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नकली नोटों के संकट का समाधान !

इन दिनों भारत में नकली नोट खूब तेज़ी से चल रहे हैं। आम आदमी के लिए बड़ी तकलीफ़ इस बात की है

कि
हम तो पहचान नहीं पाते .....लेकिन बैंक में जमा कराने जाओ तो बैंक वाले पहचान लेते हैं और

इसका परिणाम ये होता है कि तो बैंक वाले नोट वापस देते हैं, ही जमा करते हैं ...उल्टे पुलिस को

सूचना देकर हमें फंसा देते हैं जैसे वो नकली नोट हमने अपने घर में छापे हों ............


हालाँकि इतने बड़े लोक तंत्र में बिना तंत्र की मिलीभगत के ये काम हो ही नहीं सकता ..लेकिन

इस समय अपना काम आग बुझाना है आग लगाने वाले को पकड़ना नहीं ।



लोक भी परेशान हैं और लोक सभा भी परेशान है , किसी के पास कोई तरीका नहीं है इस समस्या से

निपटने का इसलिए मैंने पुराने ज़माने का एक नया रास्ता निकाला है मेरा विश्वास है कि ये तरीका

हमारे असली देश में नकली नोटों के प्रचलन पर पूर्ण विराम लगा सकता है


क्या है ये तरीका ?

ये है तरीका :

1000 और 500 के नोट तुरन्त बन्द करो ......और उसके स्थान पर 5000, 10000, 50000

और 100000 के सिक्के शुरू करो ...ये सिक्के शुद्ध सोने के होने चाहिए और सोने का वज़न उस

मूल्य के बराबर नहीं तो कम से कम आस-पास तो होना ही चाहिए ।


इस तरीके से कई लाभ एकसाथ होंगे । जैसे :


1. नोटों की बार-बार होने वाली महंगी छपाई के खर्च बचेंगे और भारी संख्या में कागज़ों की

लागत के कारण कटने वाले वृक्षों का बचाव होगा . यानी पर्यावरण को भी फ़ायदा होगा ।


2. नकली नोट को छापना आधुनिक तकनीक के कारण सरल है, लेकिन उसे पहचानना मुश्क़िल है

जबकि सोने के सिक्के बनाना मुश्क़िल होगा और पहचानना सरल होगा लिहाज़ा इस काले धन्धे

पर रोक लगेगी ।


3. नोटों में भार भी ज़्यादा होता है और लाखों रुपया कहीं लाना लेजाना हो तो वह जगह भी खूब

घेरता है साथ ही चोरी-चकारी का भय भी रहता है जबकि बड़े मूल्य के सिक्कों के लिए तो धारक की

जेब ही पर्याप्त रहेगी , कोई सूटकेस भरने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी ।



4. काग़ज़ के नोट का सदैव अवमूल्यन होता है लेकिन सिक्के के अवमूल्यन का सवाल ही पैदा नहीं

होता बल्कि अभिवृद्धि ही होगी ......जैसे जैसे सोने का भाव बढेगा, सिक्के का भाव भी स्वमेव बढेगा ।


5. नकली नोट इसलिए छापे जाते हैं क्योंकि उनमें लागत कम आती है और चलाना सरल होता है

जबकि सोने के सिक्के बनाना बड़ा महंगा सौदा होगा कोई इस पचड़े में नहीं पड़ना चाहेगा

इसलिए ये तरीका ठीक रहेगा ।


________________देखो भाई, अपना काम है समस्या का हल ढूँढना जो अपन ने ढूंढ लिया

। बाकी काम है सरकार का ....अगर सरकार वास्तव में इस संकट को ख़त्म करना चाहती है तो

मेरी बात मान ले और अगर सरकारी लोग ख़ुद ही इस चोरबाजारी में लिप्त हैं तो मैं क्या मेरे

स्वर्गवासी पिताजी भी कुछ नहीं कर सकते .............हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा




पाठक कृपया क्षमा करें ...तकनीकी गड़बड़ के कारण आलेख की सैटिंग बे तरतीब सी है

16 comments:

ओम आर्य June 24, 2009 at 11:02 AM  

BAHUT HI BADHIYA JANKARI DI HAI AAPNE TATHA KAEE TARAH SE JYANWARDHAK HAI

अविनाश वाचस्पति June 24, 2009 at 11:11 AM  

अलबेला जी
विचार तो आपने दिया है नवेला जी
लेकिन समस्‍या जहां पर आप
कर रहे हैं संपन्‍न
वो वहीं से तो हो रही है शुरू


आप कागज के असली नकली तो पहचान नहीं पाते
सोना असली है या पीतल नकली है
या सोना नकली है और पीतल असली है
कैसे पहचानेंगे
उठाए उठाए फिरेंगे
जेबें रूपी थैले भी उनके भार से फटेंगे
बाद में वे नकली निकलेंगे
कपड़े भी फटे और सम हल भी न हुआ
रहे वही ढाक के तीन पात
फिर तो इससे अच्‍छी है
जो चल रही है
नकली नोटों की सौगात।

सरकार की निकल रही है बारात
उसमें जो नकली लगें वे सारे उड़ा दो
जो असली उड़ायें उन्‍हें जेबों में अटा लो।

ज्‍यादा ही लग रहा है डर
तो ले लो नोट चैकर पोर्टेबल
जो सिर्फ 500 रुपये की आती है
दिल्‍ली में मिल जाती है
जिसे खरीदनी हो
एक ड्राफ्ट/धनादेश भेजे
और हमसे तुरंत मंगा ले
गर खत्‍म हो गईं तो
फिर न कहना
खबर न हुई।

ओम आर्य June 24, 2009 at 11:12 AM  

EK SHANDAR OUR JAANDAR POST ........JISAME JANKARI JANKARI HI JANKARI HAI

विनोद कुमार पांडेय June 24, 2009 at 11:16 AM  

सुंदर लेख,
सावधानी बरतना होगा,नकली नोटो से बचने के लिए,
अच्छा लगा,धन्यवाद

RAJ June 24, 2009 at 11:17 AM  

sahi baat kahi hai....sir ji but I think nakli sone ke sikke yadi kisi ko bhi diye jayenge to pahchan nahi payega.

It will be much easier for them to make fake coins with brass and strong polish of gold.

In the ancient time no one was making fake coins becoz they know that they will be hanged by king.
But In India everyone knows that there are thousands tricks to get no punishment.

How many big fishes are hanged for making fake currency? In these cases Only general public is treated as criminal by our police.

I think only plastic money is the best solution. But for that 100% population should have dr/cr cards and bank accounts.It will also remove black money and Tax theft.

This is implemented in Singapore and soon there will be no paper money.

cartoonist anurag June 24, 2009 at 11:38 AM  

aap ke is tarah ke sujhvon ko padkar sonia gandhi aapko bharat ka vitt mantri bana degi...
aour desh ke dushman aapke dushman ban jayenge...
savdhan rahiyega...
LEKIN HAR KADAM PAR HUM AAPKE SATH HAIN...

परमजीत सिहँ बाली June 24, 2009 at 11:40 AM  

अलबेला जी यह उपाय शायद कारगर ना हो सके कारण तो अविनाश जी बता चुके हैं। इस समस्या का समाधान सरकार के हाथों में ही है वःइ कुछ करे तभी कुछ हो सकेगा।

अविनाश वाचस्पति June 24, 2009 at 11:55 AM  

ऐसा कीजिए सारे नोट यहीं भेज दीजिए
असली नकली के झंझट में मत पडि़ए
जो गया न समाधान
सिर्फ इसलिए थे परेशान।

Unknown June 24, 2009 at 12:06 PM  

sajjano !
aapke shaandaar comments k liye aabhaar...lekin aap ye zaroor sochiye ki sone ka vazan noton se bahut kam hoga, INR har mulk me nahin chalte lekin gold coin toh sab jagah chalenge, unhen lene me kisi ko koi pareshaani nahin hogi...raha sawaal pahchanne ka toh not ko pahchanne me gachha kha sakte hain lekin sona pahchanna sunaar k zariye bada aasaan hai

sarkaar aisaa intzaam kar bsakti hai ki jisse us sikke ki nakal ho hi na sake aur sabse achhi baat toh ye hai ki ek toh sone ki taskari band hogi ...dusre yadi sikke kalaatmak honge to bahut saalon baad durlabh sikkon ki tarah apnee kimat se kai guna mahnge bikenge....

vaise ye bhi thik na lage toh mujhe sathiyaya nhua samajh k muaaf kar den kyon ki aaj main sachmuch sathiya gaya hoon
AAJ MERE BLOG KO SHURU HUE 60 DIN POORE HOGAYE HAIN NA......................ha ha ha ha ha ha ha

रंजन June 24, 2009 at 2:05 PM  

सतयुग के सोने के सिक्के
कलयुग में कैसे चलेगें..
नकली आदमी चल जाते है
तो नोट काहे नहीं चलेगें..

Kajal Kumar June 24, 2009 at 3:31 PM  

नकली नोट बंद हो गए तो पकिस्तान की अर्थव्यवस्था का क्या होगा भाई ?...अम्रीका के भरोसे का तक बैठे रहेंगे वो.

Shruti June 24, 2009 at 6:26 PM  

Plastic money (debit/credit card) ke time mein note aur sikko ka kya kaam ???

Gyan Darpan June 24, 2009 at 6:54 PM  

फिर सोने के मिलावटी सिक्के बाजार में आ जायेंगे | तब क्या करेंगे |

राजीव तनेजा June 24, 2009 at 9:08 PM  

विचार तो सोलह आने बढिया और ताज़ा है

स्वप्न मञ्जूषा June 24, 2009 at 9:47 PM  

नकली की आदत हो जहाँ
असली कैसे चलाएँगे
असली घी खाकर
कुत्ते(मंत्रीगण)तो मर जायेंगे

अविनाश वाचस्पति June 25, 2009 at 9:26 AM  

http://jhhakajhhaktimes.blogspot.com/2009/06/blog-post_23.html इस पोस्‍ट पर समाधान दिया गया है।

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