मातृ दिवस के इस पावन प्रात में अपनी माता समेत समस्त माताओं को सादर
प्रणाम निवेदित करता हूँ और कामना करता हूँ कि मेरी वजह से उन्हें कभी किसी
भी प्रकार का किंचित भी कष्ट न पहुंचे . उनके जीवन में सदा सुख का सरस उजाला
और आत्मिक आनंद का बोलबाला रहे .
आज के मधुर अवसर पर ही समस्त जगत की माता और अपनी कुलदेवी आदिशक्ति
माँ हिंगुलाज के चालीसा निर्माण का काम भी आरम्भ कर रहा हूँ . आशा है माँ को
और जगत माँ को मेरा प्रयास पसंद आएगा .
सभी मित्रों को हार्दिक प्रणाम
जय माँ हिंगुलाज
1 comments:
ब्लॉग बुलेटिन के माँ दिवस विशेषांक माँ संवेदना है - वन्दे-मातरम् - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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