10:34:59.808+05:302011-04-21T10:34:59.808+05:30यह तो बहुत ही गलत बात है, लोग जिनसे प्रेरणा लेते ह...यह तो बहुत ही गलत बात है, लोग जिनसे प्रेरणा लेते हैं यदि वही ऐसे कार्य करेंगे तो कैसे चलेगा, उनको स्पष्टीकरण देना चाहिएDr. Yogendra Palhttps://www.blogger.com/profile/15028175080069734310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-36635692601303928452011-04-20T19:06:18.213+05:302011-04-20T19:06:18.213+05:30@ ललित शर्मा जी
आपका धन्यवाद....
@ आशीष जी !
आपक...@ ललित शर्मा जी<br />आपका धन्यवाद....<br /> <br />@ आशीष जी !<br />आपके समर्थन और सहयोग के लिए आभारी हूँ<br />प्रयास रत हूँ कि वे इस पर अपना स्पष्टीकरण दें<br /><br />@सुज्ञ जी !<br />आपकी बात से अक्षरश: सहमत हूँ और आपकी राय पर विचार कर रहा हूँ<br />ध्यान देने के लिए आभारी हूँ<br /><br />-अलबेला खत्रीAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-44826735023339067772011-04-20T18:09:48.300+05:302011-04-20T18:09:48.300+05:30अलबेला जी,
निश्चित ही किसी संत के द्वारा मौलिक ले...अलबेला जी,<br /><br />निश्चित ही किसी संत के द्वारा मौलिक लेखक को श्रेय दिये बिना कविता का उल्लेख भी करना चोर्य अनाचार के अन्तर्गत आता है। और एक जैन संत के लिये तो अचोर्य महाव्रत के खंडन का कारण बनता है जो महा-प्रायचित योग्य है।<br /><br />पर चुकि संत ने उसका व्यवसायिक उपयोग नहीं किया अतः आपके लिये अर्थ-हानि का उनका प्रयोजन नहीं है। पर इस कार्य को सार्वजनिक करने से पहले आपको तरूणसागर जी से व्यक्तिगत सम्पर्क कर वस्तुस्थिति जान लेनी चाहिए थी। इसलिये भी कि आपका उनसे परिचय हो चुका था, और गणपत भंसाली के रूप में आपको सम्पर्कसूत्र भी उपलब्ध था। एक बार सीधी बातचित होनी चाहिए थी, क्योकि आपके उल्लेखों से भी लगता है वे और उनका प्रसंसक वर्ग आपको सम्मान देते है, उनका समर्थक वर्ग आपकी रचनाओं के कायल है। आपको इस वर्ग द्वारा आयोजित कवि सम्मेलनो में आदर सहित आमंत्रित किया जाता है, तो पहले बात-चित का अधिकार तो बनता ही है।<br />हिन्दी दैनिक भास्कर में भी इतना ही उल्लेख है कि इसे किसी पाठक ने एसएमएस के जरिये भेजा है।<br />अब भी शायद आपके स्पष्टिकरण की मांग उनके संज्ञान में न आई हो, आप सूचित तो करें।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-63259942402819266812011-04-19T11:50:50.661+05:302011-04-19T11:50:50.661+05:30अलबेला खत्री जी ,
इस प्रकरण पर हम आपके साथ है , ...अलबेला खत्री जी ,<br /> <br />इस प्रकरण पर हम आपके साथ है , आपको न्याय और नाम मिलना चाहिए .<br /><br /> मैंने तरुण सागर जी को ज्यादा नहीं सुना पर इतना पता है कि वो जो कहानी सुनाते है उनमे खट्टर काका और मुल्ला नसीरुद्दीन दोनों एक साथ उपस्थित होते है , ये दोनों अलग अलग समय काल में लिखी गयी रचनाओ के पात्र है ,कहने का मतलब ये है कि वो रचनाकारों का नाम नहीं लेते | <br />मुझे लगता है, आपको सीधे उनसे ही संपर्क करने का प्रयास करना चाहिए |(मिलकर या फ़ोन आदि से )<br /><br />--आशीषAshishhttps://www.blogger.com/profile/16762760086516751666noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-17018223484643229692011-04-17T20:22:28.750+05:302011-04-17T20:22:28.750+05:30तरुण सागर जी को कविता के साथ सूरत वाले रचनाकार अलब...तरुण सागर जी को कविता के साथ सूरत वाले रचनाकार अलबेला खत्री का नाम अवश्य ही श्रोताओं तक पहुंचाना चाहिए। कवि को नाम और दाम दोनो ही मिलने चाहिए।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-30946589916152263272011-04-17T08:30:21.506+05:302011-04-17T08:30:21.506+05:30.
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आदरणीय अलबेला जी,
आपके इस आलेख से शत-प्रतिश....<br />.<br />.<br />आदरणीय अलबेला जी,<br /><br />आपके इस आलेख से शत-प्रतिशत सहमत... कवि को हर हाल में श्रेय मिलना ही चाहिये!<br /><br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-83030772793669717922011-04-17T05:03:42.319+05:302011-04-17T05:03:42.319+05:30रचनाकार को बेशक दाम ना मिले लेकिन कम से कम नाम तो ...रचनाकार को बेशक दाम ना मिले लेकिन कम से कम नाम तो मिले...आपकी पीड़ा समझ सकता हूँ..<br />संत जी को सपष्टीकरण तो देना ही चाहिएराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-39488733734715291022011-04-17T00:38:09.039+05:302011-04-17T00:38:09.039+05:30@ samirlal ji
gyat na ho, ye ho hi nahin sakta
g...@ samirlal ji <br />gyat na ho, ye ho hi nahin sakta <br />gyat hai bhali bhanti gyat hai unhen.........<br /><br />aapne meri peeda samjhi..........dhnyavad<br /><br />kritagya hoonAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-84385275503734988312011-04-17T00:18:40.180+05:302011-04-17T00:18:40.180+05:30रचनाकार का नाम यदि ज्ञात हो तो अवश्य लेना चाहिये अ...रचनाकार का नाम यदि ज्ञात हो तो अवश्य लेना चाहिये अन्यथा कम से कम इतना तो कहा ही जा सकता है कि किसी शायर ने कहा है....ताकि स्पष्ट हो सके कि वक्ता की मौलिक कृति नहीं है.<br /><br />उक्त के आभाव में यह न कहना कि मेरी है, का अर्थ भी यही माना जायेगा कि यह मेरी है क्यूँकि किसी और का इसे बताया ही नहीं गया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-57896432446213808782011-04-16T23:27:55.473+05:302011-04-16T23:27:55.473+05:30@ गिरीश पंकज जी !
एक साधारण मंचीय उठाईगीरा ये क...@ गिरीश पंकज जी !<br />एक साधारण मंचीय उठाईगीरा ये काम करे तो क्षम्य है परन्तु अपने आप को राष्ट्र सन्त कहलाने वाले लोग भी ऐसा करें तो मेरी वेदना अकारण नहीं है<br />@ डॉ अनवर जमाल जी !<br />भले ही संतश्री ने न कहा हो कि ये कविता उनकी है परन्तु जब समाचार पत्र में उनके नाम से किसी ने भेजी हो तो उन्हें इसका खंडन करना ही चाहिए था<br /><br /><br />@ सुनील व्यास जी !<br />हिम्मत आपकी और उन अन्य मित्रों की भी कम नहीं है जो इस लड़ाई में मेरा साथ दे रहे हैं<br /><br />@राज भाटिया जी !<br />उन्हें स्पष्टीकरण देना ही चाहिए और वे देंगे भी.ऐसा मेरा भरोसा है<br /><br />आप सभी का हार्दिक हार्दिक धन्यवाद<br />आभारी हूँAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-90668079203463428502011-04-16T22:43:53.291+05:302011-04-16T22:43:53.291+05:30अगर संत तरुनसागर जी ने इस रचना को खुद अपनी कहा हे ...अगर संत तरुनसागर जी ने इस रचना को खुद अपनी कहा हे तो यह कोई गलती नही बल्कि जान बुझ कर चोरी की हे, ओर अगर अन्य लोग इस रचना को समाचार पत्रो के मध्यम से ओर मुख से भी उन की रचना कहते हे तो भी संत तरुनसागर जी को उन्हे रोकना चाहिये कि भाईयो यह रचना मेरी नही, किसी अन्य कवि की हे(अगर नाम ना बताना चाहते हो) या यह कविता के रचियता अलवेला खत्री जी सुरत वाले हे, बस सारा झगडा खत्म, लेकिन अब उन्हे स्पष्टीकरण तो जरुर देना चाहिये कि उन्होने ऎसा क्यो नही किया ? ओर अगर संत हे तो संतो जैसे काम करे.अलवेला जी एक बार आप खुद फ़ोन पर बात कर के देख ले. धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-739537038981765362011-04-16T21:39:33.238+05:302011-04-16T21:39:33.238+05:30संत आ गया है स्पष्टीकरण देने.
सपष्ट किया जाता है क...संत आ गया है स्पष्टीकरण देने.<br />सपष्ट किया जाता है कि आचार्य जी ने कविता को पसंद किया और उसे कंठस्थ भी किया . इसके बाद लोगों को सुनाया . प्रवचन कर्ता विषय के अनुसार बहुत से शेर और कविताएँ सुनाते ही हैं , आचार्य जी ने कभी नहीं कहा होगा कि यह रचना मेरी है. पत्रकार अपनी मर्जी से कुछ भी लिख देते हैं , ये न तो जानते हैं और न ही मानते हैं. आप अखबारों से जवाब तलब करें कि जब आचार्य जी ने कहा नहीं है कि यह कविता उनकी रचना है तो आपने लिख कैसे दिया ?<br />आप शुरू से ही रचना के लिए लड़ते आये हैं , आप लड़िये हम भी आपके साथ है चाहे रचना आपके साथ हो या न हो .<br />@ मेरे गरीब कवि, आप किसी आचे को कड़वा कसैला न कहें .<br />वे बेचारे तो पहले ही स्वादमुक्त जीवन जी रहे हैं. <br />http://www.mushayera.blogspot.com/DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-80214555370107220602011-04-16T21:28:07.126+05:302011-04-16T21:28:07.126+05:30तरुनसागर जी ने बड़ी गलती की है, वे कड़वे प्रवचन कर...तरुनसागर जी ने बड़ी गलती की है, वे कड़वे प्रवचन करते है, कम से का कडवा काम तो न करे, उन्हें आपकी कविता का पाठ करते समय यह बताना ही चाहिए की यह कविता अलबेला खत्री की है. नाम से परहेज हो तो यह कहना चाहिए, ''किसी कवि ने कहा है'' ओशो यही करते थे. मोरारी बापू भी यही करते है. तरुण सागर भी करे. संत है तो बड़प्पन दिखाएँ...girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-60997347384299779402011-04-16T21:26:09.592+05:302011-04-16T21:26:09.592+05:30तरुनसागर जी ने बड़ी गलती की है, वे कड़वे प्रवचन करत...तरुनसागर जी ने बड़ी गलती की है, वे कड़वे प्रवचन करते है, कम से का कडवा काम तो न करे, उन्हें आपकी कविता का पाठ करते समय यह बताना ही चाहिए,''यह कविता अलबेला खत्री की है''. नाम से परहेज हो तो यह कहना चाहिए, ''किसी कवि ने कहा है'' ओशो यही करते थे. मोरारी बापू भी यही करते है. तरुण सागर भी करे. संत है तो बड़प्पन दिखाएँ...girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-59128197886137511002011-04-16T19:56:23.756+05:302011-04-16T19:56:23.756+05:30@ सुनील कुमार जी !
धन्यवाद
आभारी हूँ@ सुनील कुमार जी !<br />धन्यवाद <br />आभारी हूँAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-45704509964842027782011-04-16T19:14:50.550+05:302011-04-16T19:14:50.550+05:30संत को स्पष्टीकरण देना ही चाहिएसंत को स्पष्टीकरण देना ही चाहिएSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-59016095730135582492011-04-16T18:30:01.196+05:302011-04-16T18:30:01.196+05:30क्रान्तिदूत सन्त श्री तरुण सागर जी के प्रवचन मुझे ...क्रान्तिदूत सन्त श्री तरुण सागर जी के प्रवचन मुझे भी बहुत अच्छे लगते हैं!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-57401932126822692392011-04-16T18:06:40.688+05:302011-04-16T18:06:40.688+05:30@ रतन सिंह शेखावत
धन्यवाद शेखावत साहेब, शुक्र ह...@ रतन सिंह शेखावत<br />धन्यवाद शेखावत साहेब, शुक्र है कि कोई एक बन्दा तो सामने आया जो सही को सही और गलत को गलत कहने की हिम्मत रखता हो<br /><br />आभारी हूँAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-303919957706694657.post-60467466557486159072011-04-16T18:01:15.019+05:302011-04-16T18:01:15.019+05:30अफसोसजनक और दुर्भाग्यपूर्ण
संत को स्पष्टीकरण देना ...अफसोसजनक और दुर्भाग्यपूर्ण<br />संत को स्पष्टीकरण देना ही चाहिए |Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.com