यों तो मुकेश अंबानी और मुझमें बहुत से फर्क हैं, मैं आपको गिनाना भी चाहूं तो कहां तक गिना और कहां तक आप झेलेंगे, लेकिन सबसे बड़ा फर्क ये है कि उनके पास सब कुछ है सि़र्फ टाइम नहीं है और मेरे पास टाइम ही टाइम है इसके अलावा कुछ नहीं है। फिर भी उनमें और मुझमें एक समानता है। वो ये कि उन्हें भी मुफ्तखोरों से परहेज है और मैं भी मुफ्तखोरों को मुंह नहीं लगाता । वे भी अपना माल किसी को फोकट में नहीं देते और मैं भी किसी को मुफ्त में एन्टरटेन नहीं करता। लेकिन कहना मत किसी से.... आज मैं आपको एक बात बिल्कुल निःशुल्क बता रहा हूं और वो बात ये है कि कल मैंने जो लेख लिखा था उसको सूरत शहर के बुद्धिजीवियों का .जबर्दस्त प्रतिसाद मिला। इतना मिला, इतना मिला कि दिन भर फोन आते रहे और मैं सबकी बधाइयां स्वीकार करता रहा। कुछ फोन परिचितों के थे, कुछ अपरिचितों के थे, लेकिन सबके सब लोकतेज के नियमित पाठक थे।
लोगों ने मेरे द्वारा अविष्कृत बहु प्रधानमंत्री फार्मूले की खूब प्रशंसा की और इसे एक क्रान्तिकारी सोच बता-बता कर मुझे ऐसा चने के झाड़ पे बैठाया कि अभी तक फूला नहीं समा रहा हूं, लेकिन लोगों ने प्रशंसा के साथ-साथ मुझे एक संकट भी दे दिया। उन्होंने डिमाण्ड की कि मैं उन्हें मेरे सपनों का मंत्रीमण्डल बनाकर दिखान्नं। अब मैं कोई चुनाव तो लड़ नहीं रहा हूं कि लोगों के वोट लेने के लिए अपना प्रधानमंत्री मण्डल घोषित करूं, लेकिन पाठक चाहते हैं इसलिए कर देता हूं।
तो साहब मैं आपको साफ-साफ बता दूं कि मैं अगर किसी सियासी पार्टी का सदर होता तो अपने घोषणा पत्र में और कुछ नहीं लिखता, केवल अपना भावी प्रधानमंत्री मण्डल ही लिखता जिसे देखकर सभी लोग मेरी पार्टी को समर्थन दे देते और सरकार भी बन जाती बिना किसी को बुढिय़ा बताये, बिना किसी का हाथ काटे और बिना किसी पर रोड रोलर चलाये। मेरी सरकार का वह हाहाकारी प्रधानमंत्री मण्डल ऐसा होताः-
वरिष्ठ प्रधानमंत्री : डॉ. मनमोहन सिंह
मुख्य प्रधानमंत्री : लालकृष्ण अडवाणी
विशेष प्रधानमंत्री : लालू यादव
कार्यवाहक प्रधानमंत्री : शरद पवार
अतिरिक्त प्रधानमंत्री : मुलायम सिंह
मनोनीत प्रधानमंत्री : मुरली मनोहर जोशी
उप प्रधानमंत्रीस (1) :प्रफुल्ल पटेल
उप प्रधानमंत्री (2) : अभिषेक मनु संघवी
उप प्रधानमंत्रीस (3) :अरुण जेटली
उप प्रधानमंत्री (4) : रामविलास पासवान
उप प्रधानमंत्री (5) : ममता बेनर्जी
प्रधान गृहमंत्री : नरेन्द्र मोदी
प्रधान वित्तमंत्री : चिदम्बरम
प्रधान खेलमंत्री : सचिन तेंदुलकर
प्रधान स्वास्थ्यमंत्री : जयललिता
प्रधान रेलमंत्री : कर्नल बैंसला
प्रधान उद्योगमंत्री : रतन टाटा
और इसी प्रकार बाकी सब मंत्रालय के भी प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिए जाते। ये आइडिया मुकेश अम्बानी को भी आ सकता था, लेकिन नहीं आया क्योंकि उनके पास ऐसी फालतू बातों के लिए टाइम नहीं है, और मुझे आना ही था क्योंकि अपने पास टाइम के अलावा कुछ नहीं है। क्यूं कैसी रही काका?
लोगों ने मेरे द्वारा अविष्कृत बहु प्रधानमंत्री फार्मूले की खूब प्रशंसा की और इसे एक क्रान्तिकारी सोच बता-बता कर मुझे ऐसा चने के झाड़ पे बैठाया कि अभी तक फूला नहीं समा रहा हूं, लेकिन लोगों ने प्रशंसा के साथ-साथ मुझे एक संकट भी दे दिया। उन्होंने डिमाण्ड की कि मैं उन्हें मेरे सपनों का मंत्रीमण्डल बनाकर दिखान्नं। अब मैं कोई चुनाव तो लड़ नहीं रहा हूं कि लोगों के वोट लेने के लिए अपना प्रधानमंत्री मण्डल घोषित करूं, लेकिन पाठक चाहते हैं इसलिए कर देता हूं।
तो साहब मैं आपको साफ-साफ बता दूं कि मैं अगर किसी सियासी पार्टी का सदर होता तो अपने घोषणा पत्र में और कुछ नहीं लिखता, केवल अपना भावी प्रधानमंत्री मण्डल ही लिखता जिसे देखकर सभी लोग मेरी पार्टी को समर्थन दे देते और सरकार भी बन जाती बिना किसी को बुढिय़ा बताये, बिना किसी का हाथ काटे और बिना किसी पर रोड रोलर चलाये। मेरी सरकार का वह हाहाकारी प्रधानमंत्री मण्डल ऐसा होताः-
वरिष्ठ प्रधानमंत्री : डॉ. मनमोहन सिंह
मुख्य प्रधानमंत्री : लालकृष्ण अडवाणी
विशेष प्रधानमंत्री : लालू यादव
कार्यवाहक प्रधानमंत्री : शरद पवार
अतिरिक्त प्रधानमंत्री : मुलायम सिंह
मनोनीत प्रधानमंत्री : मुरली मनोहर जोशी
उप प्रधानमंत्रीस (1) :प्रफुल्ल पटेल
उप प्रधानमंत्री (2) : अभिषेक मनु संघवी
उप प्रधानमंत्रीस (3) :अरुण जेटली
उप प्रधानमंत्री (4) : रामविलास पासवान
उप प्रधानमंत्री (5) : ममता बेनर्जी
प्रधान गृहमंत्री : नरेन्द्र मोदी
प्रधान वित्तमंत्री : चिदम्बरम
प्रधान खेलमंत्री : सचिन तेंदुलकर
प्रधान स्वास्थ्यमंत्री : जयललिता
प्रधान रेलमंत्री : कर्नल बैंसला
प्रधान उद्योगमंत्री : रतन टाटा
और इसी प्रकार बाकी सब मंत्रालय के भी प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिए जाते। ये आइडिया मुकेश अम्बानी को भी आ सकता था, लेकिन नहीं आया क्योंकि उनके पास ऐसी फालतू बातों के लिए टाइम नहीं है, और मुझे आना ही था क्योंकि अपने पास टाइम के अलावा कुछ नहीं है। क्यूं कैसी रही काका?
1 comments:
vah-vah sab ko khush kar diya
isse pata chalta hai k poltics me khatri kitne smart hai......
Post a Comment