अमेरिका में टेक्सास प्रान्त के डल्लास शहर में शायरी और हास्य-व्यंग्य में
भीनी वह रात बहुत रंगीन और ख़ुशनुमा थी . भारत से सात समंदर पार
हिन्दोस्तान और पाकिस्तान के लोग एक साथ हँस रहे थे और एक साथ
शायरी का मज़ा ले रहे थे .
शीराज़ मिठानी द्वारा आयोजित इस हास्य समारोह में अपनी प्रस्तुति के पहले मैं
थोड़ा सा चिन्तित था अपने परफोर्मेंस को ले कर ........क्योंकि आयोजकों ने
साफ़ कह दिया था कि ऑडियंस में केवल पाकिस्तानी लोग रहेंगे जिन्हें भारत
की राजनीति, गुजरात के विकास, भ्रष्टाचार अथवा नरेन्द्र मोदी जैसे विषयों से
कोई लगाव नहीं है . लिहाज़ा इन विषयों से हट कर परफ़ॉर्म करना है . मेरे लिए
यह थोड़ा चुनौती भरा काम था . लेकिन शुक्र है माँ सरस्वती का जिन्होंने मेरी
राह सरल कर दी .
मज़े की बात ये है कि अढाई घंटे चलने वाला प्रोग्राम साढ़े तीन घंटे चला और
इस्माइली समाज के सभी पाकिस्तानी बन्धु इतने लोटपोट हो गए हँस हँस कर
कि समूचा वातावरण ठहाकों और तालियों से गूंज उठा . मेरे लिए और भी ख़ुशी
की बात यह थी कि वहां के लोगों ने माइक पर आ कर स्वीकार किया कि प्रोग्राम
तो वे पहले भी सैकड़ों देख चुके हैं लेकिन अलबेला खत्री का हास्य हंगामा उन्हें
अनेक वर्षों तक याद रहेगा .
वैसे आपको ये भी बता दूँ कि जब मैंने गुजरात वाला गीत सुनाया तो पूरा गीत
लोगों ने मेरे साथ साथ गाया .....है न कमाल की बात और आनंद की बात
जय हिन्द !
-अलबेला खत्री
3 comments:
बहुत बहुत बधाई ...
बधाई.. कुछ आवाजें यहाँ पर भी अपलोड कीजिये.. हम भी आनंद ले सकें..
Bahut Badhia...
Post a Comment