प्यारे दोस्तों !
स्वर सम्राट मन्ना डे के निधन से मुझे वैयक्तिक धक्का पहुंचा है . बड़ा अरमान था मन में कि अपने कुछ साहित्यिक गीतों और कुछ हास्यगीतों को मन्ना दा के सुरों में स्वरबद्ध कर के एक शानदार एल्बम निकालूं .........अपने प्रिय मित्र संगीतकार अर्णब चटर्जी के संगीत निर्देशन में यह एल्बम निकालने की पूरी तयारी हो चुकी थी ....बस प्रतीक्षा थी तो मन्ना दा के स्वस्थ होने की ...परन्तु वे स्वस्थ हो कर लौटने की बजाय परलोक चले गए और मेरे वे गीत गूंगे ही रह गए ..............
सुर, स्वर और संगीत के समन्दर में यों तो अनेक बड़ी बड़ी लहरें उठीं और शांत हो गईं परन्तु मन्ना डे एक ऐसी ऊँची और विराट लहर थे जिसकी रवानी की गूंज हमारे मन में ही नहीं आत्मा में भी स्पन्दन पैदा करती थी .
उनकी आत्मिक शान्ति के लिए आत्मिक प्रार्थना और शत शत नमन
-अलबेला खत्री
hasyakavi albela khatri's poem |
hasyakavi albela khatri in nalwa steel & power |
3 comments:
मन्ना डे को विनम्र शुभकामनायें।
मन्ना दा को विनम्र श्रद्धांजलि.
नई पोस्ट : उत्सवधर्मिता और हमारा समाज
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (26-10-2013) "ख़ुद अपना आकाश रचो तुम" चर्चामंच : चर्चा अंक -1410” पर होगी.
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है.
सादर...!
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