ओम  नमः शिवाय
आज देवों के देव महादेव भगवान भोलेनाथ  यानी आशुतोष शिव  की
आराधना का दिन था और उन्हीं की आज पवित्र रात्रि  भी है ।  हम
भारतीय लोग  इतने बिजनेस माइंडेड  हैं कि  भगवान  को नमन भी करते
हैं तो  फ़ोकट में नहीं,  बल्कि वरदान की अभीप्सा में .............लिहाज़ा
आज सभी भक्तजनों ने  कुछ न कुछ डिमाण्ड ज़रूर  रखी होगी ।
भाई  मैंने तो  आज सच पूछो तो देश के लिए कुछ नहीं माँगा.....केवल
अपने स्वास्थ्य के  लिए ही प्रार्थना की इसलिए मैं तो भाई स्वार्थी  टट्टू
हूँ  लेकिन यदि आपने भी कुछ वरदान माँगा हो, तो  कृपया  बताएं
ताकि हम आपस में जान सकें ।
भगवान शिव आशुतोष आप सब पर कृपा बनाये रखे,
इस हार्दिक कामना के साथ
- अलबेला खत्री
बाबा........आपने आज क्या माँगा भोलेनाथ से ?
Labels: अलबेला खत्री , आशुतोष , भगवान भोलेनाथ , महादेव , शिवरात्रि , हिन्दी कविता
लौट के बुद्धू घर को आया ...............
नमस्कार  ब्लोगर बन्धुओ !
बहुत दिनों से चाह कर भी  आप के साथ संवाद नहीं कर  पा रहा था ।
परन्तु  अब दो दिन मिल गये हैं  आप से बतियाने के लिए, कुछ लिखने
के लिए और कुछ टिपियाने के लिए....भले ही  घर  में नवीनीकरण का 
काम चालू है और  कवि-सम्मेलनीय यात्राओं की  थकान भी है  परन्तु
 आपसे रूबरू  होने का मोह संवरण नहीं कर पा रहा हूँ  इसलिए  कुछ ही
घण्टों के आराम बाद  आप से मिलने आ रहा हूँ
-अलबेला खत्री
Labels: कविता , हँसना मना है , हास्य कवि अलबेला खत्री के दिल से , हिन्दी कवि

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

 
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