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Saturday, December 3, 2011
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Thursday, November 10, 2011
भाई देश चलाने वाले
डेढ़ हुशियार नेताओ, प्रशासको, अधीनस्थ अधिकारी इत्यादियो !
आपको अफज़ल गुरू
या अजमल कसाब को फांसी पर लटकाने में दिलचस्पी नहीं है
तो कोई बात नहीं,
मुझे भी कोई जल्दी नहीं है उनकी मौत का समाचार बांचने की
लेकिन इतना तो बताओ कि अगर ये लोग तुम्हारे बिना कुछ किये, अगर अपनी
मौत मर गये तो क्या होगा ?
ये सच है कि जो जन्मा है वह एक दिन मरेगा ही..........कब मरेगा ये कोई भी नहीं
जानता, भगवान न करे अगर कसाब या अफजल अगर टें बोल गये और तुम्हारी
हिरासत में बोल गये तो कितना रुपया चुकाओगे मुआवज़े का ?
ये मानवाधिकार वाले, ये राष्ट्रसंघ वाले, ये पाकिस्तान वाले, ये वाले, वो वाले जब
हिसाब मांगेंगे कि कैसे मर गये, तब क्या कहोगे ? इस बात का विचार करो और
फ़ांसी देने वाला रस्सा तैयार न हो तो फिर करोड़ों रुपया तैयार रखो अपने
दामादों का मौताणा चुकाने के लिए
जय हिन्द !