नीयत हो यदि साफ़ हमारी बाबाजी
नियति भी तब लगेगी प्यारी बाबाजी
पुस्तक, सी डी और दवायें बेच रहे
सन्त नहीं, वे हैं व्यापारी बाबाजी
कोई किसी का सगा नहीं है दुनिया में
सब मतलब की रिश्तेदारी बाबाजी
दाज नहीं तो दूल्हा बैरंग लौट गया
इसको कहते दुनियादारी बाबाजी
तुम पूछो या मत पूछो, मैं कहता हूँ
क़र्ज़ है सबसे बड़ी बीमारी बाबाजी
ऊँची एड़ी वाले सैंडिल फिसले तो
लग जायेगी चोट करारी बाबाजी
अलबेला खत्री तो कुछ भी लिखता है
लगता इसकी मति गई मारी बाबाजी
-अलबेला खत्री
नियति भी तब लगेगी प्यारी बाबाजी
पुस्तक, सी डी और दवायें बेच रहे
सन्त नहीं, वे हैं व्यापारी बाबाजी
कोई किसी का सगा नहीं है दुनिया में
सब मतलब की रिश्तेदारी बाबाजी
दाज नहीं तो दूल्हा बैरंग लौट गया
इसको कहते दुनियादारी बाबाजी
तुम पूछो या मत पूछो, मैं कहता हूँ
क़र्ज़ है सबसे बड़ी बीमारी बाबाजी
ऊँची एड़ी वाले सैंडिल फिसले तो
लग जायेगी चोट करारी बाबाजी
अलबेला खत्री तो कुछ भी लिखता है
लगता इसकी मति गई मारी बाबाजी
-अलबेला खत्री
jai maa hinglaj,hingulaj,khatri,brahamkhatri,brahamkshtriya, raniwada,barmer,lodrava,lasbela,,albela khatri |
4 comments:
आज तो और बुरे फ़ंसे बाबाजी.:)
रामराम
व्यापार तो हर जगह है फिर बाबा जी क्यों रहे पीछे.
अलबेला खत्री तो कुछ भी लिखता है
लगता इसकी मति गई मारी बाबाजी
नहीं, असहमत हूँ आपसे :)
कुछ भी नहीं आप बहुत कुछ लिखते हैं ...
सादर !
अलबेला खत्री तो कुछ भी लिखता है
लगता इसकी मति गई मारी बाबाजी
Post a Comment