ज्योति-पर्व की ख़ूब बधाई
सबको मुबारक़ हो मंहगाई
आई फिर दीपावली, ले कर नव उल्लास
उजियारे का हो रहा, भीतर तक आभास
भीतर तक आभास, लगी सजने दूकानें
धीरे धीरे ग्राहकगण, भी लगे हैं आने
बरतन-वरतन, कपड़ा-सपड़ा, जूता-वूता
हर वस्तु का भाव भले आकाश को छूता
खर्चो खर्चो, खर्च दो, जितना जिसके पास
आई फिर दीपावली, ले कर नव उल्लास
-अलबेला खत्री
सबको मुबारक़ हो मंहगाई
आई फिर दीपावली, ले कर नव उल्लास
उजियारे का हो रहा, भीतर तक आभास
भीतर तक आभास, लगी सजने दूकानें
धीरे धीरे ग्राहकगण, भी लगे हैं आने
बरतन-वरतन, कपड़ा-सपड़ा, जूता-वूता
हर वस्तु का भाव भले आकाश को छूता
खर्चो खर्चो, खर्च दो, जितना जिसके पास
आई फिर दीपावली, ले कर नव उल्लास
-अलबेला खत्री
4 comments:
खर्चो खर्चो, खर्च दो, जितना जिसके पास
आई फिर दीपावली, ले कर नव उल्लास
आपको वनववर्ष की बहुत शुभकामनाएं !!
महंगाई की बड़ी बड़ी आँखों से...
अब डरना छोड दिया है हमने...
दीपावली हो या होली...
पर्स का मुंह खुला ही छोड दिया है हमने...
महंगाई तो बहू है हमारी...
हमारे ही घरमें रहेगी हंमेशा...
जो करना है,कर ले वह...
तो दीपावली आ रही है...
जम कर खर्चा करना शुरू कर दिया है हमने...
शुभ दीपावली,
दीपावली के पावन पर्व पर हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ |
way4host
rajputs-parinay
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