प्यारे मित्रो ! नमस्कार .
ऑडियो एल्बम 'काव्य-कुम्भ' के लिए कल शाम सूरत के शायर अनवर फ़ारूकी की ग़ज़लें स्वरबद्ध की गईं . आज और कल हमारे युवा रिकार्डिस्ट व स्टूडियो संचालक पारस सोनी की वैवाहिक वर्षगाँठ के कारण रिकॉर्डिंग बंद रहेगी . अब शेष रिकॉर्डिंग सोमवार से शुरू होगी . कल अनवर फ़ारूकी ने तीन ग़ज़लें और दो हज़लें सुना कर मंत्र मुग्ध कर दिया . यहाँ मैं बताना ज़रूरी समझता हूँ कि अनवर फ़ारूकी साहेब सूरत और आसपास के मुशायरों में बड़े सम्मान के साथ बुलाये जाते हैं परन्तु प्रतिभा होने के बावजूद कोई बहुत बड़ी उपलब्धि अभी उनके हिस्से में इसलिए नहीं आई है क्योंकि वे एक तो साधन संपन्न नहीं, दूसरे उनका मंच के प्रति कोई विशेष मोह भी नहीं ......केवल अच्छा लिखना और उर्दू साहित्य को समृद्ध करना ही वे अपना लक्ष्य बनाए हुए हैं .
सुबह से शाम तक ऑटो रिक्शा चला कर जीवनयापन करने वाले इस जानदार शायर के सामने मैं उस वक्त मन ही मन नत मस्तक हो गया जब उनके मन में अन्य नवोदित शायरों व कवियों के प्रति स्नेह व सहयोग का जज़्बा पाया .
जय हिन्द
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