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Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

पत्नी रंगेहाथ पकड़ ले तो उसके पाँव दबाना पाप नहीं है बाबाजी


नयन लड़ाना पाप नहीं है बाबाजी
प्यार जताना पाप नहीं है बाबाजी

अगर पड़ोसन पट जाये तो उसके घर
आना - जाना पाप नहीं है बाबाजी

बीवी बोर करे तो कुछ दिन साली से
काम चलाना पाप नहीं है बाबाजी

पत्नी रंगेहाथ पकड़ ले तो उसके
पाँव दबाना पाप नहीं है बाबाजी

रोज़ सुबह उठ, अपनी पत्नी की खातिर
चाय बनाना पाप नहीं है बाबाजी

वेतन से यदि कार खरीदी न जाये
रिश्वत खाना पाप नहीं बाबाजी

'अलबेला' हर व्यक्ति यहाँ दुखियारा है
इन्हें हँसाना पाप नहीं है बाबाजी

-अलबेला खत्री

https://www.facebook.com/AlbelaKhatrisHasyaKaviSammelan?ref=hl


hasyakavi albela khatri

देशद्रोहियों का सारा अरमान धरा रह जाएगा, कुछ भी करलो, नरेन्द्र मोदी आएगा तो आएगा


पटना में सीरियल बम ब्लास्ट ............
________________________

स्वानों ने सोचा जंगल के राजा को दहला देंगे 


दादुर ने सोचा सागर को पीकर मन बहला लेंगे 



गीदड़दल ने साज़िश की गजराज को आँख दिखाने की 


अंगारों ने की कोशिश सूरज को आग लगाने की 



किन्तु उन्हें मालूम न था, लोटे में यान न चलते हैं 


चूहों की आवाजाही से शैलशिखर नहीं हिलते हैं 



देशद्रोहियों का सारा अरमान धरा रह जाएगा 


कुछ भी करलो, नरेन्द्र मोदी आएगा तो आएगा 



_______जय हिन्द ! 


_______अलबेला खत्री

hasyakavi albela khatri support narendra modi

hasyakavi albela khatri support narendra modi

ख़ूब जमा कोटा दशहरा मेला का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन






अद्भुत ! अद्भुत !! अद्भुत !!!  सचमुच अद्भुत नज़ारा था कोटा दशहरा मेला का .........मानो पूरा शहर ही दुल्हन की भांति सजा रखा था  नगर निगम कोटा ने ,,,,,,,,,,,,,विशेषकर मेला परिसर की रंगीनियां तो गज़ब थीं ...पूरा वर्णन करने बैठूं तो पूरी रात इसी में बीत जायेगी  इसलिए यहीं पर नगर निगम कोटा को बधाई  और आयोजन समिति का अभिनन्दन करते हुए  आपको ले चलता हूँ  वहाँ, जहाँ हमारा सफलतम अखिल भारतीय कवि  सम्मेलन संपन्न हुआ ..........

 कवि सम्मेलन आरम्भ होने से पहले ऊँचे,विराट और जगमगाते भव्य मंच पर सुशोभित थीं तीन ज़बरदस्त महिला मंच संचालिकाएं जिन्होंने आवागमन के दौर में भी समां  बांधे रखा और कविता के लिए माहौल बनाया . सरस्वती माँ के समक्ष मंगल दीप प्रकटाने के बाद  आमंत्रित कवियों का सम्मान  हुआ व युगराज जैन को मंच सञ्चालन सौंप दिया गया जिन्होंने अपना दायित्व बख़ूबी निभाते हुए रसपूर्ण सञ्चालन किया . कविवर हरिओम पवार, प्रताप फ़ौज़दार, अलबेला खत्री,  सुरेन्द्र यादवेन्द्र,  युगराज जैन, मंजीत सिंह, अनामिका अम्बर, काव्या  मिश्रा, सुश्री नेहा व नवोदित हर्षवर्धन इत्यादि सभी ने उम्दा से उम्दा काव्यपाठ किया और कार्यक्रम को ऊंचाई पर पहुँचाया .

यद्यपि मुझे ख़ूब डराया गया था कि  कोटा के दशहरा मेला कवि  सम्मेलन में लोग कविता सुनने नहीं बल्कि कवियों को हूट करने आते हैं इसलिए वहाँ कोई भी नहीं जमता ...परन्तु सच का दृश्य तो मैंने कुछ और ही पाया .........मुझे खूब सुना, खूब दाद दी ..यहाँ तक कि दामिनी वाले छंद पर और  मोदी वाली पैरोडी पर तो  लोगों ने आ कर  मालाओं और गुलदस्ते से अभिनन्दन भी किया ....कुल मिला कर  यह एक वास्तविक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन था जहाँ  कवितायें सुनीं और सराही गयीं

धन्यवाद कोटा की रसज्ञ जनता
आभार नगर निगम कोटा
जय हिन्द !
-अलबेला खत्री



ऑडियो एल्बम 'काव्य-कुम्भ' प्रथम अंक का विमोचन और लोकार्पण


कुछ नये नवेले और कुछ पुऱाने कवि / कवयित्रियों की काव्यकला को प्रसारने के लिए उनकी काव्य-प्रस्तुति पर आधारित बहुप्रतीक्षित  ऑडियो एल्बम 'काव्य-कुम्भ' प्रथम अंक का विमोचन और लोकार्पण शरद पूर्णिमा रात नलवा ऑफ़िसर्स क्लब  के कवि  सम्मेलन मंच पर  नलवा स्टील एंड पावर लिमिटेड के मुखिया श्री पी एस राणा के हाथों संपन्न हुआ .

इस अवसर पर कविवर  डॉ कर्नल वी पी सिंह, प्रताप फौजदार प्रदीप चौबे, योगिन्द्र मौदगिल, रामगोपाल शुक्ल, ब्लॉगर ललित शर्मा  तथा नलवा ऑफ़िसर्स क्लब के जनरल सैक्रेटरी श्री प्रकाश यादव समेत अनेक अधिकारीगण उपस्थित रहे . एल्बम का निर्माण हास्यकवि अलबेला खत्री ने किया है .

जय हिन्द !


ऑडियो एल्बम 'काव्य-कुम्भ' प्रथम अंक का विमोचन और लोकार्पण

ऑडियो एल्बम 'काव्य-कुम्भ' प्रथम अंक का विमोचन और लोकार्पण
ऑडियो एल्बम 'काव्य-कुम्भ' प्रथम अंक का विमोचन और लोकार्पण

ऑडियो एल्बम 'काव्य-कुम्भ' प्रथम अंक का विमोचन और लोकार्पण
ऑडियो एल्बम 'काव्य-कुम्भ' प्रथम अंक का विमोचन और लोकार्पण

ऑडियो एल्बम 'काव्य-कुम्भ' प्रथम अंक का विमोचन और लोकार्पण
ऑडियो एल्बम 'काव्य-कुम्भ' प्रथम अंक का विमोचन और लोकार्पण


गीत गूंगे ही रह गए मेरे ....मन्ना डे की आवाज़ खामोश हो गई



प्यारे दोस्तों !
स्वर सम्राट मन्ना डे  के निधन से मुझे वैयक्तिक धक्का पहुंचा है . बड़ा अरमान था मन में कि अपने कुछ साहित्यिक गीतों और कुछ  हास्यगीतों को मन्ना दा के सुरों में स्वरबद्ध कर के एक शानदार एल्बम निकालूं .........अपने प्रिय मित्र संगीतकार अर्णब चटर्जी के संगीत निर्देशन में यह एल्बम निकालने की पूरी तयारी हो चुकी थी ....बस प्रतीक्षा थी तो मन्ना दा के स्वस्थ होने की ...परन्तु वे स्वस्थ हो कर लौटने की बजाय  परलोक चले गए और मेरे वे गीत गूंगे ही रह गए ..............

सुर, स्वर और संगीत के समन्दर में यों तो अनेक बड़ी बड़ी लहरें उठीं और शांत हो गईं परन्तु मन्ना  डे  एक ऐसी ऊँची और विराट लहर थे  जिसकी रवानी की गूंज हमारे मन में ही नहीं  आत्मा में भी स्पन्दन पैदा करती थी .

उनकी आत्मिक शान्ति के लिए आत्मिक प्रार्थना और शत शत नमन


-अलबेला खत्री 

hasyakavi albela khatri's poem

hasyakavi albela khatri in nalwa steel & power

नलवा स्टील एंड पावर लिमिटेड रायगढ़ में नलवा ऑफिसर्स क्लब के लिए हास्य हंगामा


नलवा ऑफ़िसर्स क्लब में शरद पूनम की रात खूब जमा हास्य हंगामा 2 0 1 3


छत्तीसगढ़ में कविता सुनने वालों का अन्दाज़ बहुत प्यारा है .  कविता अच्छी हो तो रात भर बैठे रह सकते हैं  परन्तु कविता में दम न हो तो  जल्दी ही महफ़िल छोड़ कर घर चले जायेंगे .  यह सुखद संयोग था कि  नलवा स्टील एंड पावर लिमिटेड रायगढ़ में नलवा ऑफिसर्स क्लब के लिए आयोजित व अलबेला खत्री द्वारा मंच संचालित हास्य हंगामा 2 0 1 3 कवि  सम्मेलन में कवि भी अच्छे थे और कवितायेँ भी बेहतरीन थीं इसलिए शरद पूनम की रात, रात भर  लोग  काव्य आनंद में गोते लगाते रहे .

यूनिट के मुखिया श्री पी एस राणा के मुख्य आतिथ्य में संपन्न इस रंगारंग कार्यक्रम में सर्वश्री डॉ कर्नल वी पी सिंह, प्रताप फौज़दार, प्रदीप चौबे, योगेन्द्र मौदगिल, रामगोपाल शुक्ल  व अलबेला खत्री ने  काव्यपाठ किया . श्री प्रकाश यादव के संयोजन में संपन्न इस सफल कार्यक्रम में रायगढ़ के समाजसेवी श्री महावीर अग्रवाल  का भी विशेष योगदान रहा .

प्रख्यात हिंदी ब्लोगर श्री ललित शर्मा समेत सभी कवियों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह से सम्मानित करते हुए श्री राणा ने कहा कि  यह हास्य हंगामा उन्हें इतना  पसंद आया कि अगले वर्ष भी  इसका आयोजन करेंगे .

प्रस्तुत है  कुछ फोटो :

जय हिन्द !
-अलबेला खत्री

hasya hungama at nalwa officers club in raigarh CG by albela khatri

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अपनी चोरविद्या में संत तरुण सागर जी को क्यों शामिल करते हो भाई पाठक जी ?



मेरी एक साधारण सी कविता जो कि संयोग से बहुत प्रसिद्ध हो गयी है आजकल कई लोग उसे अपने काम में ले रहे हैं . कितने ही पोस्टर में वह छप चुकी है और गाहे ब गाहे कुछ लोग मंच पर भी सुना देते हैं  लेकिन  हद तो तब हो जाती है जब मेरी कविता को संत पुरुषों के सन्देश में ढाल कर उन्हीं की कविता बता दिया जाता है

ऐसा ही एक उदाहरण आप देख रहे हैं कि भास्कर अख़बार में किसी पाठक ने तरुण सागर जी कद नाम से छपवा रखी है ...सुना तो मैंने यहाँ तक है कि यह कविता तरुण सागर जी के कड़वे वचन नामक पुस्तक में भी प्रकाशित हो चुकी है

अब क्या करूँ ?  धन्यवाद दूं  इस चोरी के लिए  या विरोध करूँ ?

जय हिन्द ! 






अगर कवि सम्मेलन के आयोजक को यह कहना पड़े तो दुःख की बात है भाई .........




आज एक हास्य कवि सम्मेलन की टीम तथा बजट पर बातचीत के दौरान जब 


आयोजक ने मुझसे कहा कि "हम आपके कवियों को केवल शाकाहारी भोजन ही 

उपलब्ध करा पाएंगे" तो मुझे बड़ी हैरत हुई ...............मैंने कहा, " ऐसा  कहने 

की आपको ज़रूरत ही क्यों पड़ी ?  क्योंकि  कवि तो सरस्वती के साधक होते हैं 

इसलिए शाकाहारी ही होते हैं और हम लोग शाकाहारी भोजन ही करते हैं"


तब उन्होंने बताया कि  वे भी पहले ऐसा ही समझते थे परन्तु  गत वर्षों में उन्हें जो 


कटु अनुभव हुए हैं उनकी पुनरावृत्ति न हो, इसलिए बात पहले ही स्पष्ट कर रहे हैं कि 

उनके परिसर में मांसाहार नहीं मिलेगा ........


मुझे लगा जैसे किसी ने मेरे गाल पर थप्पड़ मार दिया हो



जय हिन्द !


अलबेला खत्री 


hasyakavi albela khatri

हम कलमकार हैं तो हमें सच को स्वीकार करने का हौसला भी दिखाना चाहिए


अभी कुछ दिन पहले मैंने एक पोस्ट में हिन्दी कवि सम्मेलनों पर चर्चा करते हुए कुछ विसंगतियों अथवा विकृतियों पर दुःख व्यक्त किया था जिसे कुछ लोगों ने सराहा और कुछ ने कराहा .....लिखा मैंने इसलिए था क्योंकि मैं  इसके लिए स्वयं को अधिकृत मानता हूँ  और अधिकृत इस बिना पर मानता हूँ  कि मैंने कविता के मंच को 27 साल तक जिया है . कविता के मंच पर इससे लेकर उस तक  सभी के साथ  बैठने और काव्यपाठ करने का अनुभव मेरे मानस पटल पर अंकित है . कविता और कवि सम्मेलन मेरे लिए कोई शगल नहीं  बल्कि रोज़ी रोटी है . मेरे घर का चूल्हा शब्द से प्राप्त अर्थ से जलता है  इसलिए इसके भले बुरे की चिन्ता  करना मेरा परम धर्म है .

देश-विदेश में जहाँ भी जाता हूँ,  कवि  सम्मेलन को उन्नत बनाने की ही कोशिश करता हूँ . तो क्या  मेरा यह दायित्व नहीं कि मैं इसके गुणगान के साथ साथ इसके स्वरूप को सुन्दर रखने का प्रयास भी करूँ ..........मेरे प्रिय मित्र और सुप्रसिद्ध कवि आदरणीय अरुण जैमिनी ने अभी एक भेंट में  मुझे समझाया कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए ...क्योंकि कवियों की आपस की बात बाहर जाने से कवि सम्मेलन की शान घटती है ............भाई  अरुण जैमिनी अपनी जगह सही है  क्योंकि वो मानते हैं कि थोडा बहुत तो चल जाता है परन्तु मैं इस बात से सहमत नहीं हूँ ...क्योंकि मैं समझता हूँ  कि कवि सम्मेलन की शान सच कहने से नहीं, बल्कि अहंकार के नशे में चूर चन्द कवियों की उन ओछी हरकतों से घटती है जिनका मेरे पास पूरा लेखा -जोखा है ....और जिन्हें मैं  एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित भी कर रहा हूँ .....किस किस तरह से कवि सम्मेलन को षड़यंत्र पूर्वक पतन के मुंह में धकेला गया है, कितनी  प्रकार से घेराबंदी करके  कविता और कवि  के साथ क्या क्या किया गया है, इसका समूचा नहीं तो न सही, परन्तु थोड़ा सा  हिसाब मेरे पास है .......आज से दस साल पहले जब हास्यकवि श्याम ज्वालामुखी ने मुझसे मार खाई थी तो अकारण ही नहीं खाई थी .....इसके अलावा विभिन्न शहरों में  जिन जिन कवियों की    अन्य कवियों ने, पब्लिक ने और आयोजकों ने जो कुटाई की है  वह  कोई प्रायोजित कार्यक्रम नहीं थे, बल्कि उन्हीं के कर्म थे जो बर्दाश्त के बाहर हो गए थे ...

हम कलमकार हैं तो हमें सच को स्वीकार करने का हौसला भी दिखाना चाहिए ....अगर हम भी अपने या अपनों के ऐब  छुपायेंगे  तो फिर  नेताओं में और हम में फर्क ही क्या रहेगा ?  एक दूसरे की ढांकने का काम तो वे भी कर ही रहे  हैं ....क्यों पाठक मित्रो ! क्या मैं ठीक कह रहा हूँ  या गलत ?

जय हिन्द !
अलबेला खत्री
hasyakavi albela khatri in mumbai

hasyakavi albela khatri in vapi

hasyakavi albela khatri in mumbai





बराड़ा महोत्सव 2 0 1 3 की पूर्णाहुति 2 0 0 फुट के विशालकाय रावण के अग्नि संस्कार के साथ संपन्न



श्री रामलीला क्लब बराड़ा , ज़िला अम्बाला द्वारा आयोजित पाँच दिवसीय बराड़ा 

महोत्सव 2 0 1 3 की पूर्णाहुति कल विजयादशमी की शाम 2 0 0 फुट के विशालकाय 

रावण के अग्नि संस्कार के साथ ही संपन्न हो गयी .


इस अद्भुत और अनूठे महोत्सव में विश्व कीर्तिमानधारी रावण के दहन की खबरें 


लगभग हर चैनल और समाचार-पत्र  में दिखाई दीं . आप भी देखिये एक झलक  

समाचार-पत्र की .........
बराड़ा  महोत्सव 2 0 1 3 की पूर्णाहुति
बराड़ा  महोत्सव 2 0 1 3 की पूर्णाहुति
बराड़ा  महोत्सव 2 0 1 3 की पूर्णाहुति

आइये हम सब मिल कर दुआ करें, अरदास करें, प्रार्थना करे कि आज की रात तूफ़ान कमज़ोर पड़ जाए


ताकि मानवता आहत न हो 

GOD SAVE US

GOD SAVE US

GOD SAVE US

बराड़ा का 200 फुटिया विशालकाय रावण भी उन हज़ारों में से एक था जिन्होंने हास्य कविताओं पर ठहाके लगाये


हास्यकवियों ने धूम मचाई बराड़ा महोत्सव 2013 में 

9 अक्टूबर की शाम हरियाणा में अम्बाला के निकट बराड़ा का 200 फुटिया विशालकाय रावण भी उन हज़ारों दर्शकों में से एक था जिन्होंने विभिन्न कवियों की हास्य कविताओं पर जम कर ठहाके लगाये . अलबेला खत्री के ऊर्जस्वित मंच संचालन में सर्वप्रथम अशोक झंझटी ने अपना रंग दिखाया जबकि अगले क्रम में पॉप्युलर मेरठी ने अपने खास अन्दाज़ में दर्शकों की वाहवाही लूटी . इसके बाद सम्पत सरल ने भी थोड़ी देर बातचीत की लेकिन उनके बाद अरुण जैमिनी ने तो जैसे कहकहों का तूफ़ान खड़ा कर दिया . जैमिनी के हरियाणवी रंग के बाद वरिष्ठ हास्यकवि सूर्यकुमार पाण्डे ने मंच को जमाया तथा अलबेला खत्री ने भी अपनी रंगारंग प्रस्तुति से ठीकठाक  ठहाके लगवा लिए  परन्तु महफ़िल अपने पूरे शबाब पर तो तब आई जब अशोक चक्रधर माइक पर आये . वे इस मंच पर गत वर्ष भी आ चुके थे और लोग जानते थे कि वे क्या सुनाने वाले हैं इसलिए जब तक वे माइक पर खड़े रहे उनके सम्मान में पूर्णतः सन्नाटा छाया रहा. लोगों ने अपने असीम धेर्य का परिचय देते हुए उन्हें पूर्णतः खामोशी से सुना . उनके ज़बरदस्त काव्यपाठ से प्रभावित हो कर हालांकि दो तिहाई  लोग उठ उठ कर लघुशंका के लिए जाने लगे परन्तु चक्रधरजी अपनी रौ में बहते हुए अपने चक्र से समय काटते रहे .....ख़ास बात यह थी कि उनकी कवितायें भले ही प्रसंगानुकूल न होने की वजह से  पब्लिक को रास नहीं आई  लेकिन मोबाईल के स्क्रीन पर देख देख कर  कविता पढने और बीच बीच में अटक जाने की उनकी अदा पर मंचासीन कविगण खूब मज़े लेते रहे . अंत में डॉ श्याम सखा श्याम ने  अध्यक्षीय संबोधन में कुछ विशिष्ट ग़ज़लें सुना कर काव्यसंध्या को सम्पूर्णता प्रदान की .

सूत्र संचालक अलबेला खत्री ने सभी कवियों को बेहतरीन अन्दाज़ में पढ़वाया तथा दर्शकों में भी पूर्ण उत्साह बनाए रखा . इस कवि सम्मेलन में देश के एक बहुत  बड़े कवि भी आमन्त्रित थे और आने वाले भी थे . वे आ जाते तो कार्यक्रम  और ज्यादा ऊंचाई छूता परन्तु उनके द्वारा सुझाई गई एक कवयित्री को नहीं बुलाने के कारण वे आयोजकों से रुष्ट हो गए और स्वयं भी नहीं आये . खैर ....ये तो चलता ही रहता है this is the part of kavi sammelan ......


अम्बाला के निकट बराड़ा जैसे छोटे से क़स्बे में ग़ज़ब का अनुभव मिला . श्री तेजेंद्रसिंह चौहान उर्फ़ नीटू प्रधान  के सौजन्य से अनेक वर्षों से वहां जो सांस्कृतिक महोत्सव हो रहे हैं  वो न केवल हरियाणा प्रदेश के लिए बल्कि समूचे भारत के लिए हर्ष और गर्व का विषय है . लगातार 5  दिन तक चलने वाले बराड़ा महोत्सव में इस बार 2 0 0 फीट ऊँचा रावण बनाया गया है  जो कि  गिनीज बुक आफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अंकित होगा . जबकि लिम्का बुक आफ़ रिकार्ड्स में तो तीन बार अंकित हो चुका है . इस बार इस महोत्सव को कवर करने के लिए पाकिस्तान से भी मेहमान पत्रकार आये थे .

यों तो गुरदास मान नाईट, शेरी मान नाईट, कव्वाली नाईट इत्यादि अनेक बड़े प्रोग्राम हो रहे हैं  परन्तु महोत्सव की शुरूआत हुई अखिल भारतीय कवि सम्मेलन से ..........

समारोह संयोजक परवीन जाफ़री ने पहले सभी कवियों का स्वागत किया तथा बाद में आभार प्रकट किया जबकि मुख्य अतिथि तेजेंद्रसिंह चौहान ने सभी सरस्वती पुत्रों को स्मृति चिन्ह भेंट किये

धन्यवाद  जाफ़री साहेब, शुक्रिया चौहान जी,  आभार बराड़ा की रसिक जनता और जय हो हरियाणा !

जय हिन्द !
barada mahotsav 2013
hasyakavi albela khatri on tour

लो जी एक बार फिर हँसी के सफ़र पर चला हास्यकवि अलबेला खत्री




सचमुच बड़ा आनंद अनुभव होता है मन में

सफ़र पर जाते वक्त

क्योंकि  लोग  सर आँखों पर बिठाते हैं 

कविता को और कवियों को

लो जी एक बार फिर हँसी के सफ़र पर चला हास्यकवि अलबेला खत्री
लो जी एक बार फिर हँसी के सफ़र पर चला हास्यकवि अलबेला खत्री
लो जी एक बार फिर हँसी के सफ़र पर चला हास्यकवि अलबेला खत्री
लो जी एक बार फिर हँसी के सफ़र पर चला हास्यकवि अलबेला खत्री

baap ki raah par beta bhi gaya kaam se .............hari ommmmmm


bete ko bhi usi umra me shauk lag gaya music ka 

jis umra me baap ko kavita ka laga tha ..........

ye bhi gaya kaam se ...............

albela khatri & alok khatri

albela khatri & alok khatri

albela khatri & alok khatri

राजस्थान के बारां शहर में नगर परिषद् द्वारा आयोजित विराट डोल मेला में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन


राजस्थान के बारां शहर में नगर परिषद् द्वारा आयोजित विराट डोल मेला में 

अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में काव्य-पाठ करके खूब आनंद आया .  बहुत 

बड़ी संख्या में दर्शक  रात भर बैठे कविता का आनंद लेते रहे  और कवि  भी झूम 

झूम कर प्रस्तुति देते रहे .
धन्यवाद बारां !

hasyakavi albela khatri in baran
jahan chaar yaar mil jayen........wahin raat ho gulzaar



आत्मिक नमन एवं श्रद्धांजलि






समूचे विश्व को भारतीय दर्शन तथा मानवीय संवेदनाओं से जोड़ने वाले अहिंसा अवतार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं "जय जवान - जय किसान" का स्वाभिमानी नारा दे कर भारत  के जन जन में नई चेतना जगाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्म दिवस पर  आत्मिक नमन एवं श्रद्धांजलि

जय हिन्द !


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