जब सत्कर्मी व्यक्ति को असह्य कष्ट हो,
तो समझना चाहिए कि
ईश्वर शीघ्र ही उस पर कृपा करने वाला है
यह बात मैंने साक्षात् अनुभव की है
-टीकमचंद वारडे
ईमानदार आदमी ईश्वर की सर्वोत्कृष्ट कृति है ।
- पोप
ईमान क्या है ?
सब्र करना और दूसरों की भलाई करना ।
अगर मोमिन ( ईमान वाला ) होना चाहता है
तो अपने पड़ौसी का भला कर
और अगर मुसलिम होना चाहता है
तो जो कुछ अपने लिए अच्छा समझता है
वही सबके लिए अच्छा समझ ।
- कुरआन शरीफ़
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मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा आयोजित अखिल भारतीय हास्य
कवि सम्मेलन
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*शानदार, शानदार, शानदार …………………*
* शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पा...
10 years ago
10 comments:
अलबेला जी बिल्कुल सत्य वचन कही आपने..कभी धीरज नही खोना चाहिए दुख के बाद सुख आता है...बढ़िया प्रस्तुति के लिए आभार
बहुत सही प्रस्तुति! आभार!
bahut khub
फिर से प्रशंसनीय रचना - बधाई
http://guftgun.blogspot.com/
बहुत ही उपयोगी वाक्य हैं!
आज तो बहुत अच्छी अच्छी बातें संकलित की हैं आपने.... सब ख़ैरियत तो है न !
:-))
bahut hi behtar bhav diye aapne. Dhanybaad.
बात बिलकुल सही है, मगर हकीकत में करते ठीक इसके विपरीत है
सत्य वचन....
बहुत खुब जी सत्य वचन
बाक़ी तो पता है लेकिन यह टीकम चन्द वारडे कौन है ....
अरे समझा .. क्या अलबेला भाई अपुन को मामू समझता है क्या ?
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