प्यारे मित्रो....
आप सभी को मेरा सौहार्दिक स्मरण, आत्मिक अभिनन्दन एवं प्रेम भरा प्रणाम .
माँ सरस्वती की कृपा, बुजुर्गों की आशीष और आप सभी की स्नेहसिक्त
शुभकामनाओं से कल मैंने अपने मंचीय सफ़र का एक अहम पड़ाव पार कर लिया .
श्रीगंगानगर राजस्थान से शुरू हो कर, सम्पूर्ण भारत और अनेक देशों से होते
हुए कल मुम्बई में समन्दर की लहरों पर जब मैंने प्रस्तुति की तो प्रोग्रामों का
आंकड़ा 6000 को छू गया .
यह मेरे लिए न केवल आनन्द, बल्कि गर्व की भी बेला है कि इस छोटी सी उम्र
में ही हिन्दी कविता की इत्ती सेवा करने का अवसर मुझे मिला .
माँ से कामना करता हूँ कि आगे भी कुछ वर्ष और इसी तरह सक्रिय रह कर मंचों
पर धूम मचाने का सामर्थ्य मुझे प्रदान करे.
जय हिन्दी
जय हिन्द !!
1 comments:
बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
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