बहुत दिनों बाद आप सभी ब्लोगर बन्धुओं को नमस्कार करने का अवसर
मिला है आज तो इसे व्यर्थ नहीं जाने दूंगा .....आप सभी को हार्दिक हार्दिक
स्नेह स्मरण करके रहूँगा .
पिछले 40 दिनों से अमेरिका की यात्रा पर था और वहां बहुत सारे कार्यक्रमों
के अलावा लम्बी यात्राओं, दोस्तों से मेलजोल और मौजमस्ती में अति व्यस्त
होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ पाया लेकिन आज एक ऐसी घटना घटी कि
"आना ही पड़ा सजना ....ज़ालिम है दिल की लगी ....." गाते हुए आ गया हूँ
कहना ये चाहता हूँ कि हमारे देश का कोई मुकाबला नहीं . "यहाँ के बन्दे
अल्ला अल्ला, यहाँ का मौसम राम राम"
40 दिन तक अमेरिका में ठन्डे मौसम और प्रदूषण रहित वातावरण में रहने
के कारण मेरे तन-बदन पर एक उजली सी चमक की परत चढ़ गयी थी . रंग
गोरा सा हो गया था और त्वचा एक दम साफ़ हो गयी थी . ऐसा परिवर्तन अपनी
देह में देख कर मैं खुश था ...खुश क्या था, बल्लियों उछल रहा था . लेकिन
अपना देश तो अपना देश है न भाई ! वह पराई चमक कब तक बर्दाश्त करता
और क्यों करता ? लिहाज़ा किराये के एक फ्लैट की तलाश में दो दिन तक ऑटो
रिक्शा में बैठ कर अहमदाबाद शहर में घूमा तो बाहरी मुल्लमा झट से उतर
गया और फट से अपन अपने उसी रंग में आ गए ....हा हा हा हा
ऐसी गरमी और ऐसी आग बरसाती धूप से सामना हुआ कि रोम रोम से
एक ही आवाज़ आई ....जय हिन्द !
-अलबेला खत्री
5 comments:
बधाई मुफ्त में गोरे होने की..
:)
Jay Hindi Sir ji.... :-)
बधाई हो...।
अंततोगत्वा भारत ही रास आया और आएगा जिन यहाँ मरना यहाँ
हमारा भी दो डिग्री ज्यादा वाला जय हिन्द स्वीकार करें :)
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