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Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

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Albela Khatri

आओ आपको सुखी कर दूँ ...........

सन्तों ने कहा है कि लालच बुरी बला है
दुनिया में जितनी भी व्याधियां और तनाव हैं, सब धन के कारण है ..........धन को कमाना तो मुश्किल है ही उसे सम्हालना और भी मुश्किल हैरात-रात भर आपको नींद नहीं आती ..कहीं चोर चुरा ले, कहीं आयकर वाले छापा मार दें, कहीं कोई गुंडा अपहरण कर के फिरौती मांगले वगैरह वगैरहयानी आप पैसों के कारण बहुत दुखी हैं ............आओ आपका दुःख मैं बाँट लूँ .......

अपना सारा तनाव और तनाव की जड़ अपना धन मुझे दे दो............और निश्चिंत हो जाओ ...सुख की नींद सो जाओ .....मैं सब सम्हाल लूँगा...............चोर हमेशा से ही मेरी उपेक्षा करते आए हैं ........आयकर वालों को मैं दिखता नहीं और अपहरणकर्ता मुझे इस लायक ही नहीं समझते .........इसलिए हे भले लोगो, इस सुविधा का लाभ उठाइएअपना धन दे कर तन-मन का आनन्द भोगिये ..............यह सेवा बिल्कुल नि:शुल्क है

जल्दी करें .............ऑफर केवल दिसम्बर 2050 तक ....हा हा हा हा हा हा हा हा

7 comments:

Murari Pareek June 22, 2009 at 3:17 PM  
This comment has been removed by the author.
Murari Pareek June 22, 2009 at 3:44 PM  

मनुष्य अपने दुःख: स्वंयम ही भोगता हैं !!अत: हे अलबेले दुखी मनुष्यों को उनके हाल पे छोड़ दे!!! विधाता के लेख पर हेरा फेरी न कर |

राज भाटिय़ा June 22, 2009 at 3:45 PM  

क्या बात है मियां, लेकिन अगर इतनी रक्म सुन कर इंकमटेकस वाले पीछे पड गये तो????
मुझे शिकायत है
पराया देश
छोटी छोटी बातें
नन्हे मुन्हे

Science Bloggers Association June 22, 2009 at 4:37 PM  

बढिया घटना है।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

Udan Tashtari June 22, 2009 at 5:43 PM  

जब वहाँ लोग जमा करें और न संभले आपसे तो यहाँ विदेशों में जमा करने की सुविधा देते हैं, भिजवा देना. :) जितना दूर रहेगा, उतना अधिक सुख!

शेफाली पाण्डे June 22, 2009 at 7:13 PM  

sach hai ....lekin avadhi bahut kam hai

RAJNISH PARIHAR June 22, 2009 at 8:45 PM  

बहुत ही अच्छी लगी आपकी रचना...

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