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Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

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Albela Khatri

है बाकी अभी...............

अक़्स--सावन उभरना है बाकी अभी

रुत का सजना, संवरना है बाकी अभी


उनकी क़ातिल अदाओं का दिल में मेरे

दशना बन के उतरना है बाकी अभी


उनकी गलियों से तो कल गुज़र आए हैं

अपनी हद से गुज़रना है बाकी अभी


उनके आने के झूठे भरम का दिल !

टूटना और बिखरना है बाकी अभी


जल्दबाजी कर 'अलबेला' इस कदर

उनका इज़हार करना है बाकी अभी

7 comments:

Udan Tashtari June 25, 2009 at 8:59 AM  

क्या बात है!

महेन्द्र मिश्र June 25, 2009 at 9:04 AM  

अक़्स-ए-सावन उभरना है बाकी अभी
रुत का सजना, संवरना है बाकी अभी

बहुत बढ़िया मनभावन रचना बधाई.

स्वप्न मञ्जूषा June 25, 2009 at 9:46 AM  

jab sab kuch baaki hi hai to ab tak kahan the aap ?????

mazaak hai baba !!

उनकी गलियों से तो कल गुज़र आए हैं
अपनी हद से गुज़रना है बाकी अभी

bahut khoobsurat....

Anil Pusadkar June 25, 2009 at 10:00 AM  

उनके इज़हार का हमे भी है इंतज़ार्।

ताऊ रामपुरिया June 25, 2009 at 10:13 AM  

बहुत लाजवाब रचना.

रामराम.

RAJ SINH June 25, 2009 at 11:02 AM  

टूटना और बिखरना तो लगा रहता है
हाँ उट्ठे तो कोई आवाज़ अभी बाकी है

फिर मिलेंगे , मिलते रहेंगे .........एक रह के ही रही हैं .

ओम आर्य June 25, 2009 at 12:36 PM  

thoda intajar kar lena aawshyaka hai ............intajaar fal mitha hota hai............

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