पिछले कुछ महीनों में दुनिया के अनेक देशों से वहां की ज़ालिम
सत्ता के प्रति जनता के भारी आक्रोष के स्वर सुनाई व दिखाई
दिए थे . सारे संघर्ष रक्त रंजित थे, ख़ूनी थे अर्थात हिंसक थे .
छोटे-छोटे देशों के आन्दोलनों में भी बड़े स्तर पर लोग मारे गये
या अपंग हुए थे. परन्तु धन्य है भारत की धरती और भारत की
समझदार जनता ...लोकतन्त्र में विश्वास करने वाली, अहिंसा में
आस्था रखने वाली हमारी अन्नामय जनता, जिसके समर्थन के
बल पर 74 वर्ष के बुजुर्ग, एक आम आदमी ने वो कर दिखाया
जिस पर यक़ीन करने में उन देशों को बड़ा वक्त लगेगा .
12 दिन तक भूखा रह कर, देश और देश के लोगों की ख़ुशहाली
के लिए अपने प्राणों की बाज़ी लगा देने वाले असली जांबाज़
अन्ना हज़ारे ने साबित कर दिया कि भारत वही देश है जहाँ
कभी लंगोटी धारी बूढ़े महात्मा गांधी ने अहिंसा के दम पर
समूची अँगरेज़ हुकूमत को हिला दिया था .
देख लो दुनिया वालो देखलो ! आंखें खोल कर देख लो.....
त्याग है बलिदान है ये इण्डिया
शौर्य की पहचान है ये इण्डिया
कर लो माथे पर तिलक इस माटी का
बहुत गरिमावान है ये इण्डिया
भक्ति और शक्ति का संगम है जहाँ
ऐसा तीर्थ स्थान है ये इण्डिया
जय हिन्द !
3 comments:
Nice post .
लोग कहते रहे हैं कि मनमोहन जी एक ईमानदार आदमी हैं।
ये कहीं के ईमानदार नहीं हैं।
हमारे प्रधानमंत्री एक कमज़ोर और अक्षम प्रधानमंत्री हैं।
इन्हें सोनिया जी ने इस कुर्सी पर इस लिए बैठा दिया है कि जगह ख़ाली न रहे और जब राहुल जी पूरी फ़ॉर्म में आ जाए तो इन्हें आर्डर देकर हटाया जा सके। कोई लायक़ प्रधानमंत्री होगा तो सीट हमेशा के लिए चली जाएगी ख़ानदान के हाथ से। एक डमी के रोल में हैं पीएम साहब।
जो आदमी पूरे देश के साथ पीएम होने की एक्टिंग कर रहा हो , वह कैसा ईमानदार ?
ये बात खत्री साहब, अमेरिका की स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी, पेरिस की एफिल टावर या इंग्लॅण्ड के बकिंघम पैलेस की छत पर चढ़ कर बोलिए, ज्यादा गूंजेगी....
wah bahut khoo hi khoob kaha aapne.
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