प्यारे साथियो, भावभीना नमस्कार .
बीती रात कलोल में इफ्को परिसर में एक शानदार हास्य कवि-सम्मेलन
संपन्न हुआ . कवियों की संख्या भले ही कुल चार थी, परन्तु ठहाकों और
तालियों की गूंज चार घंटे तक समूचे अंचल में गूंजती रही . इफ्को के
नवरात्रि महोत्सव के समापन अवसर पर, शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में
होली के रंगों को समर्पित इस रंगारंग काव्य-समारोह का रसीला सञ्चालन
हास्यकवि अलबेला खत्री ने किया और एक एक करके अपने तीन साथी
कवियों को प्रस्तुत किया . इफ्को की कलोल यूनिट के मुखिया श्री शमशेर सिंह
समेत अनेक वरिष्ठ महाप्रबंधक चार घंटे तक मंत्र मुग्ध हो कर काव्य का आनंद
लेते रहे .
जय हिन्द !
2 comments:
आजकल की दौड़ भाग की जिंदगी में लोगों को हँसाना कतई सरल काम नहीं है ...कुछ पल ही सही हंसने से मन में एक स्फुर्ती तो आ ही जाती हैं ......
kya baat hai bhai ji manana padega aapako bhi
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