बहुत ही जटिल समस्या थी.......केस बहुत बिगड़ चुका था ....बहुत
भटके थे हम जयपुर, सूरत, बड़ौदा, अहमदाबाद और मुम्बई...लेकिन
कहीं भी मेरे बड़े भाई साहेब के इलाज का संयोग नहीं बैठा, आखिर
गुड़गाँव के मेदान्ता मेडीसिटी में पद्मभूषण डॉ नरेश त्रेहान के नेतृत्व
में डॉ तुषार, डॉ दीपक कपूर और डॉ रजनीश मल्होत्रा ने सुहृदयतापूर्वक
इस केस को सम्हाला और सफल सर्जरी कर दी............
सर्जरी तो बढ़िया हो गई अब पहले की तरह कोई संक्रमण न हो.......और
भैया पूर्ण स्वस्थ हो कर घर पहुँच जाएँ, यही प्रार्थना प्रभु से कर रहा हूँ
...........इस अवसर पर मैं सभी सुविज्ञ डाक्टरों का तहेदिल से शुक्रिया
अदा करना चाहता हूँ साथ ही अपने ब्लोगर बन्धुओं का भी जिनकी
दुआओं से सब ठीक ठाक संपन्न हो गया । खासकर डॉ टी एस दाराल,
शिवम् मिश्रा, राजीव तनेजा, शाहनवाज़ और बी एस पाबला का मैं
आभारी हूँ जिन्होंने लगातार मेरा हौसला बढ़ाया और मार्गदर्शन भी
किया । एक अजनबी शहर में मैं इन्हीं महानुभावों से सम्पर्क की वजह
से तन्हा और मायूस नहीं था ।
दीपमाला के मालिक और गुड़गाँव के प्रतिष्ठित व्यापारी नरेश अग्रवाल व
उनके मित्र डॉ मुकेश गौर ने जो सम्बल दिया वह सदैव मेरे हृदय पटल
पर अंकित रहेगा । मैं आज आप सभी का हृदय से धन्यवाद करते हुए
मालिक से प्रार्थना करता हूँ कि आप इसी तरह सब का हौसला बढाते रहें........
विनीत
-अलबेला खत्री
शुक्रिया डॉ त्रेहान, डॉ मल्होत्रा, डॉ कपूर, डॉ तुषार और आभार डॉ टी एस दाराल, शाहनवाज़, शिवम् मिश्रा , बी एस पाबला , राजीव तनेजा व नरेश अग्रवाल
अब मैं सूरत की पुलिस को क्या बताऊँ कि मैंने मेरी वेब साईट कहाँ रखी थी और कौन ले गया ?
प्यारे ब्लोगर बन्धुओ !
आप सभी को मेरा विनम्र जय हिन्द !
गुड़गांव के मेदान्ता मेडीसिटी में डॉ नरेश त्रेहान के यहाँ अपने अग्रज
की चिकित्सा के सिलसिले में व्यस्त रहने के कारण कई दिनों से नेट
पर नहीं आ पाया लेकिन आज आना बहुत ज़रूरी हो गया था इसलिए
हाज़िर हो गया हूँ ।
कुछ दिन पहले किसी ने मेरी मुख्य वेब साईट www.albelakhatri.com
हैक कर ली है और सबकुछ यों साफ़ कर डाला जैसे गधे के सिर से सींग
-----अब ये काम किसी आतंकवादी ने किया है, देशद्रोही ने किया है या
मुझे सताने के लिए किसी सम्मानित ब्लोगर या आदरणीय कवि ने किया
है, ये तो मैं नहीं जानता लेकिन जिसने भी किया है, बख़ूबी किया है ।
वेब साईट तो दोबारा बन जाएगी, लेकिन आप मज़ा लीजिये उस वार्ता का
जो आज पुलिस के साथ हुई :
हुआ यों कि चार दिन पहले २७-०८-२०१० को इचलकरंजी कवि सम्मेलन
के लिए रवाना होते समय मैंने वेब साईट हैकिंग की सूचना पुलिस को देने
के लिए एक अर्ज़ी गुड्डू की माँ को लिख कर दी थी जिसे लेकर सूरत के
चौक बाज़ार थाना पुलिस गई तो अर्ज़ी यह कह कर नहीं ली गई कि स्वयं
अलबेला खत्री को ही आना पड़ेगा लिहाज़ा आज मैं स्वयं गया तो हैरान
रह गया पुलिस का रवैया देख कर..................
पूरे पुलिस थाने में किसी एक आदमी को भी ये नहीं पता कि वेब साईट
क्या होती है ? और साइबर क्राइम किसे कहते हैं ?
कम से कम सात घंटे का समय खराब हो गया लेकिन मैं नहीं समझा
पाया कि मेरे साथ आखिर हुआ क्या है ?
मेरे शहर की पुलिस f.i.r. दर्ज़ करने के बजाय मुझसे पूछती है कि मैंने
मेरी वेब साईट कहाँ रखी थी ? कौन ले गया ? घटना कहाँ घटी ? वेब
साईट की कीमत क्या है ? ये होती क्या है और कितने की आती है ? उसका
बिल कहाँ है ? रिपोर्ट लिखने से क्या होगा ? जब उसे किसी ने चुराया तब
तुम कहाँ थे ? वगैरह वगैरह आदि आदि इत्यादि ऐसे सवाल सुन कर मैं
रोया भी और हँसा भी ...........
अब क्या बताऊँ पुलिस को कि मैंने मेरी वेब साईट कहाँ रखी थी
- अलबेला खत्री
Labels: क्या करूँ किस से कहूँ ? , वेब साईट हैक , सूरत पुलिस
अब ईश्वर के बाद डॉ नरेश त्रेहान का ही सहारा है, हो सके तो आप भी प्रार्थना करना कि भैया जल्द स्वस्थ हो जाएँ
प्यारे ब्लोगर बन्धुओ !
आपसे एक ज़रूरी बात कहनी है
बहुत दिनों से कुछ लिख नहीं पा रहा हूँ
और आपको पढ़ भी नहीं पा रहा हूँ क्योंकि मेरे आदरणीय अग्रज
श्री रामलाल खत्री का स्वास्थ्य ठीक नहीं है । उनकी चिकित्सा के
लिए भागदौड़ जारी है ।
कोई पाँच महीने पहले उनकी जयपुर में बाई पास सर्जरी हुई थी। डॉ
राजेन्द्रमोहन माथुर ने बहुत अच्छी सर्जरी कर दी, लेकिन दुर्भाग्य से
मधुमेह से पीड़ित भैया को इन्फेक्शन हो गया और कुछ ज़्यादा ही
हो गया जिस कारण सब टांके वापिस खुल गये और मवाद भर गया,
डॉ माथुर ने किसी तरह दोबारा उनका ओपरेशन कर दिया और सफाई
करके पुनः टाँके लगा दिए परन्तु कुछ ही दिनों बाद इन्फेक्शन फिर
हावी हो गया .............बहुत कुछ प्रयास किया गया, कई दिनों तक कई
जगह दिखाया जयपुर, मुम्बई, सूरत, बड़ौदा और सावली लेकिन बात
नहीं बनी, आखिर किसी ने बताया कि गुडगांव में डॉ नरेश त्रेहान ही
सबसे श्रेष्ठ विकल्प है । हमारे ब्लोगर साथी दिल्ली के डॉ टी एस दाराल
ने भी उन्हीं का नाम सुझाया है इसलिए आज हमारा परिवार भाई साहब
को लेकर गुडगांव के लिए प्रस्थान कर रहा है । कल डॉ त्रेहान से मुलाकात
होनी है । ईश्वर करे, वे यह मामला अपने यशस्वी हाथों में ले ले और
जो भी चिकित्सा हो, पूर्ण करके भैया को आराम पहुंचा दे.....
चूँकि ज़्यादा कुछ लिखने की स्थिति में नहीं हूँ इसलिए आप सब मित्रों
से भी मैं आग्रह करता हूँ कि हो सके तो आप भी प्रार्थना कीजियेगा ।
आने वाले दो महीने तक शायद मैं गुडगांव में ही रहूँ । यदि वहां कोई
ब्लोगर बन्धु हैं तो मुझे बताएं क्योंकि मेरे लिए वो शहर नया और
अपरिचित है । हो सकता है वे मेरे लिए बहुत उपयोगी हों ।
मेरे मोबाइल नम्बर हैं :
09408329393 और 09228756902
धन्यवाद
विनम्र
अलबेला खत्री
Labels: आत्मिकी अलबेला खत्री , चिकित्सा , डॉ नरेश त्रेहान