सचमुच बड़ा आनंद अनुभव होता है मन में
सफ़र पर जाते वक्त
क्योंकि लोग सर आँखों पर बिठाते हैं
कविता को और कवियों को
लो जी एक बार फिर हँसी के सफ़र पर चला हास्यकवि अलबेला खत्री |
लो जी एक बार फिर हँसी के सफ़र पर चला हास्यकवि अलबेला खत्री |
लो जी एक बार फिर हँसी के सफ़र पर चला हास्यकवि अलबेला खत्री |
लो जी एक बार फिर हँसी के सफ़र पर चला हास्यकवि अलबेला खत्री |
2 comments:
शुभकामनाएं
शुभकामनायें।
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