आपके वृद्ध पिताजी को नींद नहीं आ रही है, सर दर्द के मारे वे तड़प रहे
हैं, उन्हें इतनी तकलीफ है कि किसी की कोई आवाज़ नहीं सुहाती . ऐसे
में आपका पड़ोसी जोर जोर से धमाके करे बम फोड़ने के तो आपको कैसा
लगेगा ? आपकी पत्नी ने कुछ ही दिन पहले शिशु को जन्म दिया है .
बच्चा कमज़ोर है और अत्यंत छोटा भी ...लेकिन आपके न चाहते हुए
भी बड़े बड़े धमाके हो रहे हों और ज़हरीला धुआं आपके घर में आ रहा हो
तो आपको कैसा लगेगा ? किसी के घर कोई मौत हो गयी हो, वहां मातम
का माहौल हो और उनके घर के आगे ही अनार और चकरियां अथवा
फुलझड़ियों की रौशनी हो, तो उस घर के लोगों को कैसा लगेगा ?
पैसों को आग लगाने से अच्छा है उन्हें किसी नेक काम में लगाओ ......
दीपावली लक्ष्मी जी के पूजन का त्यौहार है, उनके अपमान का नहीं ....इसलिए
लक्ष्मी छाप अथवा गणेश छाप बम फोड़ कर देवी देवताओं के चीथड़े
उड़ने के बजाय इस दिन अधिकाधिक काम करो और लक्ष्मीजी को घर ले
कर आओ ..यही सही पूजा है .....जलाना ही है तो किसी गरीब के घर का चूल्हा
जलाओ, किसी मजदूर के बच्चों को नए वस्त्र दिलाओ किसी बीमार को फल
खिलाओ ..अपने लिए तो सब जीते हैं प्यारे ...कुछ तो ध्यान औरों का भी रखें
..आखिर हम इंसान हैं
जय हिन्द !
deepavli2012, no patakha, albela khatri,jai maa hingulaj, poetry,kavi,hasyakavi sammelan, surat |
3 comments:
बढ़िया कहा है..
BEAUTIFUL AND VERY NICE POST. HEART TOUCHING LINES.
bhai ye baat t teny mere dil ki keh di m bhi esa hi kertaa hoo aapki baat sabko bataoong is dipawali se pehla
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