प्यारे मित्रो, नकली मुद्रा असली मुद्रा को बाज़ार से बाहर कर देती है, ये सुना तो बी बहुत था लेकिन इसका प्रत्यक्ष प्रमाण अब मेरे हाथ में है इसलिए आपको दिखा रहा हूँ .............
दो दिन पुरानी बात है . पहले तो मुझे हँसी आई और बहुत हँसी आई लेकिन अगले ही पल रोना आगया वोह भी बुक्का फाड़ फाड़ कर ...... . क्योंकि मैं कन्फ्यूज़ था कि रोऊँ या हँसूँ ? हँस तो रहा था हमारे देश के सबसे लोकप्रिय हास्यकवि आदरणीय सुरेन्द्र शर्मा की टिप्पणी पर और रो रहा था ....उनकी ऐसी टिप्पणी करने की विवशता पर .......
अब पूरा मामला समझो ........मेरे मित्र बसंत माहेश्वरीजी ने फ़ेसबुक पर एक पोस्ट लगाई जिस पर सुरेन्द्र शर्मा ने टिप्पणी करके कहा कि उक्त कविता सुरेन्द्र दुबे की है जबकि सचाई इससे बहुत दूर है क्योंकि यह कविता तो एक ट्रेलर भर है उस कविता ( हालांकि वो कविता नहीं, केवल तुकबंदी है ) का, जो बरसों पहले मैंने लिखी है और विस्तार से लिखी है .
हाथ कंगन को आरसी क्या ? आप पहले वह पोस्ट वाली कविता देख लीजिये और बाद में मैं अपनी कविता दिखा देता हूँ . अब आप ही निर्णय कर लें कि असली कलाकार कौन ...चित्र बनाने वाला या बने हुए चित्र का छायाचित्र उतारने वाला ...
ये है वो पोस्ट :
एक अमेरिकन बोला भाई साहब बताइये अगर आपका भारत महान है तो सँसार के इतने आविष्कारों में आपके देश का क्या योगदान है ??
हिन्दुस्तानी - "अरे अमरीकन सुन !!"
१. संसार की पहली फायर प्रूफ लेडी भारत में हुई !!
नाम था "होलिका" आग में जलती नही थी !!
इसीलिए उस वक्त
फायर ब्रिगेड चलती नही थी !!
२. संसार की पहली वाटर प्रूफ बिल्डिँग भारत में
हुई !!
नाम था भगवान विष्णु का"शेषनाग" !!
काम तो ऐसे जैसे "विशेषनाग" !!
३. दुनिया के पहले पत्रकार भारत में हुए !! "नारदजी"
जो किसी राजव्यवस्था से
नही डरते थे !!
तीनों लोक की सनसनी खेज रिपोर्टिँग करते थे !!
४. दुनिया के पहले कॉँमेन्टेटर"संजय" हुये, जिन्होंने नया इतिहास बनाया !!
महाभारत के युद्ध
का आँखो देखा हाल अँधे "ध्रतराष्ट" को उन्ही ने
सुनाया !!
५. दादागिरी करना भी दुनिया हमने
सिखाया क्योंकि वर्षो पहले हमारे "शनिदेव" ने
ऐसा आतँक मचाया कि "हफ्ता" वसूली का रिवाज उन्ही के शिष्यो ने
चलाया !!
आज भी उनके शिष्य हर शनिवार को आते है !
उनका फोटो दिखाकर हफ्ता ले जाते है!!
.
अमेरिकन बोला दोस्त फालतू की बातें मत बनाओ!
कोई ढ़ंग का आविष्कार हो तो बताओ !!
जैसे हमने इँसान की किडनी बदल दी,
बाईपास सर्जरी कर दी आदि !!
हिन्दुस्तानी बोला रे अमरीकन सर्जरी का तो आइडिया ही दुनिया को हमने दिया था !!
तू ही बता "गणेशजी" का ऑपरेशन क्या तेरे बाप ने
किया था !!
.
अमरीकन हडबडाया !! गुस्से मेँ बडबडाया!!
देखते ही देखते
चलता फिरता नजर आया!!
तब से पूरी दुनिया को हम
पर मान है!!!
दुनिया में देश कितने ही हो
पर मेरा "भारत" महान है......!!
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You and Veenu Sachdev like this.
Surender Sharma ये कविता जयपुर के हास्य कवि सुरेन्द दुबे की है
September 5 at 6:55pm via mobile · Like · 1
Albela Khatri आप अपनी जानकारी के मुताबिक़ ठीक कह रहे हैं Surender Sharma ji, यह कविता जयपुर के कवि सुरेन्द्र दुबे के नाम से जानी जाती है और वे उसे सब जगह सुनाते भी हैं लेकिन यह आधी अधूरी है, पूरी कविता अलबेला खत्री के पास है क्योंकि वो इसका वास्तविक रचनाकार...See More
September 5 at 9:24pm · Like
2 comments:
वाह वाह क्या बात है
आदरणीय अलबेला जी आपको नमन ।
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